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क्या ज्यादा ट्रैवल करने से पीरियड साइकल प्रभावित होता है? जानें क्या कहते हैं डॉक्टर

Can Too Much Travel Affect Periods Cycle in Hindi: कई महिलाओं को इस बात की परेशानी होती है कि यात्रा करने के बाद उन्हें 4 से 5 दिन देरी से पीरियड्स आए।  
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क्या ज्यादा ट्रैवल करने से पीरियड साइकल प्रभावित होता है? जानें क्या कहते हैं डॉक्टर


Can Too Much Travel Affect Periods Cycle : पीरियड्स यानी माहवारी हर महिला के जीवन का अहम हिस्सा है। हर महिला को 13 से 15 साल की उम्र के बाद महीने में 5 दिन वजाइना से ब्लीडिंग होती है, जिसे पीरियड्स कहा जाता है। कई बार महिलाओं को महीने के सिर्फ 2 से 3 दिन ही पीरियड्स होते हैं। लेकिन जीवन शैली की बदलती आदतों, तनाव हार्मोनल असंतुलन और विभिन्न कारणों से महिलाओं के पीरियड्स प्रभावित होते हैं। जिसके कारण देरी से पीरियड आना, पीरियड में क्रैम्प्स और दर्द और पेट में ऐंठन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। वैसे तो पीरियड्स को लेकर मन में कई तरह के सवाल आते हैं, लेकिन पिछले दिनों मेरी ट्रैवलर फ्रेंड गुड्डी रंजन ने मुझसे पूछा कि क्या ट्रैवल करने से भी पीरियड्स प्रभावित होते हैं? दरअसल, मेरी दोस्त गुड्डी को हर महीने देरी से पीरियड्स हो रहे हैं, वह कई बार इस बारे में डॉक्टर से बात कर चुकी है, कई सारे मेडिकल टेस्ट करवा रही है, लेकिन सब कुछ नॉर्मल ही रहा है। गुड्डी की परेशानी जानने के बाद मैंने गुरुग्राम स्थित सीके बिड़ला अस्पताल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की हेड डॉ. आस्था दयाल से बात की और पूछा कि क्या वाकई ट्रैवल करने से पीरियड्स प्रभावित होते हैं? आइए आगे जानते हैं इस सवाल का जवाब।

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क्या ज्यादा ट्रैवल करने से पीरियड साइकल प्रभावित होता है? - Can Too Much Travel Affect Periods Cycle in Hindi

डॉ. आस्था दयाल के अनुसार, यह बात बिल्कुल सच है कि ट्रैवल बिल्कुल पीरियड साइकल को प्रभावित करता है। दरअसल, ट्रैवल के दौरान जेट लैग शरीर की आंतरिक घड़ी को बदल देता है, जो ओव्यूलेशन के लिए महत्वपूर्ण हार्मोन के स्तर को प्रभावित करता है। इसके अलावा, यात्रा के दौरान होने वाला तनाव, नींद में कमी, खाने में बदलाव होना और सोने से पैटर्न में बदलावों की वजह से भी पीरियड साइकल प्रभावित होता है। डॉक्टर का कहना है कि ट्रैवल के दौरान जेट लैग शरीर की सर्कैडियन लय को बाधित करता है, जिससे हार्मोन उत्पादन प्रभावित होता है। इसके अलावा यात्रा के दौरान होने वाला तनाव शरीर में कोर्टिसोल के स्तर को बढ़ा सकता है, जो प्रजनन हार्मोन संतुलन में बाधा डालता है। इसके कारण पीरियड्स देरी से आ सकते हैं।

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तापमान के कारण प्रभावित होता है पीरियड साइकल

डॉ. आस्था के अनुसार, जब कोई महिला मैदानी क्षेत्र से पहाड़ या रेगिस्तानी इलाकों में यात्रा करती है, तो इसके कारण शरीर के तापमान पर भी प्रभाव पड़ता है। पहाड़ी क्षेत्र की यात्रा के दौरान ऊंचाई और हवा में मौजूद प्राकृतिक ठंडक शरीर के हार्मोन के संतुलन को बिगाड़ सकती है, जिसके कारण पीरियड देरी से आ सकते हैं। साथ ही, ऊंचाई में महत्वपूर्ण परिवर्तन रक्त में ऑक्सीजन के स्तर को प्रभावित कर सकते हैं, जो हार्मोन उत्पादन को प्रभावित कर सकता है। इसी तरह, अत्यधिक तापमान परिवर्तन संभावित रूप से शरीर के आंतरिक तापमान के स्तर को बिगाड़ सकता है, जिसके कारण पीरियड्स देरी से या जल्दी आ सकते हैं।

डॉक्टर की मानें तो अगर किसी महिला को साल में 1 या 2 बार पीरियड संबंधी परेशानी हो रही है, तो यह एक आम बात है, लेकिन इससे ज्यादा बार पीरियड की परेशानी होने पर स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह लेना जरूरी है। 

All Image Credit: Freepik.com

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