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क्रिएटिनिन क्या होता है? जानें ये किडनी की सेहत पर कैसे असर डालता है

What is Creatinine: क्रिएटिनिन शरीर में पाया जाने वाला एक तरह वेस्ट प्रोडक्ट है, इसका निर्माण मांसपेशियों की गतिविधि से होता है।
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क्रिएटिनिन क्या होता है? जानें ये किडनी की सेहत पर कैसे असर डालता है


What is Creatinine: आपने भी यह जरूर सुना होगा कि क्रिएटिनिन बढ़ने के कारण किडनी खराब हो जाती है। शरीर को हेल्दी रखने के लिए किडनी का हेल्दी रहना बहुत जरूरी है। किडनी में खराबी के कारण शरीर के कई अन्य अंगों को भी नुकसान पहुंचता है। आमतौर पर किडनी से जुड़ी बीमारियां खानपान में गड़बड़ी और खराब जीवनशैली के कारण होती हैं। किडनी को हेल्दी रखने में क्रिएटिनिन का अहम योगदान होता है। क्रिएटिनिन शरीर में बनने वाला एक अपशिष्ट पदार्थ है, जो बढ़ने पर कई गंभीर बीमारियों का कारण बनता है। आइए इस लेख में विस्तार से समझते हैं क्रिएटिनिन क्या है और यह शरीर को कैसे प्रभावित करता है।

क्रिएटिनिन क्या है?- What is Creatinine in Hindi

बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजीशियन डॉ समीर कहते हैं, "क्रिएटिनिन शरीर में पाया जाने वाला एक तरह वेस्ट प्रोडक्ट है। क्रिएटिनिन खून में पाया जाता है और इसका प्रोडक्शन किडनी द्वारा होता है। शरीर में ऊर्जा की आपूर्ति में क्रिएटिनिन का अहम रोल होता है। शरीर में क्रिएटिनिन का प्रोडक्शन होने के बाद यह खून के माध्यम से किडनियों तक पहुंचता है। किडनी द्वारा इसे फिल्टर कर पेशाब के रास्ते बाहर निकाला जाता है। शरीर में क्रिएटिनिन की मात्रा बढ़ने पर किडनी इसे फिल्टर नहीं कर पाती है और खून में यह बढ़ने लगता है।"

What is Creatinine in Hindi

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क्रिएटिनिन कैसे बनता है?- How Creatinine is Formed in Body in Hindi

क्रिएटिनिन का मुख्य हिस्सा मांसपेशियों में होता है। मांसपेशियों में क्रिएटीन फॉस्फेट के रूप में यह पाया जाता है। मांसपेशियों की गतिविधि के समय यह फ्री होकर खून में क्रिएटिनिन के रूप में जमा हो जाता है। खून में क्रिएटिनिन शामिल होने के बाद यह किडनी द्वारा फिल्टर होता है। शरीर में क्रिएटिनिन की जांच करने के लिए किडनी का परीक्षण किया जाता है। हाई क्रिएटिनिन लेवल का मतलब किडनी से जुड़े नुकसान को दिखाता है।

क्रिएटिनिन कैसे किडनी को प्रभावित करता है?- How Creatinine Affetcs Kidneys in Hindi

शरीर में क्रिएटिनिन की मात्रा बढ़ने पर किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारियों का खतरा रहता है। इसकी मात्रा बढ़ने पर किडनी की कार्यक्षमता के साथ-साथ शरीर के कई अन्य आंतरिक अंगों को नुकसान पहुंचता है। लंबे समय तक क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ने पर किडनी फेलियर, शारीरिक कमजोरी, किडनी की पथरी जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।

इसे भी पढ़ें: क्रिएटिनिन कितना होना चाहिए? डॉक्टर से जानें इसका फंक्शन, नॉर्मल रेंज और बढ़ने-कम होने के नुकसान

क्रिएटिनिन क्यों बढ़ता है?- What Causes High Creatinine Level in Hindi

खानपान और जीवनशैली से जुड़ी गड़बड़ी के कारण शरीर में क्रिएटिनिन की मात्रा बढ़ने लगती है। भोजन में प्रोटीन युक्त फूड्स की अधिक मात्रा और शारीरिक गतिविधि की कमी के कारण इसका स्तर बढ़ सकता है। इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, किडनी फंक्शन में खराबी और यूरीनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन जैसी बीमारियों के कारण भी शरीर में क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ सकता है।

शरीर में क्रिएटिनिन की मात्रा कितनी होनी चाहिए?- Normal Creatinine Level in Body in Hindi

शरीर में क्रिएटिनिन का सामान्य स्तर पुरुषों में 0.6 से लेकर 1.2 मिलीग्राम होता है। महिलाओं में क्रिएटिनिन की नॉर्मल रेंज 0.5 से 1.0 मिलीग्राम क्रिएटिनिन होती है, तो वहीं बच्चों में क्रिएटिनिन का सामान्य स्तर 0.3 से 0.7 मिलीग्राम माना जाता है।

शरीर में क्रिएटिनिन की मात्रा बढ़ने पर प्रोटीन युक्त फूड्स का सेवन कम कर देना चाहिए। विटामिन सी, फाइबर वाले फूड्स, ताजे फल और हरी सब्जियों का सेवन करने से इसकी मात्रा को कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा नियमित रूप से कम से कम 30 मिनट तक व्यायाम करने से भी शरीर में बढ़े क्रिएटिनिन के स्तर को कम करने में मदद मिलती है। क्रिएटिनिन लेवल हाई होने से किडनी और लिवर को अधिक नुकसान होता है और इसके अलावा कई और समस्याएं भी होती हैं। इसका स्तर बढ़ने पर आप चिकित्सक या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।

(Image Courtesy: Freepik.com)

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