
Kidney Disorder In Kids: बच्चे को जन्म से ही किडनी से जुड़ी समस्या होना गंभीर समस्या है। कई बार पैरेंट्स को भी नहीं पता चलता कि बच्चे को किडनी की समस्या है। आजकल बच्चों में जन्म से किडनी की समस्या होने के केस काफी बढ़ गए हैं। मेडिकल भाषा में इस बीमारी को CAKUT (Congenital Abnormalities of Kidney and Urinary Tract) कहते हैं। इस बीमारी के बारे में हमने दिल्ली के मैक्स मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के न्यूफ्रोलॉजी विभाग के सीनियर डायरेक्टर डॉ. दिलीप भल्ला (Dr. Dilip Bhalla, Senior Director, Nephrology, Max Super Speciality Hospital, Patparganj) से बात की। उन्होंने कहा कि लगभग 34 से 59 प्रतिशत बच्चों में पाई जाने वाली किडनी की गंभीर बीमारियों की जड़ यही जन्मजात समस्याएं होती हैं।
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बच्चों में जन्मजात किडनी की बीमारी के मामले क्यों बढ़ रहे हैं?
डॉ. दिलीप भल्ला कहते हैं, “CAKUT का मतलब है कि किडनी या पेशाब की नली का विकास गर्भ में सही तरीके से नहीं हो पाता। यह बढ़ोतरी सिर्फ बीमारी बढ़ने की वजह से नहीं, बल्कि बेहतर जांच और समय पर पहचान की वजह से भी है। इसके कई कारण हैं।”
- प्रेग्नेंट महिला को डायबिटीज होना
- प्रेग्नेंसी में कुछ दवाइयों का खाना
- ज्यादा उम्र में प्रेग्नेंसी
- IVF और असिस्टेड रिप्रोडक्शन
डॉ. दिलीप कहते हैं कि हालांकि जन्मजात किडनी की बीमारी ज्यादा नहीं बढ़ी है, लेकिन पहचान ज्यादा होने लगी है और इसके कारण कुछ ये हैं।
- प्रेग्नेंसी में हाई-रिजॉल्यूशन अल्ट्रासाउंड
- फेटल इमेजिंग से पहले ही पहचान
- बेहतर नवजात देखभाल, जिससे बच्चे बच पा रहे हैं
- जेनेटिक टेस्टिंग और रिपोर्टिंग बेहतर होना

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प्रेग्नेंसी में शिशु को किडनी की समस्या होना
डॉ. दिलीप कहते हैं, “आमतौर पर प्रेग्नेंसी के 14 से 22 हफ्ते के बीच शिशु का किडनी और यूरिनरी सिस्टम बन रहा होता है। ऐसे में शिशु की पेशाब की नली में रुकावट होना, किडनी न बन पाना, किडनी गलत जगह होना या किडनी की शेप गलत हो जाना इसके कारण होते हैं। इसके जेनेटिक कारण पहचाने जा रहे हैं, लेकिन अभी तक किसी स्टडी में जीन और इस बीमारी के बीच रिलेशन पूरी तरह से साफ नहीं हुआ है। हालांकि CAKUT कुल बच्चों में सिर्फ 5% एंड-स्टेज किडनी फेल्योर के लिए जिम्मेदार होती है, लेकिन इसका असर ज्यादा गंभीर होता है। दरअसल, बीमारी जन्म से शुरू हो जाती है, तो इसका इलाज काफी लंबा और खर्चीला हो सकता है, जिससे कई बच्चों को लंबे समय तक मल्टी-डिसिप्लिनरी केयर की जरूरत पड़ती है। कुछ बच्चों में दोनों किडनियों की गंभीर समस्या होने पर बहुत कम उम्र में ही किडनी फेल्योर का रिस्क बढ़ जाता है।”
जन्म से किडनी की बीमारी होने के लक्षण
डॉ. दिलीप के अनुसार, सिंड्रोमिक CAKUT दुर्लभ होती हैं, लेकिन इनमें किडनी के अलावा शरीर के अन्य अंगों पर भी असर पड़ सकता है। इसलिए पैरेंट्स को बच्चों के किडनी की बीमारी से जुड़े इन लक्षणों पर खास ध्यान देना चाहिए। अगर कोई भी लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से जरूर चेकअप कराएं।
- बार-बार यूरिन इंफेक्शन
- पेशाब में रुकावट
- पेट या कमर में सूजन
- शिशु में पेशाब न होना
- वजन और लंबाई का ठीक से न बढ़ना
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जन्म से किडनी की बीमारी होने पर इलाज का तरीका
डॉ. दिलीप भल्ला कहते हैं, “इस बीमारी का इलाज कई चरणों में होता है। सबसे पहले तो प्रेग्नेंसी में ही रेगुलर अल्ट्रासाउंड और भ्रूण की मॉनिटरिंग से होता है। जन्म के बाद अल्ट्रासाउंड, स्कैन और यूरोडायनामिक टेस्ट, किडनी फंक्शन की जांच, यूरिन इंफेक्शन का इलाज और ब्लैडर केयर से होता है। पेशाब की नली की रुकावट हटाने और जरूरत पड़ने पर किडनी ट्रांसप्लांट के लिए सर्जरी की जाती है। कई बार गंभीर कंडीशन में बच्चे को डायलिसिस की जरूरत भी पड़ सकती है। जैसाकि मैंने कहा है जन्म से किडनी की बीमारी का इलाज काफी जटिल होता है, इसलिए बच्चे की ग्रोथ और मेंटल हेल्थ के लिए काउंसलिंग कराना भी जरूरी है।”
निष्कर्ष
डॉ. दिलीप भल्ला जोर देते हुए कहते हैं कि पैरेंट्स को रेगुलर फॉलो-अप करते रहना चाहिए ताकि किडनी फेल्योर का रिस्क कम हो, जटिलताओं को समय रहते रोका जा सकता है और बच्चे को मेंटल स्ट्रेस कम हो। वैसे तो आज मेडिकल साइंस ने इतनी तरक्की कर ली है कि जन्म से किडनी की बीमारी से पीड़ित बच्चों भी नार्मल लाइफ जी सकते हैं। बस पैरेंट्स को बच्चे के लक्षणों पर ध्यान देकर उसे समय रहते डॉक्टर को जरूर दिखाएं। इससे बच्चा गंभीर जटिलताओं से बच जाएगा।
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FAQ
जन्म से एक ही किडनी होने की संभावना कितनी होती है?
जन्म से शरीर में एक ही किडनी होने की संभावना महिलाओं के मुकाबले पुरूषों में ज्यादा होती है। पुरुष में एक ही किडनी का होना बहुत आम बात है। आमतौर पर पुरुषों में बायें तरफ की किडनी ही नहीं होती है।भ्रूण को किडनी की समस्या क्यों होती है?
शिशु की किडनी में पेशाब के जमाव के कारण सूजन हो जाती है। यह कंडीशन तब भी हो सकती है, जब शिशु मां के यूटरस में होता है। डॉक्टर अक्सर प्रेग्नेंसी के दौरान भ्रूण का अल्ट्रासाउंड करवाते समय इस समस्या का पता लगाते हैं।किडनी को सबसे ज्यादा नुकसान किस चीज से होता है?
किडनी को सबसे ज्यादा नुकसान डायबिटीज कंट्रोल न होने और ब्लड प्रेशर बढ़ने से होता है। ज्यादा नमक, चीनी, प्रोसेस्ड फूड, पेनकिलर दवाइयां, पानी की कमी, मोटापा, स्मोकिंग और शराब का बहुत ज्यादा सेवन करन से किडनी को गंभीर नुकसान होता है।
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Dec 19, 2025 15:42 IST
Published By : Aneesh Rawat