
Menstrual Health and Awareness Day 2025: पीरियड्स हम महिलाओं के जीवन का एक अहम हिस्सा है। हर महीने के 3 से 5 दिनों तक चलने वाले पीरियड्स सर्कल में महिलाओं को कई प्रकार की परेशानियां होती हैं। हैरानी की बात तो यह है कि आज के आधुनिक युग में भी लड़कियों को पीरियड्स को लेकर जागरूक नहीं है। ओनलीमायहेल्थ की कम्यूनिटी सेहत क्लब और दिल्ली स्थित एनजीओ सच्ची सहेली ने 11 फरवरी को मेंस्ट्रुअल हेल्थ एंड अवेयरनेस के अवसर पर एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया।
इस प्रोग्राम का मकसद महिलाओं के मन में पीरियड्स से जुड़े मिथकों को तोड़ना और समाज में खुलकर इस मुद्दे पर बातचीत को बढ़ावा देना था। इस साल मेंस्ट्रुअल हेल्थ एंड अवेयरनेस डे की थीम, 'पीरियड्स फॉर मेन' रखी गई थी। इस थीम को रखने का मुख्य उद्देश्य था कि पीरियड्स की जानकारी हर किसी को होनी चाहिए। खासकर अगर सामाजिक बदलाव चाहिए, तो पीरियड्स के बारे में पुरुषों को जरूर पता होना चाहिए और किसी भी महिला की मदद करने में हिचके नहीं।
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पैड यात्रा के साथ हुई कार्यक्रम की शुरुआत
पीरियड्स के प्रति जागरूकता के लिए आयोजित किए गए इस कार्यक्रम की शुरुआत पैड यात्रा से हुई। इस यात्रा में एनडीएमसी और दिल्ली सरकार के स्कूलों के छात्रों ने कनॉट प्लेस के इनर सर्कल से एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर तक मार्च किया। बच्चों ने हाथों में पैड के आकार के कार्ड्स लेकर पीरियड्स से जुड़े सशक्त संदेश दिए। ढोल, नारों और नाचते हुए बच्चों द्वारा की गई पैड यात्रा में लोगों को संदेश दिया गया कि पीरियड्स एक सामान्य प्रक्रिया है। किसी भी महिला को पीरियड्स को छिपाने या इससे डरने की जरूरत नहीं है।
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यात्रा के बाद पीरियड्स फेस्ट का आयोजन
बच्चों द्वारा रैली के बाद पीरियड्स फेस्ट का आयोजन किया गया। इसमें पीरियड्स से जुड़ी नार्मल, अबनार्मल और अलार्मिंग स्थितियों की जानकारी दी गई। लोगों को बताया कि बाजार में महिलाओं के लिए पीरियड्स में इस्तेमाल किए जाने वाले डिस्पोजेबल सैनिटरी प्रोडक्ट उपलब्ध हैं, जिसका इस्तेमाल महिलाएं बिना किसी हिचक के साथ कर सकती हैं। फेस्ट में छात्रों ने पीरियड से जुड़े स्नेक एंड लैडर गेम, स्पिन द व्हील और आंवला जूस क्विज जैसे कई गेम्स खेलकर समाज में पीरियड्स से जुड़े मिथकों को तोड़ने की कोशिश की। इस फेस्ट में विश ट्री का भी आयोजन किया गया था। जहां छात्रों ने पीरियड्स को लेकर अपने सपनों और इच्छाओं को लिखा।
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इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चीफ गेस्ट मे कहा कि, इतने आसान तरीके से पीरियड्स जैसे मुद्दे पर जानकारी मिलने से कई बच्चों को इसका प्रभाव पड़ेगा। इसके अलावा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. सुरभि सिंह ने पुरानी मिथ्याओं को तोड़ते हुए बच्चों को पीरियड्स से न डरने का हौसला दिलाया।
निष्कर्ष
मेंस्ट्रुअल हेल्थ एंड अवेयरनेस पर आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण संदेश दिया गया कि पीरियड्स सिर्फ महिलाओं का विषय नहीं है, बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है। पुरुषों को भी इस चर्चा का हिस्सा बनना चाहिए ताकि पीरियड्स की शर्म और हिचक पर चुप्पी तोड़ी जा सके।
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