असमय गर्भधारण करने से बचने के लिए महिलाएं बर्थ कंट्रोल पिल लेती हैं। हालांकि, बर्थ कंट्रोल पिल लेने के लिए कई अन्य फायदे भी होते हैं, जैसे यह मेंस्ट्रुअल साइकिल को नियमित करते हैं, हैवी ब्लीडिंग को कम करते हैं, पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द से छुटकारा दिलाते हैं और कई तरह के कैंसर के रिस्क को भी कम करते हैं। यही कारण है कि कई महिलाएं कंडोम के बजाय बर्थ कंट्रोल पिल लेना पसंद करती हैं। कंसीव करने से बचने के लिए बर्थ कंट्रोल पिल को नियमानुसार लेना पड़ता है। लेकिन, यहां यह सवाल महिलाओं को जरूर परेशान करता है कि बर्थ कंट्रोल पिल लेने के कितनी देर बाद इंटरकोर्स किया जाना सुरक्षित होता है? इस बारे में जानने के लिए हमने ग्रेटर नोएडा स्थित यथार्थ सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में Senior Consultant - IVF MBBS, DNB (OBG), FRM Gynaecology & Obstetrics डॉ. अपर्णा डडवाल से बात की।
बर्थ कंट्रोल पिल लेने के कितनी देर बाद इंटरकोर्स किया जाना सुरक्षित होता है?
डॉ. अपर्णा डडवाल के अनुसार, "किसी भी तरह की बर्थ कंट्रोल पिल को प्रेग्नेंसी रोकने के लिए लगातार 7 दिनों तक लेना पड़ता है। अगर आप अपने पीरियड्स के पहले पांच दिनों के अंदर ही इस गोली को लेना शुरू कर देते हैं, तो असमय प्रेग्नेंसी से जल्दी बचा जा सकता है।" डॉ. अपर्णा डडवाल आगे सलाह देती हैं, "इस सलाह के बावजूद हर महिला को बर्थ कंट्रोल पिल को रेगुलर लेने से पहले अपने डॉक्टर से गायनोकॉलोजिस्ट से जरूर बात करना चाहिए। क्योंकि किसी भी तरह की दवा की शुरुआत करने से पहले आवश्यक है कि महिला की मेडिकल कंडीशन के बारे में सभी जरूरी जानकारी डॉक्टर को पता हो। इसके बाद ही यह तय किया जा सकता है कि महिलाओं को बर्थ कंट्रोल पिल लेने के कितनी देर बाद यौन संबंध बनाना चाहिए।"
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बर्थ कंट्रोल पिल का महिला की सेक्सुअल लाइफ पर असर
बर्थ कंट्रोल पिल महिला की सेक्सुअल लाइफ को कई तरह से प्रभावित कर सकता है। आइए, जानते हैं इनके बारे में विस्तार से-
लिबिडो में कमी
बर्थ कंट्रोल पिल लेने की वजह से महिलाओं में सेक्स ड्राइव की कमी हो जाती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि बर्थ कंट्रोल पिल लेने की वजह से महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जो उनमें लिबिडो के स्तर को कम कर देती है।
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वजाइनल ड्राइनेस
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार बर्थ कंट्रोल पिल लेने की वजह से महिलाओं में वजाइनल ड्राइनसे की समस्या हो जाती है। ऐसे में उनके लिए इंटरकोर्स काफी दर्द भरा हो जाता है। दरअसल, बर्थ कंट्रोल पिल लेने से हार्मोनल बदलाव होते हैं। इसका जिक्र हमने पहले भी किया है। हार्मोनल बदलाव के कारण महिलाओं में एस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है। इसलिए, उन्हें वजाइनल ड्राइनेस की फेस करनी पड़ती है।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, कहने की बात ये है कि महलाओं को डॉक्टर की सलाह पर ही बर्थ कंट्रोल पिल लेना चाहिए। इसके बाद, वे अपने यौन संबंध कब सामान्य तौर पर जारी कर सकती हैं, इस बारे में भी उन्हें एक्सपर्ट की सलाह ही लेनी चाहिए। क्योंकि कई बार गलत समय पर यौन संबंध बनाने के कारण कंसीव करने का डर बना रहता है।
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FAQ
बर्थ कंट्रोल पिल्स कब काम करना शुरू करती है?
आमतौर पर बर्थ कंट्रोल पिल सात दिनों के अंदर ही प्रभावी तरीके से काम करती है। लेकिन, अगर आप इमर्जेंसी बर्थ कंट्रोल पिल लेते हैं, तो ये गोलियां महज 72 घंटे के अंदर ही काम करती हैं। प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए 28-दिन की गर्भनिरोधक गोली लेना जारी रखना जरूरी होता है। जैसे ही आप कंसीव करने की प्लानिंग करें, ये गोलियां लेना बंद कर दें।प्रेग्नेंसी से बचने के लिए मुझे गोली कब लेनी चाहिए?
प्रेग्नेंसी से बचने के लिए आप कंडोम का यूज कर सकते हैं। अगर महिलाएं यौन संबंध बनाने के लिए कंडोम का यूज नहीं करती हैं, तो वे गर्भनिरोधक गोलियां ले सकती हैं। इमर्जेंसी गोलियां 72 घंटे के अंदर लेनी चाहिए।गर्भ न ठहरे इसके लिए क्या करना चाहिए?
गर्भ न ठरहे इसके लिए सुरक्षित यौन संबंध स्थापित करना चाहिए। इसके लिए, कंडोम, गर्भनिरोधक गोलियां आदि ले सकते हैं। महिलाएं कॉपर-टी भी लगावा सकती हैं और पुरुष नसबंदी करवा सकते हैं।