बाइपोलर डिसऑर्डर में व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। यह डिसऑर्डर एक तरह का मानसिक विकार है। इसका असर व्यक्ति की लाइफस्टाइल पर पड़ता है। बाइपोलर डिसऑर्डर वाले व्यक्ति का मूड तेजी से बदलता है। इस दौरान व्यक्ति को कभी बहुत खुशी तो कभी बेहद उदासी महसूस होती है। इस समस्या में घर के अन्य लोगों को भी रोगी की मदद और सपोर्ट करने की आवश्यकता होती है। बाइपोलर डिसऑर्डर का असर व्यक्ति में कुछ सप्ताह या महीनों तक भी रह सकता है। इससे रोगी के आत्मविश्वास पर बुरा असर पड़ता है। इस दौरान व्यक्ति को मेनिया और डिप्रेशन हो सकता है। आगे नारायण अस्पताल गुरुग्राम के कंसल्टेंट साइकैटरिस्ट डॉक्टर राहुल कक्कड़ से जानते हैं कि बाइपोलर डिसऑर्डर को कम कनरे के लिए लाइफस्टाइल में क्या बदलाव करने चाहिए।
बाइपोलर डिसऑर्डर को मैनेज करने के लिए लाइफस्टाइल में क्या बदलाव करें - Lifestyle Changes Help Manage Bipolar Disorder In Hindi
पर्याप्त नींद लें
बाइपोलर डिसऑर्डर में रोगी को पर्याप्त नींद लेनी चाहिए। नींद की कमी इस स्थिति को बढ़ा सकती है। साथ ही, लक्षणों को गंभीर कर सकती है। रोजाना एक ही समय पर सोने और जागने से कुछ ही दिनों में आपका स्लीप पैर्टन बन जाता है। इससे स्ट्रेस और तनाव को दूर करने में मदद मिलती है।
डाइट में करें अवाश्यक बदलाव
बाइपोलर डिसऑर्डर में आपको पौष्टिक चीजों को खाने पर जोर देना चाहिए। इसके लिए आप डाइट में फलों, सब्जियों और प्रोटीन व साबुत अनाज को शामिल कर सकते हैं। साथ ही, नमक, चीनी और प्रोसेस्ड फूड खाने से बचें।
एक्सरसाइज करें
नियमित शारीरिक गतिविधि मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। साथ ही, यह बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षणों को प्रबंधित (मैनेज) करने में मदद कर सकती है। एक्सरसाइज से शरीर में एंडोर्फिन हार्मोन रिलीज है, जो नेचुरल रूप से आपके मूड को बेहतर करने में सहायक होता है। रोजाना करीब 30 मिनट योगा करें। इसके लिए आप पैदल चलना, जॉगिंग, तैराकी, योगा व साइकिलिंग कर सकते हैं। इससे तनाव को कम करने में मदद मिलती है और नींद की क्वालिटी बेहतर होती है।
तनाव को कम करने का प्रयास करें
तनाव कम करने की तकनीक को अपनाने से बाइपोलर डिसऑर्डर की रोजाना चुनौतियों को कम करने में मदद मिलती है। इसके लिए आप मेडिटेशन, ब्रीदिंग एक्सरसाइज और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से भावनात्म बदलावों को नियंत्रित करने में सहायता मिलती है। इससे व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है और तनाव धीरे-धीरे कम होने लगता है।
एक मजबूत सपोर्ट नेटवर्क बनाएं
बाइपोलर डिसऑर्डर को मैनेज करने के लिए आप एक मजबूत सपोर्ट नेटवर्क तैयार कर सकते हैं। इस नेटवर्क में परिवार, मित्र, सहायता समूह और मेंटल एक्सपर्ट्स शामिल हो सकते हैं। इन लोगों के साथ रोगी को अपनी स्थिति के बारे में खुलकर बात करनी चाहिए। अपनी भावनाओं को दूसरों के साथ शेयर करने से रोगी को तनाव कम होता है।
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बाइपोलर डिसऑर्डर को कम करने के लिए आप लाइफस्टाइल में आवश्यक बदलाव करें। इससे आपके लक्षण धीरे-धीरे कम हो सकते हैं। साथ ही, नियमित रूप से दवाओं का सेवन करें। इस समस्या से बचने के लिए आप बाहर वॉक पर जाएं और ज्यादा से ज्यादा दोस्त बनाएं।
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