Can Miscarriage Be Hereditary In Hindi: गर्भपात की स्थिति किसी भी महिला के लिए सहनीय नहीं होती है। लेकिन, कई बार शारीरिक समस्याएं और प्रेग्नेंसी में जटिलताओं के कारण महिला को दुर्घटना का श्किर होना पड़ता है। कभी-कभी कोई पुरानी बीमारी, जैसे डायबिटीज भी इस तरह की स्थिति के लिए जिम्मेदार होते हैं। यही कारण है कि डॉक्टर बार-बार यही सलाह देते हैं कि कंसीव करने से लेकर डिलीवरी तक महिला को बहुत सावधानी बरतनी चाहिए। जरा-सी लापरवाही उनकी सेहत पर निगेटिव असर डाल सकती है। यहां तक कि इसकी वजह से गर्भ में पल रहे उनके शिशु की जान जोखिम में पड़ सकती है। बहरहाल, कई बार यह भी माना जाता है कि गर्भपात जेनेटिक कारणों से भी होता है? सवाल है, क्या वाकई ऐसा होता है? आइए जानते हैं वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता क्या कहती हैं।
क्या जेनेटिक कारणों से गर्भपात हो सकता है?- Can Miscarriage Be Hereditary In Hindi
यह बात हम सभी जानते हैं कि जेनेटिक कारणों से हमारी ओवर ऑल हेल्थ तय होती है। जैसे अगर घर में किसी को मोटापा, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर थायराइड जैसी समस्याएं हैं, तो भावी पीढ़ी को भी यह प्रॉब्लम होने का रिस्क रहता है। हालांकि, फैमिली हिस्ट्री में किसी बीमारी के होने का मतलब यह नहीं है कि भवष्यि की पीढ़ियों को वह बीमारी जरूर होगी। लेकिन, रिस्क हमेशा रहता है। इसी तरह, हम कह सकते हैं कि अगर किसी महिला की फैमिली हिस्ट्री में मिसकैरेज यानी गर्भपात होने का जोखिम बढ़ जाता है। एनसीबीआई में प्रकाशित एक लेख से इस बात की पुष्टि होती है कि बार-बार गर्भपात होने का कारण एब्नॉर्मल क्रोमोसोम्स हो सकते हैं। विशेष रूप से ट्रांसलोकेशन, एंटीफॉस्फोलिपिड एंटीबॉडी और गर्भाशय संबंधी समस्याएं शामिल हो सकती हैं। ध्यान रखें कि पेरेंट्स में क्रोमोसोमल असामान्यताएं अगर भ्रूण में ट्रांसफर हो जाती हैं, तो ऐसे में मिसकैरेज का रिस्क बढ़ सकता है। कुल मिलाकर, आप कह सकते हैं कि जेनेटिक कारणों से मिसकैरेज का जोखिम बढ़ सकता है।
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मिसकैरेज का जोखिम कैसे कम करें- How To Reduce Miscarriage Risk In Hindi
यह तय है कि अगर फैमिली हिस्ट्री में बार-बार गर्भपात की समस्या मौजूद है, तो महिला इसे बदल नहीं सकती है। लेकिन, कुछ उपायों को अपनाकर मिसकैरेज के जोखिम को कम जरूर कर सकती हैं-
- अगर आप हेल्दी बेबी चाहती हैं और प्रेग्नेंसी की जर्नी को सामान्य रखना चाहती हैं, तो इस स्थिति में हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं। स्मोकिंग और शराब का सेवन न करें।
- हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए जरूरी है कि आप हेल्दी वेट मेंटेन करें। ध्यान रखें कि मोटापे के कारण कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए, वजन को संतुलित रखें। इससे बीमारियों का जोखिम कम होगा और प्रेग्नेंसी का सफर भी आसान होगा।
- हेल्दी डाइट फॉलो करना बहुत जरूरी है। अगर आप कंसीव करना चाहती हैं, तो हेल्दी डाइट में इसमें अहम भूमिका निभा सकता है। इससे गर्भ में पल रहे शिशु का स्वास्थ्य भी बेहतर होगा।
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