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बर्थ कंट्रोल इम्प्लांट कराने के बाद दोबारा प्रेग्नेंसी में क्या-क्या परेशानियां आती हैं? जानें डॉक्टर से

जब बात बर्थ कंट्रोल इम्प्लांट की आती है, तो ज्यादातर महिलाओं को लगता है कि अगर पहली डिलीवरी के बाद इसका इस्तेमाल कर लिया जाए, तो यह दोबारा प्रेग्नेंसी कंसीव करने के समय परेशानी का कारण बन सकता है। 
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बर्थ कंट्रोल इम्प्लांट कराने के बाद दोबारा प्रेग्नेंसी में क्या-क्या परेशानियां आती हैं? जानें डॉक्टर से

Is It Harder to Conceive After Taking Birth Control Implant: अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए आजकल बाजार में कई प्रकार के मेडिकल विकल्प मौजूद हैं। प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए कॉपर-टी, बर्थ कंट्रोल इम्प्लांट और आईयूडी जैसे डिवाइस आम लोगों में बीच काफी मशहूर हैं। शहरी से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं इन डिवाइस का इस्तेमाल करके अनचाही प्रेग्नेंसी को रोक रही हैं। खास जब बात बर्थ कंट्रोल इम्प्लांट की आती है, तो ज्यादातर महिलाओं को लगता है कि अगर पहली डिलीवरी के बाद इसका इस्तेमाल कर लिया जाए, तो यह दोबारा प्रेग्नेंसी कंसीव करने के समय परेशानी का कारण बन सकता है। लेकिन क्या वाकई ऐसा होता है? इस लेख में हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे। इस बारे में अधिक जानकारी क लिए हमने गुरुग्राम स्थित सीके बिड़ला अस्पताल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की अध्यक्ष और वरिष्ठ डॉ. अरुणा कालरा (Dr Aruna Kalra MBBS, MD Obstetrics & Gynaecology, CK Birla Hospital, Gurugram) से बात की।

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क्या बर्थ कंट्रोल इम्प्लांट करवाने के बाद दोबारा प्रेग्नेंसी में परेशानी आती है?

डॉ. अरुणा कालरा के अनुसार, बर्थ कंट्रोल इम्प्लांट लगवाने के बाद महिलाओं के शरीर में हार्मोन रिलीज होते हैं, जो शुक्राणुओं को अंडाणुओं में निषेचित करने की प्रक्रिया को रोकते हैं। इस इम्प्लांट के जरिए शरीर में हार्मोन रिलीज होता है, इसलिए यह हार्मोनल असंतुलन का कारण बनती है। एक बार लगवाने के बाद जब महिलाएं दोबारा प्रेग्नेंसी कंसीव करने की प्लानिंग करती हैं, तो बर्थ कंट्रोल इम्प्लांट को हटाना पड़ता है। बर्थ कंट्रोल इम्प्लांट हटाने के बाद दोबारा प्रेग्नेंसी में कुछ संभावित परेशानियां हो सकती हैं। हालांकि, हर महिला का शरीर अलग तरीके से प्रतिक्रिया करता है। बर्थ कंट्रोल इम्प्लांट लगवाने के बाद दोबारा प्रेग्नेंसी में क्या-क्या परेशानी आ सकती है, इसकी जानकारी नीचे दी गई है:

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1. पीरियड्स रेगुलर न होना

इम्प्लांट के बाद हार्मोनल असंतुलन के कारण पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं। गौर करने वाली बात यह है कि बर्थ कंट्रोल इम्प्लांट को हटाने के बाद भी पीरियड्सकभी-कभी महीनों तक रुक सकते हैं। जबकि कुछ महिलाओं को पीरियड्स कम-कम समय पर भी आते हैं।

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2. हार्मोनल असंतुलन

बर्थ कंट्रोल इम्प्लांट को हटाने के बाद शरीर को प्राकृतिक हार्मोन स्तर पर लौटने में समय लग सकता है, जिससे ओव्यूलेशन प्रभावित हो सकता है। ओव्यूलेशन पीरियड सही न रहने के कारण दोबारा प्रेग्नेंसी कंसीव करने में परेशानी आ सकती है। साथ ही, इम्प्लांट हटाने के बाद भी शरीर में बचा हुआ प्रोजेस्टेरोन कुछ समय तक असर दिखा सकता है, जिससे तुरंत प्रेग्नेंसी कंसीव मुश्किल हो सकता है।

3. पीसीओएस और थायराइड

यदि किसी महिला को पहले से पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) या थायराइड जैसी समस्या है, तो इम्प्लांट हटवाने के बाद उनके लक्षण बढ़ सकते हैं, जिससे प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है। इसके कारण प्रेग्नेंसी कंसीवन कंसीव करने में परेशानी आ सकती है।

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4. शरीर में पोषक तत्वों की कमी

इम्प्लांट हटाने के बाद महिला के शरीर को वापस सामान्य अवस्था में आने के लिए अधिक पोषण की जरूरत होती है। फोलिक एसिड, आयरन और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों की कमी से इम्प्लांट के बाद दोबारा प्रेग्नेंसी कंसीव करने में दिक्कत हो सकती है।

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बर्थ कंट्रोल इम्प्लांट हटाने के बाद प्रेग्नेंसी के लिए क्या करें?- What to do for pregnancy after removal of birth control implant?

डॉ. अरुणा कालरा का कहना है कि जो महिलाएं बर्थ कंट्रोल इम्प्लांट को हटाने के बाद प्रेग्नेंसी की प्लानिंग कर रही हैं, उन्हें कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए, ताकि कंसीव करने में आसानी हो सके।

पीरियड्स को ट्रैक करें और ओवुलेशन साइकिल को समझने की कोशिश करें।

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खाने में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम, आयरन और मैग्शीनियम को शामिल करें।

इम्प्लांट हटवाने के बाद अगर छह महीने से अधिक समय तक प्रेग्नेंसी कंसीव करने में परेशानी आए, तो डॉक्टर से बात करें।

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