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क्या डायबिटिक न्यूरोपैथी के मरीजों के लिए दौड़ना फायदेमंद है? जानें इसका सेहत पर असर

Can You Run With Diabetic Neuropathy In Hindi: डायबिटिक न्यूरोपैथी के मरीजों को कम समय के लिए दौड़ना चाहिए। लंबे समय तक दौड़ने के उन्हें कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। जानें, इनके बारे में-
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क्या डायबिटिक न्यूरोपैथी के मरीजों के लिए दौड़ना फायदेमंद है? जानें इसका सेहत पर असर

Diabetic Neuropathy In Hindi: आपने अक्सर विशेषज्ञों को यह कहते सुना होगा कि हर व्यक्ति को फिजिकली एक्टिव रहना चाहिए। इससे स्वास्थ्य बेहतर होता है। रोजाना एक्सरसाइज करने से ब्लड फ्लो में सुधार होता है, जिससे इम्यूनिटी बेहतर होती है और कई तरह की बीमारियों का जोखिम कम होता है। जो लोग नियमित रूप से एक्सरसाइज नहीं कर पाते हैं, वे दौड़ना पसंद करते हैं। दौड़ना यानी रनिंग करना सबसे आसान एक्सरसाइजों में से एक है। हर उम्र वर्ग का व्यक्ति रनिंग कर सकता है। यहां तक कि मामूली बीमारियों की चपेट में आए लोगों के लिए फिजिकली एक्टिव रहने का यह बेहतरीन तरीका है। यहां तक कि डायबिटीज के मरीजों को भी रनिंग करने की सलाह दी जाती है। ऐसे में यह भी जान लेना आवश्यक है कि क्या डायबिटिक न्यूरोपैथी के रोगियों के लिए भी दौड़ना फायदेमंद हो सकता है? जानते हैं, इसके फायदे-नुकसान। इस बारे में हमने फरीदाबाद स्थित मारेंगो एशिया हॉस्पिटल में डायरेक्टर-न्यूरोलॉजी डॉ. कुणाल बहरानी से बात की।

डायबिटिक न्यूरोपैथी क्या है?- What Is Diabetic Neuropathy In Hindi

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डायबिटीज एक तरह की क्रॉनिक डिजीज है, जिसकी वजह से ब्लड शुगर का स्तर कम या ज्यादा हो जाता है। ये दोनों ही स्थिति बिल्कुल सही नहीं है। इसकी वजह से हमारी ब्लड वेस्लस को नुकसान होने लगता है, जिससे ब्लड फ्लो बाधित होता है। डायबिटीज के कारण तंत्रिकाओं को भी क्षति होती है। इसे ही हम डायबिटिक न्यूरोपैथी के नाम से जानते हैं। ऐसा आमतौर पर हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों में देखा जाता है। इससे शरीर के कई अन्य हिस्से भी प्रभावित होते हैं, जैसे पैर, टांग, हाथ और इंटरनल ऑर्गन।

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क्या डायबिटिक न्यूरोपैथी में थोड़ी देर दौड़ना फायदेमंद है?- Does Running Improve Neuropathy In Hindi

यूं तो दौड़ना हमारी ओवर ऑल हेल्थ के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। लेकिन डायबिटिक न्यूरोपैथी के मरीजों की बात करें, तो उन्हें यह पता होना चाहिए कि इस बीमारी में उनकी तंत्रिकाएं प्रभावित होती हैं। ऐसे में अगर डायबिटिक न्यूरोपैथी के रोगी स्वस्थ लोगों की तरह रनिंग करते हैं, तो इसकी वजह से उनके पैरों पर चोट लग सकती है। डायबिटिक न्यूरोपैथी के मरीजों में पैरों में चोट लगने का रिस्क भी अधिक होता है। ऐसे में अगर उन्हें रनिंग को अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाना है, तो इस संबंध में उन्हें सावधानी बरतनी चाहिए। अगर रनिंग करने का मन हो, तो बेहतर होगा कि इस बारे में डॉक्टर की सलाह ले लें। डॉक्टरों की मानें, डायबिटिक न्यूरोपैथी होने पर रोगियों को रनिंग के बजाय वॉकिंग, साइक्लिंग और स्विमिंग जैसी एक्सरसाइज करनी चाहिए। बहरहाल, अगर डायबिटिक न्यूरोपैथी के रोगी रनिंग करना चाहते हैं, तो वे कुछ मिनटों के लिए ऐसा कर सकते हैं। हमेशा रनिंग स्लोली शुरू करनी चाहिए और धीरे-धीरे इसकी इंटेंसिटी बढ़ानी चाहिए। वहीं, लंबे समय तक रनिंग करने से बचना चाहिए। ऐसा करने से पैरों की इंजुरी का जोखिम कम होता है।

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डायबिटिक न्यूरोपैथी में दौड़ने के नुकसान

बैलेंसिंग में परेशानी

अगर डायबिटिक न्यूरोपैथी के मरीज लंबे समय तक दौड़ते हैं, तो इसकी वजह से उन्हें बैलेंसिंग की दिक्कत हो सकती है। असल में, डायबिटिक न्यूरोपैथी के कारण टांग और पैरों की मसल्स काफी कमजोर हो जाती है। इससे हमारा शरीर आपस में सही तरह से तारतम्य नहीं बैठा पाता, जिससे बैलेंसिंग की परेशानी होने लगती है। ऐसे में डायबिटिक न्यूरोपैथी के रोगियों में गिरने का रिस्क भी बढ़ जाता है।

चोट लगने का रिस्क

डायबिटीज ऐसी बीमारी है, जिसमें ब्लड फ्लो बाधित होने लगती है। ऐसे में चोट की रिकवरी काफी धीमी हो जाती है। वहीं, अगर डायबिटिक न्यूरोपैथी के रोगी रनिंग करते हुए चोटिल हो जाते हैं, तो इसकी वजह से प्रभावित हिस्से में अल्सर हो सकता है। यह न सिर्फ दर्दनाक हो सकता है, बल्कि वहां गहरा जख्म हो सकता है। ध्यान रखें डायबिटीज के रोगियों में चोट की रिकवरी भी देर से होती है।

संक्रमण का रिस्क

अगर रनिंग के दौरान लगी चोट गहरी है, तो वह न सिर्फ अल्सर में बदल सकती है, बल्कि वहां संक्रमण का रिस्क भी रहता है। डायबिटीज के रोगियों को इसका ध्यान रखते हुए कम समय के लिए ही रनिंग करनी चाहिए। ज्यादा तेज भागने से बचना चाहिए। रनिंग को अपनी एक्सरसाइज का हिस्सा बनाने से बेहतर है कि वॉकिंग करें। आपको बता दें कि अगर संक्रमित हिस्से का समय पर इलाज न किया जाए, तो इसकी वजह से कई गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं।

All Image Credit: Freepik

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