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क्या बच्चेदानी निकलवाने के बाद फाइब्रॉएड (गांठ) दोबारा हो सकता है? जानें डॉक्टर से

Can Fibroids Come Back After Hysterectomy In Hindi: बच्चेदानी निकलवाने के बाद फाइब्रॉएड होने का जोखिम कम हो जाता है। ऐसा क्यों होता है और इनका आपस में क्या कनेक्शन है, जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें-
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क्या बच्चेदानी निकलवाने के बाद फाइब्रॉएड (गांठ) दोबारा हो सकता है? जानें डॉक्टर से


Can Fibroids Come Back After Hysterectomy In Hindi: बच्चेदानी निकलवाना एक तरह का मेडिकल प्रोसीजर होता है। इसे एक्सपर्ट के द्वारा किया जाता है। इस प्रक्रिया के तहत बच्चादानी और कभी-कभी सर्विक्स भी निकालना पड़ता है। ध्यान रखें कि यह एक मेजर ऑपरेशन होता है। इसलिए, बच्चादानी कब निकलाना और क्यों निकालना है, इस तरह की चीजें डॉक्टर ही तय करते हैं। बच्चेदानी निकलवाने की प्रक्रिया को तभी अंजाम दिया जाता है, जब ट्रीटमेंट के सभी अन्य तरीके नाकाम हो जाते हैं। बहरहाल, कई बार बच्चेदानी में फाइब्रॉएड यानी गांठ होने के कारण भी यूट्रस को निकालने की प्रक्रिया की जाती है। अब सवाल य उठता है कि क्या बच्चेदानी निकलवाने के बाद भी फाइब्रॉएड दोबारा हो सकता है? या यह महज एक मिथक है? आइए, जानते हैं वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता का क्या कहना है। (Do Fibroids Come Back After Hysterectomy In Hindi)

क्या बच्चेदानी निकलवाने के बाद फाइब्रॉएड दोबारा हो सकता है?- Can Fibroids Grow Back After Hysterectomy In Hindi

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क्या बच्चेदानी निकलवाने के बाद दोबारा गांठ हो सकती है या नहीं? इस बारे में जानने से पहले यह जान लेना आवश्यक है कि क्या बच्चेदानी में फाइब्रॉएड होने पर क्या किया जाता है यानी किस तरह के ट्रीटमेंट की मदद ली जाती है? बच्चेदानी में फाइब्रॉएड होने पर डॉक्टर हार्मोनल दवाईयां देते हैं। इसकी मदद से हार्मोन को संतुलित कर फाइब्रॉएड के लक्षणों को कंट्रोल करने की कोशिश की जाती है। कुछ मामलों में फाइब्रॉएड रिमूव करने के लिए मायोमेक्टोमी प्रक्रिया की जाती है। मायोमेक्टोमी एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके जरिए फाइब्रॉएड को निकाला जाता है। अगर स्थिति तभी कंट्रोल में न आए, तो बच्चेदानी को रिमूव करने के विकल्प को चुना जाता है। जहां तक सवाल इस बात का है कि क्या बच्चेदानी निकलवाने के बाद फाइब्रॉएड दोबारा (Recurrent Fibroids After Hysterectomy In Hindi) हो सकता है? इस बारे में डॉक्टर का कहना है, "बच्चेदानी को रिमूव करने के बाद फाइब्रॉएड होने का रिस्क शून्य हो जाता है।" डॉक्टर आगे समझाते हैं, "असल में फाइब्रॉएड यूट्रस की लाइनिंग में होते हैं। ऐसे में अगर बच्चेदानी को सर्जीकल मेथड के जरिए निकाल दिया जाए, तो इसके बाद फाइब्रॉएड होने की जगह नहीं बचती है।" कुल मिलाकर, आप कह सकते हैं कि बच्चेदानी को हटाए जाने के बाद फाइब्रॉएड नहीं होता है।

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बच्चेदानी निकालने का शरीर पर प्रभाव

आमतौर पर बच्चेदानी निकालना ट्रीटमेंट के आखिरी विकल्प के रूप में देखा जाता है। यहां हम आपको बता रहे हैं कि बच्चेदानी निकलवाने के बाद शरीर पर इसका क्या असर पड़ता है-

कैंसर और एंडोमेट्रियोसिस जैसी गंभीर समस्याओं को छोड़ दें, तो बच्चेदानी निकलवाने की आवश्यकता बहुत कम मामलों में ही पड़ती है।

ध्यान रखें कि बच्चेदानी निकलवाने के बाद आपकी बॉडी अलग तरीके से रेस्पॉन्ड करती है। जैसे ओवरीज उस तरह हार्मोन प्रोड्यूस नहीं करते हैं, जिस तरह बच्चेदानी की मौजूदगी में करते हैं। इसका मतलब है कि बच्चेदानी निकाले जाने के बाद आपको कई तरह की शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

बच्चेदानी निकलवाने के बाद महिलाओं में यौन संबंध बनाने की चाह भी कम हो जाती है।

बच्चेदानी निकवलाने के कारण पेल्विस एरिया में मौजूद टिश्यूज को नुकसन हो सकता है। कई मामलों में बच्चेदानी निकलवाने के बाद महिलाओं को पेल्विस एरिया में दर्द होता है और कभी-कभी इस स्थिति में महिला को डॉक्टर के पास जाना पड़ सकता है।

All Image Credit: Freepik

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