Doctor Verified

क्या डीप वेन थ्रोम्बोसिस को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है?

कई बार लोगों को डीप वेन थ्रोम्बोसिस की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके कारण कई परेशानियां होती हैं। ऐसे में अक्सर लोगों के मन में सवाल आता है कि क्या डीवीटी को ठीक किया जा सकता है? आइए लेख में जानें - 
  • SHARE
  • FOLLOW
क्या डीप वेन थ्रोम्बोसिस को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है?

can deep vein thrombosis be completely cured in hindi: कई बार लोगों को डीप वेन थ्रोम्बोसिस (deep vein thrombosis) जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस समस्या के कारण अक्सर लोगों को पैरों में सूजन आने, दर्द होने, पैरों में ऐंठन आने और त्वचा के रंग में बदलाव आने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बता दें, डीप वेन थ्रोम्बोसिस यानी (DVT) एक गंभीर बीमारी है, जिसमें शरीर की गहरी नसों में ब्लड के थक्के बन जाते हैं। ये समस्या हाथों-पैरों में हो सकती हैं। इसके थक्के शरीर के अंगों तक भी जा सकते हैं। ऐसे में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचने के लिए अक्सर लोगों को हेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो करने की सलाह दी जाती है, लेकिन क्या इसके कारण इस समस्या को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है? ऐसे में आइए जयपुर के सीके बिड़ला हॉस्पिटल्स के कार्डियोलॉजी के एडिशनल डायरेक्टर डॉ. राहुल शर्मा (Dr. Rahul Sharma, Additional Director – Cardiology, CK Birla Hospitals, Jaipur) से जानें क्या डीप वेन थ्रोम्बोसिस को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है?


इस पेज पर:-


डीप वेन थ्रोम्बोसिस को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है? - Can deep vein thrombosis be completely cured?

डॉ. राहुल शर्मा के अनुसार, डीप वेन थ्रोम्बोसिस (DVT) का असरदार इलाज किया जा सकता है, लेकिन यह बीमारी पूरी तरह ठीक होगी या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि क्लॉट कितना गंभीर है, इलाज कितनी जल्दी शुरु होता है और मरीज की पूरी सेहत कैसी है। इस समस्या के ज्यादातर मामलों में, तुरंत मेडिकल मदद से खून का थक्का घुल सकता है या स्थिर हो सकता है ताकि इससे किसी भी तरह का खतरा न रहे।

डॉ. राहुल शर्मा के अनुसार, DVT का इलाज बहुत आसान है और इसे अक्सर ठीक किया जा सकता है, लेकिन लंबे समय के नतीजे समय पर डायग्नोसिस (diagnosis), सही इलाज और सावधानी से लाइफस्टाइल मैनेजमेंट पर निर्भर करते हैं।

यह भी पढ़ें- डीप वेन थ्रोम्बोसिस (एक नस में रक्त का थक्का बनना) क्या है? जानें इसके लक्षण और बचाव के तरीके

एंटीकोएगुलेंट दवाएं

डीप वेन थ्रोम्बोसिस की समस्या में एंटीकोएगुलेंट दवाएं (Anticoagulant medications) मुख्य इलाज हैं। बता दें, एंटीकोएगुलेंट दवाएं, वे दवाइयां होती हैं, जो खून को पतला करने में मदद करती हैं और क्लॉट को बढ़ने से रोकती हैं और शरीर के नेचुरल सिस्टम को धीरे-धीरे इसे तोड़ने देती हैं।

can deep vein thrombosis be completely cured in hindi 1

ठीक होने के बाद भी होती परेशानी

डॉ. राहुल शर्मा बताते हैं कि कुछ मरीजों में क्लॉट ठीक होने के बाद भी पुराने लक्षण महसूस हो सकते हैं। ये स्थिति, जिसे पोस्ट-थ्रोम्बोटिक सिंड्रोम (PTS) के नाम से जाना जाता है, प्रभावित पैर में सूजन, बेचैनी होने और स्किन में बदलाव ला सकती है।

बढ़ता है पोस्ट-थ्रोम्बोटिक सिंड्रोम का खतरा

डॉ. राहुल शर्मा का कहना है कि लगभग 20–40% डीवीटी (DVT) के मरीजों में पोस्ट-थ्रोम्बोटिक सिंड्रोम (PTS) हो सकता है, खासकर अगर इलाज में देरी हुई हो।

डॉ. राहुल आगे बताते हैं कि जिन मरीजों में पहले से जेनेटिक क्लॉटिंग डिसऑर्डर, कैंसर, बड़ी सर्जरी या लंबे समय तक स्थिर रहने जैसे रिस्क फैक्टर हैं, उन्हें लंबे समय तक मॉनिटरिंग या एक्सटेंडेड एंटीकोएगुलेंट थेरेपी की ज़रूरत हो सकती है।

यह भी पढ़ें- Deep Vein Thrombosis: जानिए क्या है डीप वेन थ्रोम्बोसिस के लक्षण और क्या है इससे बचाव का तरीका

डीप वेन थ्रोम्बोसिस को दोबारा होने से रोकने के लिए क्या करें? - What can I do to prevent deep vein thrombosis from recurring?

डॉ. राहुल शर्मा के अनुसार, डीप वेन थ्रोम्बोसिस की समस्या को दोबारा होने से रोकने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव करना अहम भूमिका निभाते हैं। ऐसे में इस समस्या से दोबारा होने से रोकने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखा जा सकता है।

कम्प्रेशन स्टॉकिंग्स (compression stockings)

इनका इस्तेमाल करने से पैरों पर धीरे-धीरे दबाव पड़ता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होती है।

रेगुलर वॉकिंग करें (regular walking)

डीवीटी जैसी समस्या को रोकने केलिए नियमित रूप से वॉक करना जरूरी है। इससे पैरों में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाए रखने में मदद मिलती है।

वेट मैनेजमेंट (weight management)

डीप वेन थ्रोम्बोसिस की समस्या से बचने के लिए वजन को नियंत्रित करना बेहद जरूरी है।

लंबे समय तक बैठने से बचना (avoiding prolonged sitting)

डीप वेन थ्रोम्बोसिस की समस्या को दोबारा होने से रोकने के लिए लंबे समय तक बैठे रहने से बचना चाहिए। बता दें, लंबे समय तक बैठे रहने से पैरों में ब्लड सर्कुलेशन धीमा हो जाता है, जिसके कारण पैरों में खून के थक्कों के जमने का खतरा बढ़ जाता है।

निष्कर्ष

डीप वेन थ्रोम्बोसिस की समस्या का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि स्थिति कितनी गंभीर है, इलाज कितनी जल्दी शुरू होता है और मरीज की सेहत कैसी है। इसके अलावा, DVT का इलाज बहुत आसान है और इसे अक्सर ठीक किया जा सकता है, लेकिन लंबे समय के नतीजे समय पर इसका पता लगाने, सही इलाज और सावधानी के साथ हेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो करने पर निर्भर करते हैं।

All Images Credit- Freepik

यह विडियो भी देखें

FAQ

  • डीप वेन थ्रोम्बोसिस के क्या लक्षण हैं?

    डीप वेन थ्रोम्बोसिस की समस्या होने पर व्यक्ति को पैरों में सूजन आने दर्द होने, स्किन के लाल होने, त्वचा के रंग में बदलाव आने, गर्म महसूस होने और छूने पर स्किन के सॉफ्ट होने जैसे कई लक्षण दिख सकते हैं। ऐसे में इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें।
  • डीवीटी कौन सी बीमारी होती है?

    डीवीटी एक गंभीर स्थिति है। इस बीमारी में हाथों-पैरों की गहरी नसों में ब्लड के थक्के बन जाते हैं और ये थक्के हार्ट में ब्लॉकेज या लंग्स के कार्यों में बाधा का कारण बन सकते हैं, जो जानलेवा स्थिति को भी पैदा कर सकते हैं।
  • पैर में डीवीटी के शुरुआती लक्षण क्या हैं?

    डीवीटी की शुरुआत होने पर व्यक्ति को पैरों में अचानक से सूजन आने, भारीपन महसूस होने, त्वचा का रंग बदलनें, ऐंठन होने और दर्द होने की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

 

 

 

Read Next

गठिया की समस्या और IBS में क्या कनेक्शन है? डॉक्टर से जानें

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version

  • Nov 28, 2025 13:27 IST

    Published By : Priyanka Sharma

TAGS