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बच्चों में रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम (पैर हिलाने की समस्या) क्यों होता है? डॉक्टर से जानें इसके कारण और इलाज

Causes Of Restless Leg Syndrome: कुछ बच्चों को अक्सर पैरों में तेज दर्द की शिकायत रहती है। यह रेस्टलेस लेग सिंंड्रोम का कारण हो सकता है।   
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बच्चों में रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम (पैर हिलाने की समस्या) क्यों होता है? डॉक्टर से जानें इसके कारण और इलाज


Causes Of Restless Leg Syndrome: बच्चों में कई तरह की समस्याएं देखने को मिलते हैं। इसमें रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम को भी शामिल किया जाता है। बच्चों में रेसटलेस लेग सिंड्रोम एक मोटर स्किल से जुड़ी समस्या होती है। इसमें बच्चे को पैर हिलाने में परेशानी होती है। इस दौरान बच्चों को जब पैर हिलाने की इच्छा होती है तो वह पैरों का मूवमेंट नहीं कर पाते हैं। यह समस्या मुख्य रूप से सोते समय, क्लास में लंबे समय तक बैठने या कार व बस में सफर करते समय हो सकती है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक अधिकतर बच्चों को यह समस्या हो सकती है। लेकिन, समय रहते इसकी पहचान करने से इसका इलाज आसानी से किया जा सकता है। आगे चाइल्ड क्लीनिक के डॉक्टर अमित गुप्ता से जानते हैं कि बच्चों में रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम के क्या कारण होते हैं और इसका इलाज कैसे किया जाता है। 

बच्चे को रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम होने के कारण - Causes Of Restless Leg Syndrome In Hindi  

अनुवांशिक कारक 

बच्चों में रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम होने के पीछे अनुवांशिक कारण हो सकते हैं। इस स्थिति से प्रभावित माता-पिता के बच्चे को यह समस्या होने का खतरा अधिक होता है। जेनेटिक कारण के साथ ही डोपामाइन के स्तर में अनियंत्रण इस स्थिति को बढ़ा सकती है। 

restless leg syndrome in children

आयरन की कमी 

जिन बच्चों में आयरन की कमी बच्चों में रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम को ट्रिगर करने का काम करती है। यह कमी बच्चे को डाइट्री पोषण न मिलने की वजह से हो सकती है। इसके साथ ही, पाचन संबंधी समस्या में भी बच्चों को इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। 

न्यूरोलॉजिकल डिस्ऑर्डर

कुछ प्रकार के न्यूरोलॉजिकल विकार, जैसे अतिसक्रियता विकार (एडीएचडी) और ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार (एएसडी), बच्चों में रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम की समस्या को बढ़ा सकते हैं। 

बच्चों में रेस्टलेस लेग सिंड्रोम का इलाज - Treatment Of Restless Leg Syndrome In Hindi  

आयरन सप्लीमेंट्स 

आयरन सप्लीमेंट्स से बच्चों में आयरन की कमी को पूरा किया जा सकता है। इसके लिए डॉक्टर बच्चों को आयरन की दवाएं दे सकते हैं। इसके बाद, डॉक्टर बच्चों पर होने वाले प्रभावों की जांच करते हैं।

चिकित्सा उपचार 

बच्चों में रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम के गंभीर मामलों में डॉक्टर कुछ दवाएं दे सकते हैं। इसमें डोपामिनर्जिक एजेंट, अल्फा-2 एड्रीनर्जिक एगोनिस्ट, या एंटीकॉन्वेलेंट्स जैसी दवाओं का उपयोग शामिल हो सकता है। लेकिन, इस दौरान बच्चों के स्वास्थ्य के आधार पर दवाएं दी जा सकती हैं। 

जीवनशैली में बदलाव 

स्वस्थ जीवनशैली से बच्चों में रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम के लक्षणों को कम किया जा सकता है। इसके लिए बच्चों के सोने व जागने की आदत का एक निश्चित पैर्टन बनाएं। साथ ही बच्चे को योग व एक्सरसाइज कराई जाती है। 

मालिश करें 

रात को सोने से पहले बच्चे के पैरों की तेल से मसाज करें। इससे बच्चे के पैरों का ब्लड सर्कुलेशन सही होता है और नसों से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं। मसाज करने से बच्चे के बेहतर नींद आती है। साथ ही, उसे अगले दिन थकान महसूस नहीं होती है। 

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बच्चों में रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम से बचाव के लिए आप उसकी डाइट में आवश्यक बदलाव करें। इससे बच्चे में होने वाली आयरन की कमी को दूर करने में मदद मिलती है। साथ ही, बच्चे को जूस और मौसम में मिलने वाले फलों का जूस पिलाएं। इसके अलावा, बच्चे को मोबाइल व टीवी पर बैठे रहने की अपेक्षा बाहर खेलने के लिए भेजें। 

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