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गर्भावस्था क्रिएटिनिन को कैसे प्रभावित करती है? जानें प्रेगनेंसी के दौरान किडनी की समस्या वाली महिलाएं क्या करें

प्रेग्नेंसी के दौरान एक महिला के शरीर में कई प्रकार के बदलाव हो रहे होते हैं, ऐसे में उस स्थिति में क्या हो सकता है जब प्रेग्नेंट महिला की किडनी सही से काम नहीं कर रही हो? डॉक्टर से जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
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गर्भावस्था क्रिएटिनिन को कैसे प्रभावित करती है? जानें प्रेगनेंसी के दौरान किडनी की समस्या वाली महिलाएं क्या करें

प्रेग्नेंसी हर महिला की जिंदगी का अलग ही फेज होता है। इस दौरान शरीर में कई प्रकार के बदलाव आते हैं और यह सभी बदलाव शरीर के अलग-अलग अंगों से जुड़े हुए हो सकते हैं। जैसे कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर के तमाम अंगों को ज्यादा काम करना पड़ता है। बात किडनी की ही करें तो प्रेग्नेंसी में किडनी को ज्यादा काम करना पड़ता है। लेकिन, क्या किडनी के ज्यादा काम करने के क्रिएटनिन का लेवल बढ़ सकता है या फिर घट सकता है? प्रेग्नेंसी किडनी को कैसे प्रभावित कर सकती है, इस बारे में विस्तार से जानकारी के लिए हमने Dr. Aakil Khan, Consultant Urologist, KIMS Hospitals Thane से बात की। साथ ही हम जानेंगे कि किडनी रोग से गुजर रही महिलाओं को प्रेग्नेंसी में किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और उन्हें कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए?


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गर्भावस्था क्रिएटिनिन को कैसे प्रभावित करती है-How does pregnancy affect creatinine levels in Hindi

Dr. Aakil Khan बताते हैं कि गर्भावस्था एक अनोखी स्थिति होती है। आमतौर पर, गर्भावस्था के दौरान, क्रिएटिनिन का स्तर थोड़ा कम हो जाता है क्योंकि गुर्दे ज्यादा कुशलता से फिल्टर करते हैं। इसलिए, गर्भावस्था के बाहर जो रीडिंग "सामान्य" लग सकती है, वह गर्भवती महिलाओं के लिए ज्यादा मानी जा सकती है। यही कारण है कि डॉक्टर गर्भवती महिलाओं में लैब के नतीजों की अलग तरह से व्याख्या करते हैं।

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जैसे कि प्री-एक्लेमप्सिया (Pre-eclampsia) जैसी गर्भावस्था संबंधी जटिलताओं के मामलों में, क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ सकता है, जो संभावित किडनी संबंधी समस्याओं का संकेत हो सकता है। लेकिन, नॉर्मल प्रेग्नेंसी में गर्भावस्था के दौरान किडनी मां और गर्भस्थ शिशु दोनों के लिए अपशिष्ट उत्पादों को छानने के लिए अधिक मेहनत करती है इसलिए क्रिएटिनिन का स्तर लगातार मैनेज होता रहता है। इसके अलावा पहले से मौजूद किडनी की समस्याएं या अन्य जटिलताएँ भी क्रिएटिनिन के स्तर को बढ़ा सकती हैं।

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गर्भावस्था के दौरान किडनी की समस्या वाली महिलाओं को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

पहले से वाली महिलाओं को गर्भावस्था से पहले और इस दौरान कड़ी निगरानी की जरूरत होती है। इस दौरान आपको कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए। जैसे कि

  • -गर्भावस्था की योजना बनाने से पहले यूरोलॉजिस्ट या नेफ्रोलॉजिस्ट और स्त्री रोग विशेषज्ञ, दोनों से परामर्श लें, ताकि आप दोनों ही स्थिति में किसी नुकसान के शिकार न हों।
  • -इस दौरान हाई बीपी, किडनी की कार्यप्रणाली, क्रिएटिनिन, यूरिया और मूत्र प्रोटीन की नियमित निगरानी जरूरी है और इसलिए रेगुलर चेकअप करवाते रहें।
  • -जरूरी बात यह है कि दवाओं में बदलाव को ध्यान में रखें क्योंकि किडनी की समस्याओं के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कुछ दवाएं गर्भावस्था के दौरान असुरक्षित होती हैं और इससे बच्चे की सेहत को नुकसान हो सकता है। इसलिए इन दवाओं पर ध्यान दें।
  • -डॉक्टर की सलाह के अनुसार, नियंत्रित नमक और प्रोटीन वाले किडनी के अनुकूल डाइट का पाल करें।

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मुख्य रूप से लक्ष्य मां और बच्चे दोनों की सुरक्षा करना है और सही देखभाल के साथ, हल्की से मध्यम किडनी की समस्या वाली कई महिलाएं सुरक्षित गर्भधारण कर सकती हैं। पर ध्यान देने वाली बात यह है कि आप पेशाब के प्रकार और रंगों पर भी ध्यान देती रहें। यह किडनी की सेहत का हाल बताते हैं। रंग, टैक्सचर या फ्रीक्वेंसी में बदलावों को नजरअंदाज न करें। इस तरह महिलाओं के लिए, खासकर गर्भावस्था के दौरान, क्रिएटिनिन और गुर्दे के स्वास्थ्य पर नजर रखना आगे की सुरक्षित यात्रा के लिए बेहद जरूरी है। तो इन बातों का ध्यान रखें और किडनी से जुड़ी कोई भी समस्या है तो प्रेग्नेंट महिलाएं अतिरिक्त ध्यान रखें।

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FAQ

  • बच्चों में किडनी की समस्या के पहले लक्षण क्या हैं?

    बच्चों का बार-बार पेशाब जाना और रात में बिस्तर गीला करना किडनी की समस्या की ओर संकेत हो सकता है। इसके अलावा बच्चों में किडनी रोग के लक्षण कई हैं जिसमें शरीर के अलग-अलग अंगों में सूजन महसूस हो सकते हैं जिसे एडिमा कहा जाता है। पेशाब का उत्पादन बढ़ना या कम होना भी इस स्थिति को प्रभावित कर सकता है।
  • किडनी की समस्या कैसे शुरू होती है?

    किडनी की समस्या डायबिटीज और हाई बीप जैसी बीमारियों से शुरू हो सकती है जिसका किडनी पर गंभीर असर पड़ता है। इसलिए इन बीमारियों वाले लोगों को सतर्क रहना चाहिए।
  • खराब किडनी के लक्षण क्या हैं?

    मतली, उल्टी, मांसपेशियों में ऐंठन, खराब डाइजेशन, बार-बार पेशाब आना या फिर कम पेशाब आने जैसी स्थितियां खराब किडनी के लक्षण हो सकते हैं। इन्हें नजरअंदाज न करें। 

 

 

 

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  • Dec 14, 2025 12:05 IST

    Published By : Pallavi Kumari

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