9 महीने की प्रेग्नेंसी के बाद बच्चे की डिलीवरी करवाने के 2 ही तरीके हैं। पहला नॉर्मल डिलीवरी और दूसरा सिजेरियन डिलीवरी। ज्यादातर डॉक्टर आज भी नॉर्मल डिलीवरी को ही प्राथमिकता देते हैं। क्योंकि नॉर्मल डिलीवरी, सिजेरियन के मुकाबले आसान होती है। सी-सेक्शन की तुलना में नॉर्मल डिलीवरी में कम टांके आते हैं और इसमें रिकवरी भी जल्दी हो जाती है। जबकि प्रेग्नेंसी के दौरान किसी तरह की परेशानी, बीमारी या समय पूरा होने के बाद भी जब नॉर्मल डिलीवरी नहीं होती है तब डॉक्टर सिजेरियन डिलीवरी की सलाह देते हैं। सिजेरियन डिलीवरी करवाने वाली महिलाओं क मन में यह सवाल आता है उन्हें कैसा कट लगेगा और इस दौरान कितने टांके लगाए जाएंगे।
सिजेरियन डिलीवरी के दौरान कितने टांके आते हैं डिलीवरी के बाद टांकों को देखभाल कैसे करनी चाहिए, इसकी जानकारी गायनेकोलॉजिस्ट तान्या गुप्ता ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर करके दी है। आइए जानते है इसके बारे में।
सिजेरियन डिलीवरी में कितने टांके आते हैं?
गायनेकोलॉजिस्ट तान्या गुप्ता की मानें तो सिजेरियन डिलीवरी के दौरान सबसे पहले महिला के यूट्रेस को बंद किया जाता है। यूट्रेस को बंद करने के दौरान ही 8 से 13 टांके लगाए जाते हैं। सिजेरियन डिलीवरी के दौरान यूट्रेस पर लगाए जाने वाले टांके थोड़े टाइट होते हैं, ताकि इसका मुंह खुद से खुल न जाए। यूट्रेस को बंद करने के बाद महिला के पेट के निचले हिस्से पर कट लगाया जाता है और बच्चे को बाहर निकाला जाता है। बच्चे के जन्म के बाद पेट के निचले हिस्से पर लगे कट को बंद करने के लिए टांके लगाए जाते हैं।
पेरिटोनियम पर लगाए जाते हैं 4 से 5 टांके
डॉ. तान्या का कहना है कि बच्चे के जन्म के बाद पेरिटोनियम पर टांके लगाए जाते हैं। इन टांकों की संख्या 4 से 6 हो सकती है। इसके बाद रेक्टस शीथ को बंद करने के लिए भी 4 से 5 टांके लगाए जाते हैं। रेक्टस शीथ को बंद करने के बाद मसल लेयर को बंद करने की बारी आती है। इसके लिए भी 3 से 4 टांके लगाने की जरूरत होती है।
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फैट लेयर को बंद करने के लिए भी लगते हैं टांके
एक्सपर्ट का कहना है कि सिजेरियन डिलीवरी के दौरान सबसे आखिर में फैट लेयर को बंद किया जाता है। इस लेयर को बंद करने के लिए भी डॉक्टरों को 2 से 3 टांके लगाने होते हैं। अपने वीडियो में डॉक्टर ने आगे बताया कि इस सबके बाद वो स्किन को क्लोज करते हैं और इसमें एक टांका लगाया जाता है। खास बात है यह है कि स्किन को क्लोज करने वाले टांके में ज्यादा दर्द नहीं होता है और न ही इसका दाग त्वचा पर दिखाई देता है।
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सिजेरियन डिलीवरी के बाद टांकों की देखभाल कैसे करें?
गुरुग्राम स्थित सीके बिरला अस्पताल की गायनेकोलॉजिस्ट आस्था दयाल का कहना है कि सिजेरियन डिलीवरी आज के समय में बहुत ही कॉमन हो चुकी है। जिन महिलाओं को हेल्थ ईशूज नहीं भी हैं वो नॉर्मल डिलीवरी के दर्द से बचने के लिए सिजेरियन करवाती हैं। सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो टांके जल्दी भरते हैं और महिला की रिकवरी तेजी से हो सकती है। आइए जानते हैं सिजेरियन डिलीवरी के बाद टांकों की देखभाल कैसे करें?
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सफाई का ध्यान रखें : पेट के निचले वाले हिस्से में जहां टांके लगे हैं वहां की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। टांके वाली जगह को हल्के गीले कपड़े से साफ करें और डॉक्टर द्वारा दी गई क्रीम लगाएं।
रोजाना नहाएं : डॉक्टर की मानें तो सी-सेक्शन डिलीवरी के दौरान आज भी महिलाओं को न नहाने की सलाह दी जाती है। भारतीय महिलाओं को आज भी ऐसा लगता है कि सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद अगर वह नहाएंगी तो इससे उनके टांकों में पानी चला जाएगा और वह पक जाएंगे। जबकि आजकल सी-सेक्शन के बाद वाटरप्रूफ टेप का इस्तेमाल किया जाता है। कुछ जगहों पर सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद स्प्रे किया जाता है, जिससे टांके के अंदर पानी नहीं जाता है। अगर आप रोजाना नहाती हैं तो इससे टांकों पर गंदगी और बैक्टीरिया जमा नहीं होते हैं।
एंटी-बायोटिक दवाएं लें : सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद महिलाएं अपनी दवाएं सही तरीके से नहीं लेती हैं। इसकी वजह से भी टांके पक जाते हैं। अमूमन सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती है, महिला को उसका सेवन सही समय पर और सही तरह से करना चाहिए।
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