How To Deal With Premenstrual Syndrome: प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम जीवनशैली से जुड़ी समस्या है। इस समस्या में पीरियड्स शुरू होने से कई दिनों पहले ही महिला में कई बदलाव आने लगते हैं। इस दौरान महिलाओं में शारीरिक बदलाव के साथ भावनात्मक बदलाव भी देखने को मिलते हैं। ऐसे में महिलाओं को मूड स्विंग्स, भूख न लगना, थकावट ज्यादा रहना या चिड़चिड़ा होने जैसी समस्याएं होने लगती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करने से प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम को कंट्रोल रखा जा सकता है। इस बारे में जानकारी देते हुए होम्योपैथ और न्यूट्रिशनिस्ट स्मिता भोईर पाटिल ने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर किया है। आइए लेख के माध्यम से समझें इस बारे में।
प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम से राहत पाने के लिए अपनाएं ये तरीके- how to deal with premenstrual syndrome
अदरक का सेवन करें- Consume Ginger
अदरक की चाय या पानी का सेवन से आपको क्रैम्प्स से राहत मिल सकती है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर के दर्द से राहत दे सकते हैं। यह कमर और पैरों का दर्द कम करने में मदद कर सकता है। साथ ही, इसके सेवन से आपको पाचन से जुड़ी समस्याओं से राहत भी मिल सकती है। इसलिए अपनी डेली डाइट में थोड़े अदरक का सेवन जरूर करें।
डार्क चॉकलेट- Dark Chocolate
डार्क चॉकलेट के सेवन से आपके मूड स्विंग्स कम हो सकते हैं। इसमें मैग्नीशियम होता है, जो क्रेविंग्स और मूड स्विंग्स कंट्रोल करने में मदद करता है। मैग्नीशियम लेने से मसल्स रिलैक्स होती है और क्रैम्प्स भी कम होते हैं।
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नट्स और सीड्स- Nuts and Seeds
नट्स और सीड्स में एंटीऑक्सीडेंट और ओमेगा-3 फैटी एसिड पाए जाते हैं। साथ ही, इसमें हेल्दी फैट्स होने के साथ विटामिन-ई जैसे पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। ये सभी पोषक तत्व ब्लोटिंग और ब्रेस्ट से जुड़ी समस्याओं से आराम दे सकते हैं। साथ ही, इनसे पीरियड्स और हार्मोन्स भी बैलेंस रहते हैं। इसलिए अपनी डाइट में बादाम, अखरोट, चिया सीड्स और अलसी से बीज जैसे नट्स और सीड्स शामिल करें।
कॉड लीवर ऑयल- Cod Liver Oil
अपनी डाइट में कॉड लीवर ऑयल जरूर शामिल करें। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड के साथ विटामिन-डी भी होता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं, जो मूड स्विंग्स और सूजन कम करने में मदद कर सकते हैं।
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योगा करने की आदत बनाएं- Yogasan
प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम कंट्रोल करने के लिए सबसे अच्छा तरीका योगा करना है। योग करने से तनाव कम होता है और मूड स्विंग्स की समस्या नहीं होती। इससे आपको अपनी इमोशनल हेल्थ कंट्रोल करने में मदद मिल पाएगी। यह प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम में होने वाले एंग्जायटी और डिप्रेशन कम करने में भी मदद करता है।
इन तरीकों को अपनाने से आपको प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम से डील करने में मदद मिल सकती है। लेकिन अगर इनके बावजूद समस्या बनी रहती है, तो आपको बिना देरी किये डॉक्टर से संपर्क करें। लेख में दी गई जानकारी पसंद आई हो, तो इसे शेयर करना न भूलें।
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