अनचाहा गर्भ किसी के लिए भी चिंता का विषय हो सकता है। इस तरह की समस्याओं को रोकने के लिए ही गर्भनिरोधक उपायों की जरूरत पड़ती है। दुनिया की बढ़ती आबादी के कारण भी गर्भनिरोध की जरूरत और महत्व समझा जा सकता है। मगर देखा जाता है कि 'इंटरनेट युग' में भी बहुत सारे लोग गर्भनिरोध के 2-3 उपायों के बारे में ही जानते हैं, जैसे- कंडोम, पिल्स और सर्जरी। इसके अलावा बहुत सारे लोग प्राकृतिक गर्भनिरोधक उपायों को ज्यादा कारगर मानते हैं। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए आज हम आपको बता रहे हैं प्रेग्नेंसी को रोकने यानी गर्भनिरोध के सभी उपलब्ध उपाय, जिनके बारे में सही जानकारी प्राप्त करके आप खुद समझदारी से अपने लिए सही उपाय चुन सकते हैं।
गर्भनिरोधक तरीके कितने सुरक्षित हैं और किन तरीकों को महिलाओं को प्रेग्नेंसी रोकने के लिए चुनना चाहिए, इस पर ओन्ली माय हेल्थ ने डा. रंजिता गुप्ता, आईवीएफ स्पेशलिस्ट, स्त्री एंव प्रसूति रोग विशेषज्ञ और इंफर्टिलिटी एक्सपर्ट (IVF Specialist, Gynaecology, Obstetrics and Infertility Specialist)से बातचीत की और उनसे कुछ सवाल जवाब किए।
गर्भनिरोधक उपाय कौन- कौन से हैं, जिनका इस्तेमाल महिलाएं प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए कर सकती हैं?
इस सवाल का जवाब देते हुए डा. रंजीता का कहना है कि आजकल कई गर्भनिरोधक तरीके हैं, जिनका इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें देखा जाए, तो गर्भनिरोधक तरीकों के दो प्रकार हैं, जिसमें- स्थायी और अस्थायी तरीके शामिल हैं।
अस्थायी तरीके
अस्थायी तरीकों की बात की जाए, तो इसमें 5 गर्भनिरोधक उपाय हैं-
1.कंडोम
कंडोम गर्भनिरोधक का एकमात्र ऐसा तरीका है, जो गर्भावस्था को रोकने के सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन से बचाता है। गर्भनिरोधक की इस तरीके का इस्तेमाल पुरूष और महिला दोनों ही कर सकते हैं। हालांकि महिला कंडोम पुरुष लेटेक्स कंडोम की तरह प्रभावी नहीं है और इसे इस्तेमाल करना भी मुश्किल है।
2. गर्भनिरोधक गोली
गर्भनिरोधक गोली संयुक्त गोली है, जिसमें एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन होते हैं और मिनी गोली में केवल एक हार्मोन प्रोजेस्टिन होता है। गोली भी प्रेग्नेंसी को रोकने में प्रभावी है, लेकिन बशर्ते इसे समय पर लेना याद रखना जरूरी है।
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4. स्पर्मिसाइड क्रीम और जेल
स्पर्मिसाइड एक गर्भनिरोधक पदार्थ है, जो गर्भाशय में प्रवेश करने से पहले शुक्राणु को खत्म कर देता है या मार देता है। इसके सिंगल इस्तेमाल वाले ऐप्लिकेटर में एक स्पर्मिसाइड जेल यानि शुक्राणुनाशक जेल होता है। इसका उपयोग अकेले या एक विधि के साथ किया जा सकता है - जैसे कि कंडोम, डायाफ्राम या सर्वाइकल कैप के साथ।
5. आईयूडी डिवाइस
आईयूडी एक अंतर्गर्भाशयी डिवाइस है, जिसे अंतर्गर्भाशयी गर्भनिरोधक उपकरण (आईयूसीडी या आईसीडी) या कॉइल के रूप में भी जाना जाता है, यह एक छोटा, अक्सर टी-आकार का बर्थ कंट्रोल डिवाइस है, जिसे गर्भावस्था को रोकने के लिए एक महिला के गर्भाशय में डाला जाता है।
3. इंजेक्शन
गर्भनिरोधक के इस इंजेक्शन में हार्मोन प्रोजेस्टोजन का सिंथेटिक दूसरा रूप होता है। इसे नितंब या ऊपरी बांह में लगाया जाता है और अगले 12 हफ्तों में हार्मोन आपके खून में धीरे-धीरे रिलीज होता है।
स्थायी तरीके
स्थायी तरीकों में नसबंदी शामिल है, यह गर्भनिरोधक का एक स्थायी तरीका है। ये ऐसे लोगों के लिए उपयुक्त है, जो यह सुनिश्चित करते हैं कि वे कोई और बच्चे नहीं चाहते। नसबंदी महिलाओं और पुरुषों दोनों में की जा सकती हैं और यह अस्पताल में ही की जाती है।
गर्भनिरोधक के यह तरीके अनचाहे गर्भ को कैसे रोकते हैं?
डा. रंजिता कहती हैं, अलग-अलग तरीके या विधि के अनुसार, यह अलग-अलग तरीके से काम करते हैं। जो लोग यौन रूप से सक्रिय हैं और गर्भावस्था से बचना चाहते हैं, उन्हें बर्थ कंट्रोल के विकल्पों के बारे में पता होना चाहिए।
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गर्भनिरोधक तरीकों से होने वाले नुकसान
डा. रंजिता की मानें, तो उनके अनुसार गर्भनिरोधक तरीकों से ये 5 नुकसान हो सकते हैं-
- कंडोम से लेटेक्स एलर्जी हो सकती है।
- गर्भनिरोधक पिल्स और गर्भनिरोधक इंजेक्शन के लिए डॉक्टर की सलाह अनिवार्य है। क्योंकि अगर यह ठीक से नहीं लिया जाता है, तो ब्लीडिंग और धब्बे हो सकते है।
- आईयूडी (अंतर्गर्भाशयी उपकरण) का नियमित पालन अनिवार्य है, क्योंकि आईयूडी कई बार अनचाही प्रेग्नेंसी का कारण बन सकती है।
- स्थायी तरीके अपरिवर्तनीय हैं।
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