बच्चों में किडनी समस्या के लिए कितनी सुरक्षित है 'की-होल सर्जरी', एक्सपर्ट से जानें

पहले किडनी से संबंधित समस्याओं के इलाज के लिए वयस्कों की ‘की-होल’तकनीक से सर्जरी की जाती थी, लेकिन अब बच्चों में ही नहीं नवजात शिशुओं में भी किडनी रोग तेजी से बढ़ा है। आइए जानते हैं कि यह सर्जरी बच्चों के लिए क्यों बेहतर है।
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बच्चों में किडनी समस्या के लिए कितनी सुरक्षित है 'की-होल सर्जरी', एक्सपर्ट से जानें


पहले किडनी से संबंधित समस्याओं के इलाज के लिए वयस्कों की ‘की-होल’तकनीक से सर्जरी की जाती थी, लेकिन अब बच्चों में ही नहीं नवजात शिशुओं में भी किडनी रोग तेजी से बढ़ा है। आइए जानते हैं कि यह सर्जरी बच्चों के लिए क्यों बेहतर है।

बच्चों में किडनी से संबंधित समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। अनेक बच्चे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के साथ जन्म लेते हैं या बहुत छोटी उम्र में ही गंभीर बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। शुरुआत में तो माता-पिता और परिवार के दूसरे लोग समझ नहीं पाते कि समस्या क्या है, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि बच्चे की स्वास्थ्य समस्या के बारे में पता होने के बाद भी माता-पिता बच्चे की कम उम्र को देखते हुए सर्जरी जैसे इलाज कराने से घबराते हैं लेकिन की-होल सर्जरी ने सर्जरी को कम पीड़ादायक और बेहतर बना दिया है। 

इसलिए बेहतर है की-होल सर्जरी

पारंपरिक रूप से की जाने वाली किडनी की सर्जरी में बड़े चीरे लगाए जाते हैं, अस्पताल में कई दिनों तक रुकना पड़ता है और बच्चे के स्वास्थ्य लाभ (रिकवरी) में समय भी अधिक लगता है। वहीं की-होल सर्जरी में पेट के निचले हिस्से की दीवार में छोटे-छोटे छेद किए जाते हैं, इनका आकार कुछ मिलीमीटर से बड़ा नहीं होता। इन छेदों से एब्डॉमिनल कैविटी में सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट्स और लैप्रोस्कोप डाला जाता है जिसमें किडनी तक पहुंचने के लिए लाइट और कैमरा की सहूलियत भी होती है। इसे मिनिमली इनवेसिव सर्जरी या लैप्रोस्कोपिक सर्जरी भी कहते हैं। की-होल सर्जरी ने किडनी स्टोन्स के लिए की जाने वाली सर्जरी को भी बेहतर बना दिया है।

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विशेषताएं

  • की-होल सर्जरी में छोटे-छोटे छेद किए जाते हैं, जिससे त्वचा, टिश्यूज और आसपास के अंगों को  कम नुकसान पहुंचता है।
  • खून कम निकलता है और जटिलताएं होने की आशंका भी कम होती है।
  • मरीज को अस्पताल में अधिक नहीं रुकना  पड़ता है और बच्चे को रिकवर होने में भी कम समय लगता है।

नेफ्रेक्टॅमी

  • नेफ्रेक्टॅमी सर्जिकल प्रक्रिया है जो पूरी किडनी या किडनी के कुछ भाग को निकालने के लिए की जाती है।
  • यह प्रक्रिया उस किडनी के लिए की जाती है, जो अपना सामान्य कार्य नहीं कर पा रही है, जिसके कारण बच्चों में संक्रमण या फिर हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो रही हो।

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किडनी की समस्याएं और सर्जरी

बच्चों के शरीर का आकार बहुत छोटा होता है। ऐसे में सर्जरी करने के लिए उपयुक्त स्थान न मिल पाना सबसे बड़ी समस्या है। इस समस्या को दूर करने के लिए कार्बन डाईऑक्साइड गैस का इस्तेमाल कर अस्थायी रूप से एब्डॉमिनल कैविटी को फुलाया जाता है, ताकि सर्जन पेट के अंदर के अंग देख सके और सर्जरी कर सके। सर्जरी पूरी होने के बाद गैस निकाल दी जाती है। बच्चों में ये सर्जरी किडनी स्टोन्स, यूरेटेरो पेल्विक जंक्शन (यूपीजे), ऑब्सट्रक्शन और नेफ्रेक्टॅमी (सर्जरी के द्वारा किडनी निकालना) के लिए की जाती है।

यूपीजे, बच्चों में होने वाली एक आम समस्या है, जिसका इलाज 2 से 3 महीने के छोटे-छोटे बच्चों में भी की-होल सर्जरी के जरिए किया जा रहा है। यूपीजे के कारण किडनी की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है और किडनी फेल होने का खतरा बढ़ जाता है।

डॉ. संदीप कुमार सिन्हा
सीनियर पीडियाट्रिक सर्जन, रेनबो चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल, नई दिल्ली

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