Can Drinking Water Lower Creatinine Level In Hindi: क्रिएटिनिन एक तरह का वेस्ट प्रोडक्ट होता है, जो कि मांसपेशियों के टूटने से बढ़ता है। आमतौर पर क्रिएटिनिन किडनी द्वारा फिल्टर होता है। अगर किडनी स्वस्थ है, तो क्रिएटिनिन का स्तर बैलेंस रहता है। वहीं, अगर किडनी सही तरह से काम न करे, तो क्रिएटिनिन का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ या घट सकता है। ऐसे में किडनी से जुड़ी कई गंभीर समस्याएं हो सकती है। किडनी फेलियर और किडनी डैमेज होने जैसी घातक परेशानियां भी हो सकती हैं। वैसे भी इन दिनों जीवनशैली और खानपान की बुरी आदतों के कारण ज्यादातरह युवा किसी न किसी बीमारी से जूझ रहे होते हैं। किडनी से जुड़ी बीमारियों के मामले भी वयस्कों और युवाओं में खूब देखने को मिल रहे हैं। अपनी सेहत की ओर ध्यान देने के लिए जरूरी है कि क्रिएटिनिन के स्तर को बैलेंस किया जाए। बहरहाल, कई बार सुनने में आता है कि क्रिएटिनिन के स्तर को मैनेज करने के लिए पानी ज्यादा मात्रा में पीना चाहिए। सवाल है क्या वाकई पानी पीने से क्रिएटिनिन का स्तर कम हो जाता है? या यह महज एक मिथक है? इस बारे में हमने इस पर डाइट एन क्योर की डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या गांधी से बात की।
क्या वाकई पानी पीने से क्रिएटिनिन का स्तर कम हो जाता है?- Can Drinking Water Lower Creatinine Level In Hindi
किडनी सही तरह से काम करे, इसके लिए बहुत जरूरी है कि व्यक्ति की जीवनशैली हेल्दी हो और खानपान में अच्छी डाइट शामिल हो। हालांकि, अगर किसी को किडनी से जुड़ी परेशानी है, तो महज लाइफस्टाइल और डाइट की मदद से खुद को स्वस्थ रखना मुश्किल हो सकता है। यहां तक कि इस कंडीशन में क्रिएटिनिन का स्तर भी बढ़ सकता है। यह स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। हालांकि, कुछ लोगों को लग सकता है कि किडनी सही तरह से काम करे, इसके लिए क्रिएटिनिन के स्तर को मैनेज किया जाना चाहिए। क्रिएटिनिन को मैनेज करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना लाभकारी हो सकता है। kidneyfund.org वेबसाइट के अनुसार, "पानी पीने से स्थाई रूप से क्रिएटिनिन का स्तर प्रभावित नहीं होता है। अगर कोई क्रिएटिनिन टेस्ट के ठीक पहले काफी ज्यादा मात्रा में पानी पी लेता है, तो क्रिएटिनिन का स्तर अस्थाई रूप से कम हो सकता है। लेकिन, इसे सही रिपोर्ट नहीं माना जाना चाहिए। सच्चाई, तो यह है कि कोई भी खाद्य पदार्थ या सप्लीमेंट अकेले क्रिएटिनिन के स्तर या किडनी फंक्शन में सुधार नहीं कर सकता है।" हालांकि, रोजाना 8-10 गिलास पानी पीने से क्रिएटिनिन के स्तर को मैनेज करने में मदद मिलती है। इसके अलावा, हाइड्रेटिंग खाद्य पदार्थ भी क्रिएटिनिन स्तर के लिए फायदेमंद हो सकता है।
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कब कराएं क्रिएटिनिन टेस्ट
अगर आपकी किडनी सही तरह से काम करती है, तो क्रिएटिनिन किडनी द्वारा फिल्टर होने के बाद यूरिन के रास्ते शरीर से बाहर चला जाता है। लेकिन, अगर किसी वजह से क्रिएटिनिन का स्तर प्रभावित होता है, तो आपको कुछ संकेत नजर आ सकते हैं, जैसे बार-बार पेशाब आना, पेशाब में झाग बनना या खून आना, मांसपेशियों में दर्द होना, थकान, उल्टी, चक्कर आना, आंखों के नीचे सूजन होना और पैरों में स्वेलिंग होना। इस तरह का कोई लक्षण नजर आए, तो तुरंत क्रिएटिनिन टेस्ट करवाएं और डॉक्टर से अपना ट्रीटमेंट करवाएं। बताते चलें कि डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, थायराइड जैसी कंडीशन में किडनी से जुड़ी बीमारियों का रिस्क अधिक बढ़ जाता है।
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क्रिएटिनिन लेवल कैसे मैनेज करें- Tips To Manage Creatinine Level In Hindi
क्रिएटिनिन लेवल को नेचुरल तरीके से मैनेज करने के लिए यहां दिए गए टिप्स को फॉलो कर सकते हैं-
- बॉडी को डिहाइड्रेट होने न दें। इससे क्रिएटिनिन का स्तर प्रभावित होता है और किडनी फंक्शन पर भी असर पड़ता है।
- अपनी डाइट में नमक की मात्रा कम रखें। ज्यादा नमक का सेवन करने से ब्लड प्रेशर का रिस्क बढ़ जाता है। ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं के कारण क्रिएटिनिन के स्तर पर असर पड़ सकता है।
- नशीले पदार्थ, जैसे स्मोकिंग या शराब से दूर रहें। इनका ओवर ऑल हेल्थ पर बहुत बुरा असर पड़ता है। इससे किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारी भी हो सकती है।
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