हर महिला की लाइफस्टाइल अलग होती है। कुछ महिलाएं बच्चे की डिलीवरी के बाद कुछ समय तक दोबारा कंसीव करने से बचना चाहती हैं। डॉक्टर भी कहते हैं कि महिलाओं को डिलीवरी के बाद कुछ सालों तक बच्चे की देखभाल और अपने स्वास्थ्य के लिए अगली प्रेग्नेंसी प्लान नहीं करनी चाहिए। दरअसल, बच्चे की डिलीवरी के बाद महिलाओं के शरीर को पूरी तरह से ठीक होने से थोड़ा समय लगता है। ऐसे में महिलाएं गर्भनिरोधक के कुछ आसान उपायों को अपना सकती हैं। ऐसे में महिलाएं बच्चे की परवरिश पर पूरी तरह से फोकस कर पाती हैं। साथ ही, दूसरे बच्चे की जिम्मेदारी को उठाने के लिए मेंटली और फिजीकली तैयार हो जाती है। इस लेख में इंस्टाग्राम में प्रेग्नेंसी से जुड़ी जानकारी प्रदान करने वाली गाइनाक्लॉजिस्ट डॉक्टर भूमिका बंसल से जानते हैं कि डिलीवरी के बाद महिलाएं किस तरह के गर्भनिरोधक विकल्पों (Contraceptive Options To Take After Delivery) को चुन सकती हैं।
बच्चे की डिलीवरी के बाद किन गर्भनिरोधक तरीकों का इस्तेमाल करें - Contraceptive Options To Take After Delivery In Hindi
कंडोम
कंडोम गर्भनिरोध का सबसे सामान्य और सुरक्षित विकल्प है, जिसे डिलीवरी के बाद किसी भी समय उपयोग किया जा सकता है। यह न केवल गर्भधारण रोकता है, बल्कि यौन संचारित बीमारियों से भी सुरक्षा प्रदान करता है। कंडोम का उपयोग बिना किसी हार्मोनल प्रभाव के किया जा सकता है, जिससे यह उन महिलाओं के लिए अच्छा विकल्प बनता है जो ब्रेस्टफीड करा रही हैं।
बर्थ कंट्रोल पिल्स (Birth Control Pills)
डिलीवरी के बाद महिलाएं को करीब 6 माह के बाद बर्थ कंट्रोल पिल्स का इस्तेमाल कर सकती हैं। कई बार बर्थ कंट्रोल पिल्स से हार्मोनल बदलाव हो सकता है। यह ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान भी सुरक्षित मानी जाती है। इससे गर्भधारण की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है।
आईयूडी (इंट्रायूट्रिन डिवाइस - IUD)
आईयूडी एक छोटा उपकरण होता है जिसे डॉक्टर गर्भाशय में डालते हैं। इसका प्रभाव कई वर्षों तक रहता है, इसलिए यह उन महिलाओं के लिए बेहतर विकल्प है जो लंबे समय तक गर्भ धारण नहीं करना चाहती हैं। आईयूडी के दो प्रकार होते हैं: कॉपर आईयूडी और हार्मोनल आईयूडी। यह एक बार डालने पर 3 से 10 साल तक प्रभावी रह सकता है और इसे डिलीवरी के 6 सप्ताह बाद इस्तेमाल किया जा सकता है।
स्ट्रेलाइजेशन (sterilization- नसबंदी)
महिलाओं में नसबंदी प्रक्रिया को ट्यूबल लिगेशन (Tubal Ligation) कहते हैं। इसमें अंडाणु को गर्भाशय में पहुंचने से रोकने के लिए फैलोपियन ट्यूब्स को बंद या काट दिया जाता है। इस प्रक्रिया के बाद एग्स और शुक्राणु का मिलना असंभव हो जाता है, जिससे गर्भधारण की संभावना खत्म हो जाती है।
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इसके अलावा, हार्मोनल इम्प्लांट एक छोटी और पतली रॉड की तरह होती है। इसके उपयोग से भी महिला तीन से पांच सालों तक गर्भधारण नहीं करती हैं। इसमें प्रोजेस्टिन हार्मोन रिलीज होताहै, जो कंसीव करने की संभावना कम करता है। यह ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिालओं के लिए सुरक्षित माना जाता है। इसकी जानकारी के लिए महिलाएं डॉक्टर से संपर्क कर सकती हैं।