How Does an Intrauterine Device Affect Your Period : पढ़ाई करने, करियर बनाने, कुछ बनने की चाह में आज के जमाने की लड़कियां सब कुछ प्लानिंग के साथ करना चाहती हैं। बात सिर्फ करियर तक सीमित नहीं, लड़कियां मां बनने के लिए भी सही समय और प्लानिंग को ही चुनती है। यही कारण है कि इन दिनों प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए कई तरह के डिवाइस बाजार में आ गए हैं। अनवांटेड प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए बर्थ कंट्रोल इम्प्लांट, डीएचए इंजेक्शन, गर्भनिरोधक गोलियां मौजूद हैं। लेकिन आज ही देश की ज्यादातर महिलाएं अनवांटेड प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए कॉपर-टी को भी बेहतर मानती हैं।
नोएडा स्थित मदरहुड हॉस्पिटल्स की प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की कंसल्टेंट डॉ मनीषा तोमर (Dr Manisha Tomar, Consultant Obstetrician & Gynaecologist, Motherhood Hospitals, Noida) का कहना है कि कॉपर-टी (Copper-T) तांबे से बना एक छोटा टी-आकार का डिवाइस होता है। प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए कॉपर-टी को महिलाओं के गर्भाशय में डाला जाता है। अन्य हार्मोनल गर्भनिरोधक उपायों की तुलना में कॉपर-टी को ज्यादा सुरक्षित और सुविधाजनक माना जाता है। लेकिन अफसोस की बात यह है कि कॉपर-टीलगवाने से आज भी महिलाएं कई सारे सवाल करती हैं। इस लिस्ट का पहला सवाल ये होता है कि कॉपर-टी लगवाने से पीरियड पर असर पड़ता है? आज इस लेख में हम इसी सवाल का जवाब जानने की कोशिश करेंगे।
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कॉपर-टी लगवाने से पीरियड पर क्या असर पड़ता है?- What effect does getting a Copper-T inserted have on periods?
स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ के अनुसार, "कॉपर-टी को मुख्य रूप से महिलाओं के गर्भाशय के भीतर डाला जाता है, ताकि अनचाही प्रेग्नेंसी को रोका जा सके। इस डिवाइस की खास बात यह है कि ये हार्मोन-फ्री होता है। इसलिए अन्य गर्भनिरोधक विकल्प के मुकाबले सीधे तौर पर महिलाओं के पीरियड्स सर्कल को प्रभावित नहीं करता है।" हालांकि कुछ महिलाओं को कॉपर-टी लगवाने के बाद पीरियड्स में बदलाव महसूस हो सकते हैं। ऐसा क्यों होता है आइए आगे जानते हैं इसके बारे में...
- डॉ. मनीष तोमरा का कहना है कि कॉपर-टी तांबे की एक रॉड होती है। इसमें मौजूद तांबा गर्भाशय की अंदरूनी परत को हल्का उत्तेजित करता है। इसके कारण कुछ महिलाओं कॉपर-टी का इस्तेमाल करने के बाद हैवी ब्लीडिंग हो सकती है। यह एक सामान्य समस्या है, जो कुछ समय के बाद खुद से ही ठीक हो जाती है।
- कॉपर-टी लगवाने के बाद कुछ महिलाओं को शुरुआती महीनों में पीरियड्स की नियमितता प्रभावित होती हुई नजर आ सकती है। इस डिवाइस के इस्तेमाल से कुछ महिलाओं को जल्दी-जल्दी पीरियड्स आ सकते हैं। वहीं, कुछ महिलाओं को पीरियड आने में देरी हो सकती है।
- कुछ महिलाओं को कॉपर-टी लगवाने के बाद पीरियड्स के दौरान अधिक ऐंठन और दर्द का एहसास भी होता है। इस तरह की परेशानियां कॉपर-टी के इस्तेमाल के 3 से 6 महीने के बीच बहुत ही आम है। जैसे-जैसे कॉपर-टी शरीर के अंदर अपनी जगह बनाती है, दर्द और ऐंठन का एहसास भी कम हो जाता है।
- इस गर्भनिरोधक डिवाइस का इस्तेमाल करने के बाद ओवुलेशन के समय हल्की ब्लीडिंग या स्पॉटिंग की समस्या भी देखी जाती है। ओवुलेशन के समय होने वाली स्पॉटिंग कुछ ही महीनों के बाद ठीक हो जाती है। ऐसे में परेशान होने या घबराने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं होती है।
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कॉपर-टी लगवाने के बाद सावधानियां
स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ का कहना है कि कॉपर-टी लगवाने के बाद महिलाओं को साफ-सफाई का विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए। इस दौरान अगर सफाई का ध्यान न रखा जाए, तो यह इंफेक्शन, वजाइना से तेज दुर्गंध का कारण बन सकता है। कॉपर-टी लगवाने के बाद अगर आपको 7 से 14 दिनों तक लगातार ब्लीडिंग हो, इस दौरान असहनीय दर्द हो और पेट में ऐंठन की समस्या लगातार बनी रहे, तो इस विषय पर अपने डॉक्टर से बात करें।
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निष्कर्ष
कॉपर-टी अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकने का एक सरल और प्रभावी उपाय है। कॉपर-टी लगवाने के बाद कुछ महिलाओं को पीरियड्स में बदलाव महसूस हो सकते हैं, लेकिन यह हार्मोनल कारणों से नहीं होता है। इस डिवाइस का इस्तेमाल करने के बाद अगर आपको ज्यादा परेशानी या कोई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं, तो इस बारे में डॉक्टर से बात करें।