Can Liver Disease Be Hereditary: बदलती जीवनशैली के कारण स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। आज के समय में आधे से ज्यादा लोग सिर्फ जीवनशैली और खानपान से जुड़ी आदतों की वजह से बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। आपकी खानपान और जीवनशैली से जुड़ी गलत आदतें सिर्फ आपकी सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालती हैं, बल्कि इसकी वजह से आने से वाली पीढ़ी में भी बीमारियों का संभावना कई गुना बढ़ जाती है। आनुवांशिक कारणों से होने वाली बीमारियां एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में ट्रांसफर हो सकती हैं। कुछ लोगों का सवाल है कि क्या लिवर से जुड़ी बीमारियां भी फैमिली हिस्ट्री के कारण या माता-पिता से बच्चों में हो सकती हैं? आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं इस सवाल का जवाब और बचाव के उपाय।
क्या लिवर की बीमारी आनुवांशिक कारणों से हो सकती हैं?- Can Liver Disease Be Hereditary in Hindi
लिवर से जुड़ी बीमारी का खतरा ज्यादातर लोगों में खराब खानपान, अनियंत्रित जीवनशैली और शराब आदि का सेवन करने की वजह से होती है। आज के समय में भारत में फैटी लिवर जैसी समस्या के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। इसका एक ही प्रमुख कारण है- खानपान में गड़बड़ी और शराब का सेवन। बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजीशियन डॉ समीर कहते हैं, "लिवर की बीमारी कई तरह की होती है- जैसे फैटी लिवर, लिवर सिरोसिस, लिवर कैंसर, हेपेटाइटिस आदि। ज्यादातर लोगों में इन बीमारियों का खतरा खराब खानपान और लाइफस्टाइल से जुड़ी गड़बड़ी के कारण रहता है। इसके अलावा आनुवांशिक कारणों से भी लिवर से जुड़ी बीमारियों का खतरा रहता है। अगर आपकी फैमिली हिस्ट्री में किसी को लिवर से जुड़ी गंभीर बीमारी है, तो इसकी वजह से अगली पीढ़ी में भी इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।"
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डॉ समीर कहते हैं, "आनुवांशिक जीन में बदलाव होने के कारण माता या पिता से बच्चों में लिवर से जुड़ी बीमारियों का खतरा हो सकता है। एक विशेष तरह का जेनेटिक डिसपोजिशन होने के कारण बच्चों में माता-पिता के जीन से लिवर डिजीज का खतरा बढ़ जाता है।"
आनुवांशिक कारणों से लिवर की इन बीमारियों का खतरा रहता है-
- हेमोक्रोमैटोसिस
- अल्फा-1 एंटीट्रिप्सिन की कमी
- विल्सन रोग
- ऑटोइम्यून लीवर रोग
लिवर डिजीज से बचाव के उपाय- Liver Disease Prevention Tips in Hindi
लिवर से जुड़ी बीमारियों से बचाव के लिए आपको इन चीजों का ध्यान रखना चाहिए-
1. स्वस्थ जीवनशैली: स्वस्थ और एक्टिव जीवनशैली अपनाने से लिवर डिजीज के खतरे को कम करने में मदद मिलती है। हेल्दी डाइट का सेवन, नियमित व्यायाम, योग का अभ्यास और मेडिटेशन करने से लिवर को हेल्दी रखने में मदद मिलती है।
2. अधिक शराब के सेवन से बचें: शराब का बहुत ज्यादा सेवन करने वाले लोगों में लिवर से जुड़ी बीमारियों का खतरा रहता है। शराब का सेवन कम करने से लिवर से जुड़ी गंभीर बीमारियों का खतरा कम करने में मदद मिलती है।
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3. नियमित स्क्रीनिंग: यदि किसी परिवार में लिवर रोग का इतिहास है, तो उन्हें नियमित रूप से स्क्रीनिंग कराना चाहिए। इससे समस्या को समय रहते पहचाना जा सकता है और समय पर इलाज मिल सकता है।
4. पोषक तत्वों का सेवन: डाइट में जरूरी पोषक तत्वों की कमी के कारण लिवर डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचने के लिए विटामिन, मिनरल, प्रोटीन, फाइबर और एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर फूड्स का सेवन करना चाहिए।
इसक अलावा लिवर को गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए सही समय पर जांच और इलाज बहुत जरूरी है। लिवर से जुड़ी बीमारियों के खतरे को कम करने के लिए इसके लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। अगर आपके परिवार में पहले से लिवर से जुड़ी बीमारियों की हिस्ट्री है, तो समय-समय पर डॉक्टर की सलाह लेकर जांच जरूर करानी चाहिए। जागरूक रहने और सही समय पर सही कदम उठाने से आप लिवर डिजीज का शिकार होने से बच सकते हैं।
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