महिलाओं में प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (Premenstrual syndrome) की समस्या बहुत आम होती है। यह पीरियड्स से पहले के दिनों में होने वाले हार्मोनल बदलावों से जुड़ी समस्या है। पीएमएस को लेकर ज्यादातर महिलाओं का कहना है कि उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जैसे कि सूजन, सिरदर्द और मूड में बदलाव आदि। कई बार शरीर में दिखने वाले ये लक्षण इतना गंभीर रूप ले लेते हैं कि किसी भी काम को करने, ऑफिस या कॉलेज जाने में भी महिलाएं खुद को असमर्थ महसूस करने लगती हैं। यही कारण है कि हम आज के इस आर्टिकल में पीएमएस को मैनेज करने के लिए कुछ बेहतरीन टिप्स बताएंगे। इन टिप्स के बारे में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. शीबा मित्तल ने बताया है। उनके टिप्स की मदद से आप पीएमएस के लक्षणों को कम कर सकते हैं। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
पीएमएस से बचाव के लिए इन टिप्स को फॉलो करें
डाइट का ख्याल रखें
पीएमएस की समस्या से बचने के लिए डाइट पर खास ध्यान देना जरूरी है। इस स्थिति में आपको ऑयल, चीनी और नमक का इस्तेमाल सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। आपको हफ्ते में एक बार एनिमल प्रोटीन का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा, अपनी डाइट में ताजे और मौसमी फलों-सब्जियों को शामिल करना चाहिए। पीएमएस से बचाव के लिए आपको पोषक-तत्वों से भरपूर बादाम, अखरोट, मूंगफली, सोया नट्स आदि का सेवन भी करना चाहिए।
एक्सरसाइज जरूर करें
पीएमएस से बचाव के लिए एक्सरसाइज या योग जैसी फिजिकल एक्टिविटी करना बहुत जरूरी है। अगर आप रोजाना बॉडी मूवमेंट करते हैं, तो शरीर में हैप्पी हार्मोन रिलीज होते हैं। इससे शरीर को कई अन्य फायदे भी हो सकते हैं। ऐसे में आप वॉकिंग, रनिंग, स्विमिंग, साइकिलिंग आदि एक्टिविटीज जरूर करनी चाहिए।
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स्ट्रेस मैनेजमेंट है जरूरी
पीएमएस से बचाव के लिए महिलाओं को अपने स्ट्रेस को मैनेज करना आना चाहिए। स्ट्रेस को कम करने के लिए आप मेडिटेशन और प्राणायाम का सहारा ले सकते हैं। इससे स्ट्रेस कम होगा और महिलाएं अच्छा महसूस करेंगी।
आसान शब्दों में समझें पीएमएस क्या है?
प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम को आसान शब्दों में समझें, तो यह शारीरिक, भावनात्मक और व्यवहारिक लक्षणों का एक समूह होता है। इसकी शुरुआत महिलाओं में मेंस्ट्रुअल साइकिल शुरू होने से पहले होती है और पीरियड्स बंद होने तक चलती है। इसके बाद इन लक्षणों में कमी आने लगती है।
पीएमएस के लक्षण क्या है?
पीएमएस के कई लक्षण होते हैं। जैसे कि एक्ने की समस्या, ब्लोटिंग, वेट गेन, सिर दर्द, जोड़ों में दर्द, पीठ दर्द, कब्ज, डायरिया, मूड स्विंग्स, बिना बात के रोना, डिप्रेशन, एंग्जाइटी, इरिटेशन, ज्यादा सोना या बहुत कम सोना आदि।
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पीएमएस से बचाव के लिए इन चीजों को करें अवॉयड
इस तरह का खाना न खाएं
अगर आप पीएमएस की समस्या का सामना कर रही हैं, तो खट्टे, तले हुए और फर्मेन्टेड फूड्स का सेवन न करें। इस तरह का खाना खाने से शरीर में सूजन पैदा हो जाती है। आपको पीरियड्स से कम से कम 2 सप्ताह पहले इन चीजों का सेवन बंद कर दें।
आलस न करें
अगर आपको पीएमएस की समस्या है, तो आपको आलस नहीं करना चाहिए। आपको रोजाना एक्सरसाइज करनी चाहिए। हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि आपको हाई इंटेंसिटी एक्सरसाइज करने से बचना चाहिए। इससे वात बढ़ता है और वजन बढ़ने, दर्द, चिंता और मूड में उतार-चढ़ाव की समस्या हो सकती है।
रात में देर तक न जागते रहें
महिलाओं को पीएमएस से बचने के लिए रात में देर तक नहीं जागना चाहिए। अगर आप रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद नहीं लेती हैं, तो शरीर में वात बढ़ता है। इससे भी पीएमएस से जुड़ी समस्याएं ट्रिगर कर सकती हैं।
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यहां हमने आपको पीएमएस से बचने के लिए किन टिप्स को फॉलो करना चाहिए और किन चीजों को गलती से भी नहीं करना चाहिए, सभी के बारे में अच्छे से बताया है। बता दें कि इस तरह का हेल्दी लाइफस्टाइल पीएमएस ही नहीं, बल्कि ओवरऑल हेल्थ के लिए भी फायदेमंद होता है।