कई बार आपने महसूस किया होगा कि अचनाक बैठे-बैठे पैर सुन हो जाते हैं, अजीब सी झुनझुनाहट होने लगती है, खुजली, जलन जैसी समस्या महसूस होने लगती है। अधिकतर लोगों को कभी न कभी पैरों से जुड़ी ये समस्या जरुर महसूस होती है। लेकिन अगर आपको ये समस्या हमेशा होती है, तो इसे अनदेखा न करें, क्योंकि ये रेस्टलेस लेग सिंड्रोम का लक्षण हो सकता है। न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर प्रियंका सहरावत की माने तो, “रेस्टलेस लेग सिंड्रोम एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है जो कई लोगों को प्रभावित करती है। इस समस्या में किसी को पैरों को हिलाने का बहुत मन होता है, जो आमतौर पर असुविधाजनक होती है। इस समस्या को अक्सर पैरों में कुछ रेंगने, झुनझुनी, जलन जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। इस समस्या से राहत पाना किसी भी व्यक्ति के लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है।”
रेस्टलेस लेग सिंड्रोम के कारण - Causes of Restless Leg Syndrome in Hindi
रेस्टलेस लेग सिंड्रोम अक्सर शरीर में खून की कमी, कमजोरी, या कुछ दवाइयों के साइड इफेक्ट के कारण होती है। किडनी का फेल होना जैसे कारक भी पार्किंसंस बीमारी जैसी स्थितियां रेस्टलेस लेग सिंड्रोम से जुड़ी हो सकती हैं।
रेस्टलेस लेग सिंड्रोम से राहत पाने के टिप्स - Tips To Get Relief From Restless Leg Syndrome in Hindi
- पैरों में झुनझुनाहट, गुदगुदी, खुजली, जलन जैसी समस्या होने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें, ताकि आप इसका सही कारण जान इलाज करवा सकें।
- नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और पर्याप्त नींद के साथ हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने की कोशिश करें। सोते समय कैफीन, निकोटीन और शराब जैसे उत्पादों के सेवन से बचें।
- गर्म पानी से स्नान करने से आपकी मांसपेशियों को आराम मिल सकता है औऱ रेस्टलेस लेग सिंड्रोम के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।
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- हल्के स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज, विशेष रूप से सोने से पहले, रेस्टलेस लेग सिंड्रोम की समस्या से राहत मिल सकता है।
- अगर रेस्टलेस लेग सिंड्रोम आयरन की कमी के कारण है, तो आप डॉक्टर की सलाह पर आयरन की कमी पूरी करने के लिए सही डाइट और खुराक को आहार में शामिल करें।
- पैरों की मालिश करने से समस्या कम हो सकती है और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करने में मदद मिल सकती है।
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अगर आपके पैरों में भी समस्या है, तो इसकी पहचान कर अपने डॉक्टर की सलाह पर उचित दवाइ और खान-पान अपनी डाइट में शामिल करें।
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