IVF प्रेग्नेंसी क्यों हो जाती है कई बार फेल? जानें कारण और एक्सपर्ट की राय

IVF Pregnancy : दुनियाभर में जो लोग इंर्फटिलिटी की समस्‍या से जुझ रहे हैं, वह संतान सुख भोगने के लिए आईवीएफ (IVF) तकनीक का सहारा लेते हैैं। लेकिन कई बार कुछ लोगों में आईवीएफ (IVF) बार-बार फेल हो जाता है। आइए जानते हैैं एक्‍सपर्ट की राय।  
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IVF प्रेग्नेंसी क्यों हो जाती है कई बार फेल? जानें कारण और एक्सपर्ट की राय

आजकल इंफर्टिलिटी की समस्‍या से निपटने के लिए आईवीएफ (IVF) जैसे तमाम तकनीक है, जो इस समस्‍या से परेशान लोगों में उम्‍मीद की एक नई किरण जगा सकती है। जी हां आईवीएफ की मदद से जो लोग मां-बाप बनने में असमर्थ हैं, उनकी झोली में खुशियां आ सकती हैं। आईवीएफ एक ऐसी प्रक्रिया है, जिससे कि गर्भधारण में दिक्‍कत आने वाली दिक्‍कत को दूर कर गर्भधारण कराया जाता है। लेकिन बहुत से लोगों में आईवीएफ के बाद भी गर्भधारण संभव नहीं हो पाता। आइए यहां हम आपको बताते हैं कि क्‍यों कई लोगों में बार-बार आईवीएफ फेल हो जाता है।   

आईवीएफ प्रेग्‍नेंसी (IVF Pregnancy) 

दुनियाभर में ऐसे लोग जो कि मां-बाप बनने का सुख नहीं भोग पा रहे हैं, उनके लिए आईवीएफ एक जादुई करिश्‍में से कम नहीं। आज मेडिकल साइन्‍स की बदौलत बांझपन की समस्‍या से गुजर रहे लोग भी संतान सुख और मां-बाप बनने का सुख उठा पा रहे हैं। लेकिन इस सबसे बीच बहुत से लोग ऐसे भी हैं, जिनमें इन विट्रो फर्टिलाइजेशन या आईवीएफ बार-बार फेल होता है।

 

''आईवीएफ फेल होने के पीछे क्‍या कारण हो सकते हैं, इस पर डॉ.रंजीता गुप्ता, सीनियर कंसल्टेंट, ऑब्स एंड गाइनी, रीप्रोडक्टिव मेडिसिन एंड आईवीएफ, मेडिचैक ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स ने ओन्‍लीमाय हेल्‍थ को बताया कि लोगों में आईवीएफ फेल होने के एक नहीं कई कारण हो सकते हैं। जिसमें उम्र या ट्यूब इंफेक्‍शन भी शामिल हो सकता है। '' आईवीएफ के फेल होने के पीछे डा. रंजिता ने कुछ वजह बताई-  

तनावग्रस्त जीवन 

टेस्ट ट्यूब बेबी एक माध्यम है, जिससे निःसंतान दम्पति संतान सुख प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन कुछ दम्पति ऐसे भी होते हैं, जो आईवीएफ की मदद लेने के बाद भी निराश ही रह जाते हैं। मेडिचेक आईवीएफ में ऐसे दम्पतियों के निराश रह जाने के कारणों की रिसर्च कर रहा था। जिसमें हम यह पता लगाने में सफल रहे हैं कि अधिकांश मामलों में आईवीएफ फेल होने के पीछे मरीज का मानसिक तौर पर तनावग्रस्त रहना और खराब जीवनशैली इसका मुख्य कारण होता है। 

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बच्चेदानी से जुड़ी समस्‍या 

दूसरी समस्या आईवीएफ करने से पहले यदि बच्चेदानी की अंदरूनी जांच (हिस्टोस्कोपी) न की गई हो, तो भी आईवीएफ फेल होने का खतरा रहता है। जिससे पता चलता है कि जिस स्थान पर भ्रूण चिपकने (इम्पलांट) होने है, वह सही है। बच्चेदानी की अंदरूनी सतह भी सही बननी चाहिए एवं गर्भाश्य की टी.बी. की जांच जरूरी है। अगर मरीजों को एंडोमेटोरियोसिस की बीमारी है, तो दूरबीन से ठीक करने के तुरंत बाद आईवीएफ साइकिल शुरू कर देना चाहिए।

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अधिक उम्र और खानपान 

अगर, आप आईवीएफ के बाद खाने पीने का ध्यान रखें और चिंतामुक्त रहें, तो इससे आईवीफ की सफलता की दर बढ़ जाती है। कई बार दम्पति के अधिक उम्र होने की वजह से भी अंडे की गुणवत्ता कम हो जाती है, जिसके कारणवश भ्रूण (एम्ब्रो) अच्छे नहीं बन पाते हैं। ऐसी परिस्थितियों में कम उम्र की महिला के अंडे (डोनर एग्गस) के माध्यम से साइकिल की जाए तो सफलता दर बढ़ जाती है। 

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