When To Worry About Tingling In Legs In Hindi: लगभग हर व्यक्ति पैरों में झनझनाहट की समस्या से कभी न कभी दो-चार होता है। यह कोई गंभीर समस्या नहीं है। कुछ समय के लिए पैरों में झनझनाहट और सुन्नपन हो सकती है, जो कि थोड़ी देर में अपने आप ठीक भी हो जाती है। यही कारण है कि ज्यादातर लोग पैरों में सुन्नपन और झनझनाहट को लेकर ज्यादा परेशान नहीं होते हैं और न ही इस संबंध में डॉक्टर से संपर्क करते हैं। लेकिन, आपके लिए यह भी जान लेना जरूरी है कि पैरों में हो रही झनझनाहट या सुन्नपन को हमेशा हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। क्योंकि कभी-कभी यह किसी गंभीर बीमारी की ओर इशारा कर सकता है। यहां हम आपको बता रहे हैं कि पैरों में हो रही झनझनाहट कब चिंता का विषय बन सकती है। इस बारे में हमने शारदा अस्पताल में General Medicine के प्रोफेसर डॉ. अनुराग प्रसाद से बात की।
पैरों में झनझनाहट के कारण- Causes Of Tingling In Legs
पैरों में झनझनाहट कई कारणों से हो सकती है, जैसे-
- घंटों एक ही अवस्था में बैठना
- लंबे समय तक पैरों का एक कंडीशन में रखना
- न्यूरोलॉजिकल इंजुरी होना
- कोई क्रॉनिक हेल्थ कंडीशन
- पेरिफेरल आर्टरी डिजीज
- मल्टीपल स्क्लेरोसिस
- स्ट्रोक
- फाइब्रोमायल्जिया
पैरों में हो रही झनझनाहट को लेकर कब चिंतिंत होना चाहिए?- When To Worry About Tingling In Legs In Hindi
पैरों में झनझनाहट को किसी गंभीर बीमारी का संकेत समझा जाए, यह जरूरी नहीं है। लेकिन, अगर आपको पैरों में झनझनाहट के साथ कोई अन्य लक्षण नजर आए, तो इसकी अनदेखी न करें। जैसे-
स्ट्रोकः स्ट्रोक आने का मतलब है कि ब्रेन तक ब्लड की सप्लाई ठीक से नहीं हो रही है। इस कंडीशन में ब्लड फ्लो प्रभावित होता है। स्ट्रोक के अन्य लक्षणों की बात करें, तो इसमें शामिल हैं बातचीत करने में दिक्कत होना, कंफ्यूजन होना, चलने-फिरने में असुविधा, धुंधला दिखना, चक्कर आना आदि।
फाइब्रोमायल्जियाः यह भी एक गंभीर कंडीशन है। फाइब्रोमायल्जिया होने पर मरीज को पूरे शरीर में स्टिफनेस और दर्द का अहसास होता है। इसकी वजह से रोगी को इंसोम्निया की दिक्कत भी हो जाती है और अक्सर थकान से भरा रहता है। अगर मरीज को पैरों में झुनझनाहट महसूस होने के साथ-साथ इस तरह के गंभीर लक्षण दिखाई दे, तो उन्हें जरूर इस स्थिति को लेकर चिंता करनी चाहिए।
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पेरिफेरल आर्टरी डिजीजः यह एक गंभीर बीमारी है। यह समस्या होने पर व्यक्ति की पेरिफेरल आर्टरी काफी नैरो यानी संकीर्ण हो जाती है। ऐसे में हाथ-पांव तक ब्लड सर्कुलेशर सही तरह से नहीं हो पाता है। आपको बता दें कि शरीर में फैट के जमा होने के कारण आर्टरीज ब्लॉक हो जाती हैं, जो कि ब्लड सर्कुलेशन को बाधित करता है। पेरिफेरल आर्टरी डिजीज होने पर पैरों में झनझनाहट या सुन्नपन की समस्या देखने को मिलती है। इसके अलावा, पैरों में दर्द, पैरों में सूजन, थकान, पैरों को उठाने में दिक्कत होना। इस तरह की समस्या होने पर पैरों में हो रही झनझनाहट को हल्के में न लें।
मल्टीपल स्केलेरोसिस: मल्टीपल स्केलेरोसिस, सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करने वाली एक कंडीशन है। मल्टीपल स्केलेरोसिस से पीड़ित व्यक्ति की इम्यूनिटी कमजोर होती है, जो नर्व फाइबर पर अटैक करती है, जिससे स्केलेरोसिस हो जाता है। आपको बता दें कि स्केलेरोसिस एक खतरनाक कंडीशन है। यह समय के साथ-साथ और बिगड़ती जाती है। इस तरह की समस्या होने पर एक निश्चित समय के बाद ब्रेन बॉडी के अन्य हिस्सों तक मैसेज पहुंचाने में असमर्थ हो जाता है। मल्टीपल स्केलेरोसिस होने पर पैरों में झनझनाहट हो सकती है। इसके साथ अन्य लक्षण भी नजर आ सकते हैं, जैसे थकान होना, चक्कर आना, एक या दोनों आंखों की रोशनी चली जाना, पूरी बॉडी में झनझनाहट महसूस होना और बैलेंस बनाने में दिक्कत होना।
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