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पैरों में खून का थक्का जमने के हो सकते हैं ये 4 अनजाने कारण, शुरू से ही रहें सतर्क

Blood Clots Causes In Legs In Hindi: पैरों में खून के थक्के बनने के कई कारण हो सकते हैं। इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें-
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पैरों में खून का थक्का जमने के हो सकते हैं ये 4 अनजाने कारण, शुरू से ही रहें सतर्क


Causes Of Blood Clots In Legs In Hindi: खून का थक्का बनना हमारे शरीर के लिए एक अहम प्रक्रिया है। जब भी शरीर से कहीं खून बहता है, तो थक्के बनने की वजह से खून बहना बंद हो जाता है। वैसे आपको बता दें कि यह एक जटिल प्रक्रिया है। इसमें प्लेटेलेट और ब्लड में मौजूद क्लॉटिंग फैक्टर्स मिलकर काम करते हैं, जिससे खून बहना बंद हो सके। इस नेचुरल प्रक्रिया में बॉडी खुद को रिपेयर भी करती है। बहरहाल, क्या आप जानते हैं कि कभी-कभी ब्लड क्लॉटिंग की यह प्रक्रिया आपके शरीर को फायदा पहुंचाने के बजाय नुकसान पहुंचा सकती है? ऐसा तब होता है, जब ब्लड क्लॉटिंग एक्सेस में होती है और यह चोट को रिपेयर करने के बाद ठीक से घुलती नहीं है। याद रखें कि ब्लड क्लॉटिंग शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है। पैरों में भी यह समस्या देखने को मिल सकती है। इस लेख में हम जानेंगे कि पैरों में ब्लड क्लॉटिंग क्यों होती है? इसके क्या-क्या कारण हो सकते हैं। इनके बारे में जानकर आप पहले से सतर्क हो सकते हैं और समस्या को गंभीर होने से पहले रोक सकते हैं। इस बारे में जानने के लिए हमने नोएडा सेक्टर 71 स्थित कैलाश अस्पताल में Sr. Consultant - Internal Medicine डॉ. प्रभात कुमार और नई दिल्ली के पटपड़गंज स्थित मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में सीनियर डायरेक्टर डॉ. आशीष गौतम से बात की।

पैरों में ब्लड क्लॉटिंग होने के कारण- What Are The Causes Of Blood Clots In Legs In Hindi

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लंबे समय तक एक ही पोजिशन पर बैठे रहना

अगर आप लंबे समय तक एक ही जगह बैठे रहते हैं, जैसे लंबी फ्लाइट लेते हैं या सारा दिन बेड रेस्ट करते हैं, तो पैरों में क्लॉटिंग हो सकती है। सवाल है, ऐसा क्यों होता है? असल में, जब आप एक ही जगह बैठे रहते हैं, तो आप अपने पैरों को ज्याद मूव नहीं करते हैं। ज्यादा मूव नहीं करने की वजह से पैरों में ब्लड का फ्लो कम हो जाता है। यह ब्लड क्लॉटिंग का रिस्क बढ़ाता है।

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सर्जरी के कारण हो सकती है पैरों में ब्लड क्लॉटिंग

अगर किसी की घुटने या हिप की सर्जरी हुई हो, तो उन्हें भी पैरों में ब्लड क्लॉटिंग की समस्या हो सकती है। क्योंकि सर्जरी की वजह से ब्लड फ्लो पर नेगेटिव असर पड़ता है। हालांकि, इस तरह की समस्या अस्थाई होती है। लेकिन इससे रिकवरी के लिए डॉक्टरों दवा देते हैं। ये दवा 3 से 6 महीने तक चल सकती है। अगर लंबे समय तक परेशानी बनी हुई है, तो बेहतर है कि आप एक्सपर्ट की सलाह लें।

मोटापा बढ़ाता है पैरों में ब्लड क्लॉटिंग

यह बात आपने कई बार लोगों को कहते सुना होगा कि मोटापा अपने आप में बीमारी न होते हुए भी यह गंभीर बीमारियों का कारण बनता है। असल में, मोटापे के कारण वेन्स पर अतिरिक्त दबाव बनता है, जिससे ब्लड फ्लो सही तरह से नहीं हो पाता है। ऐसे में पैरों ही नहीं, शरीर के कई अन्य हिस्सों में भी क्लॉटिंग का रिस्क बढ़ सकता है

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मेडिकल कंडीशन भी हैं क्लॉटिंग के लिए जिम्मेदार

पैरों में ब्लड क्लॉटिंग के पीछे कई गंभीर बीमारियां भी कारक हैं। इसमें कैंसर, हार्ट फेलियर आदि शामिल हैं। आपको बता दें कि कैंसर के दौरान मरीज की बॉडी में क्लॉटिंग फैक्टर देखा जा सकता है। इसका नेगेटिव प्रभाव पैरों में भी दिखता है। वहीं, अगर किसी को हार्ट से जुड़ी प्रॉब्लम है, तो यह अपने आप में खतरे की घंटी है। हार्ट के खराब होने पर वह सही तरह से ब्लड पंप नहीं कर पाता है, जिससे ब्लड फ्लो धीमा हो जाता है। ऐसे में पैरों में ब्लड क्लॉटिंग होने का जोखिम भी बढ़ जाता है।

All Image Credit: Freepik

FAQ

  • पैर में खून के थक्के जमने के क्या लक्षण हैं?

    पैरों में खून के थक्के जमने पर कई लक्षण नजर आ सकते हैं, जैसे सूजन, पैरों में दर्द, रेडनेस और प्रभावित हिस्सा गर्म महसूस होना। इसके अलावा, स्किन का रंग बदल जाता है और नसें भी उभरी हुई नजर आती हैं।
  • खून का थक्का जमने की बीमारी कौन सी है?

    खून का थक्का जमना किसी तरह की बीमारी नहीं है। इसके उलट, यह एक सामान्य प्रक्रिया है, जिससे खून बहना बंद हो सके। लेकिन, जब भी ब्लड क्लॉटिंग गलत तरकी से होती है, तो यह एक समस्या बनकर उभरने लगती है।
  • पैरों में ब्लड फ्लो कैसे चेक करें?

    अगर आपके पैरों में झनझनाहट, सुन्नपन और सुई चुभने जैसी दिक्कतें होती हैं, तो इन्हें इग्नोर न करें। यह ब्लड फ्लो प्रभावित होने के संकेत हो सकते हैं।

 

 

 

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