Multiple Sclerosis Kya Bimari Hai: अक्सर हम देखते हैं, कि कुछ लोगों को चलने-फिरने में परेशानी, शरीर के कुछ हिस्सों में सुन्नपन, कमजोरी और आंखों की रोशनी कम होने जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है। कभी-कभी इस तरह की समस्याएं पोषण की कमी, खराब खानपान और डिहाइड्रेशन आदि के कारण देखने को मिल सकती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं, कुछ मामलों में यह किसी गंभीर समस्या का संकेत भी हो सकते हैं। मल्टीपल स्केलेरोसिस से पीड़ित लोगों में भी कुछ इस तरह के लक्षण ही देखने को मिलते हैं। यह एक ऑटोइम्यून रोग है, जिसके कारण लोगों को गंभीर परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं। आपको बता दें कि ऑटोइम्यून रोगों में आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली ही कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगती है। मल्टीपल स्केलेरोसिस की बात करें, तो इस स्थिति में हमारा नर्वस सिस्टम गंभीर रूप से प्रभावित होता है। इसके कारण शरीर के कुछ हिस्सों में सुन्नपन जैसी स्थिति देखने को मिलती है। बहुत से लोगों के हाथ-पैर भी काम करना बंद कर देते हैं और उन्हें इधर-जाने के लिए भी व्हील चेयर का सहारा लेना पड़ता है।
लेकिन क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की है कि आखिर मल्टीपल स्केलेरोसिस होता क्यों है? ओनलीमायहेल्थ (OnlyMyHealth) की स्पेशल सीरीज 'बीमारी को समझें' में हम डॉक्टर से बातचीत करके आपको आसान भाषा में किसी बीमारी और उसके कारणों को समझाते हैं। मल्टीपल स्केलेरोसिस के कारण समझने के लिए इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल नई दिल्ली के न्यूरोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. विनीत सूरी से बात की। इस लेख में जानें इसके बारे में विस्तार से।
मल्टीपल स्क्लेरोसिस रोग क्यों होता है- Causes Of Multiple Sclerosis Explained In Hindi
डॉ. विनीत के अनुसार, इस बीमारी के लिए जिम्मेदार फिलहाल कोई सटीक कारण ज्ञात नहीं है। इस स्थिति में व्यक्ति का शरीर और मस्तिष्क के बीच का कनेक्शन टूटने लगता है। ऐसा आपके नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचने के कारण होता है। जैसा कि हम उपरोक्त जिक्र कर चुकें हैं, कि यह एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है। इसमें इम्यून सिस्टम तंत्रिकाओं सुरक्षा प्रदान करने वाली परत (माइलिन) को नुकसान पहुंचाती है। यह परत तंत्रिकाओं की इलेक्ट्रिक तारों को कवर करने का काम करती है। जब इन तारों को नुकसान पहुंचता है, तो इसकी वजह दिमाग तक संदेश देर से पहुंचता है। इसकी वजह से दिमाग तक संदेश पहुंचने की प्रक्रिया में बाधा भी पैदा हो सकती है। ऐसे तंत्रिकाओं को अधिक नुकसान पहुंच सकता है। इसके अलावा, कई अन्य कारक भी इसके जोखिम को बढ़ाते हैं जैसे,
- कुछ संक्रमण, जैसे एपस्टीन-बार वायरस की चपेट में आने की वजह से भविष्य में मल्टीपल स्केलेरोसिस जोखिम बढ़ सकता है
- विटामिन डी की कमी से भी नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है। यह देखा गया है कि जो लोग धूप में कम समय बिताते हैं उनेक शरीर में विटामिन डी की कमी होती है और वे मल्टीपल स्केलेरोसिस के अधिक जोखिम में होते हैं।
- जिन लोगों के परिवार में पहले से किसी को मल्टीपल स्केलेरोसिस की बीमारी रही है, तो उनके बच्चों में भविष्य में इसकी चपेट में आने का बहुत अधिक जोखिम होता है।
डॉक्टर क्या सलाह देते हैं?
डॉ. विनीत सलाह देते हैं, मल्टीपल स्केलेरोसिस के शुरुआती लक्षणों को पहचानकर इसके विकास को रोकने में मदद मिल सकती है। साथ ही इलाज में भी मदद मिल सकती है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति में कई संकेत और लक्षण देखने को मिलते हैं, जिन्हें वे समय रहते पहचानकर एक अच्छे न्यूरोलॉजिस्ट से संपर्क कर सकते हैं और इस बीमारी से बच सकते हैं।
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मल्टीपल स्केलेरोसिस के लक्षण- Multiple Sclerosis Symptoms In Hindi)
- आंखों की रोशनी खोना
- शरीर में पिन चुभने जैसी सनसनी और झनझनाहट
- कमजोर याद्धाश्त
- शरीर के अलग-अलग हिस्सों में दर्द महसूस होना
- बातचीत के दौरान कठिनाई महसूस करना
- जुबां लड़खड़ाना
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