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रेस्टलेस लेग सिंड्रोम से बचने के लिए लाइफस्टाइल में करें ये बदलाव, मिलेगा आराम

Lifestyle Changes To Avoid Restless Leg Syndrome- रेस्टलेस लेग सिंड्रोम की समस्या से राहत पाने के लिए आप अपने लाइफस्टाइल में ये 7 बदलाव जरूर करें। 
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रेस्टलेस लेग सिंड्रोम से बचने के लिए लाइफस्टाइल में करें ये बदलाव, मिलेगा आराम


Lifestyle Changes To Avoid Restless Leg Syndrome- पैरों में होने वाले दर्द को लोग अक्सर आम समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। कई बार कुछ लोगों को पैरों में ऐसा महसूस होता है, जैसे उनके पैर पर कुछ रेंग रहा हो, जिसके बाद वे अपने पैरों को हिलाते या हल्के से मसलते हैं, जिसके बाद ही उन्हें आराम मिलता है। वहीं कुछ लोगों को पैरों में दर्द के साथ मांसपेशियों में खिंचाव या पैरों का अपने आप कपकपाना महसूस होता है, जो रेस्टलेस लेग सिंड्रोम (Restless Leg Syndrome) का कारण हो सकता है। रेस्टलेस लेग सिंड्रोम के कई लक्षण हैं, जिसमें अनिद्रा भी शामिल है। हाई ब्लडप्रेशर के मरीजों में अक्सर ये समस्या सबसे ज्यादा देखने को मिलती है। दरअसल शरीर के हार्मोन्स में होने वाले बदलाव, जेनेटिक, आयरन की कमी या विटमिन बी-12 की कमी के कारण भी रेस्टलेस लेग सिंड्रोम की समस्या बढ़ सकती है। इस समस्या से राहत पाने के लिए जरूरी है कि आप अपने लाइफस्टाइल और खान-पान में बदलाव करें। ऐसे में हार्मोन और गट हेल्थ कोच डाइटिशियन मनप्रीत कालरा ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर करके रेस्टलेस लेग सिंड्रोम की समस्या से राहत पाने के लिए कुछ लाइफस्टाइल बदलावों के बारे में बताया है।

रेस्टलेस लेग सिंड्रोम ठीक करने का तरीका - How Do You Get Rid Of Restless Leg Syndrome in Hindi? 

1. रोजाना सुबह 8 बजे से 10 बजे तक या हल्की धूप में 10 मिनट समय बिताएं। ऐसा करने से नर्वस सिस्टम पर शांत प्रभाव पड़ता है। 

2. अपनी डाइट में कांजी, इडली, डोसा, दही जैसे किण्वित (Feremented) खाद्य पदार्थों को शामिल करने से नर्व सिस्टम और मांसपेशियों की कार्यप्रणाली में सुधार होता है। 

3. कैफीन का सेवन सीमित मात्रा में करें, रोजाना ज्यादा से ज्यादा 2 कप ही कॉफी पिएं, क्योंकि ज्यादा कैफीन कोर्टिसोल और नर्वस सिस्टम की उत्तेजना को बढ़ा सकती है।

4. मेलाटोनिन उत्पादन में सुधार और आरएलएस को कम करने के लिए अपने डाइट में शकरकंद, चने जैसे विटामिन बी 6 से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करें।

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5. रोजाना सोने से पहले योग निद्रा का अभ्यास करें, क्योंकि इसे करने से मन और शरीर को आराम मिलता है। 

6. न्यूरोट्रांसमीटर गतिविधि में सुधार और मांसपेशियों की गतिविधि को कंट्रोल करने के लिए आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करें। 

7. हरी पत्तेदार सब्जियां, बादाम, कोको जैसे मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जो नर्वस सिस्टम पर शांत प्रभाव डाल सकते हैं। 

 

 

 

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लाइफस्टाइल में इन हेल्दी बदलावों को करने से आप रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम की समस्या को कम कर सकते हैं, लेकिन यह समस्या बार-बार होने पर डॉक्टर से जांच जरूर करवाएं। 

Image Credit- Freepik 

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