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आपने बड़े-बुजुर्गों को कहते सुना होगा कि नॉर्मल डिलीवरी के बाद कम से कम 40 दिन या 6 हफ्तों तक महिला को यौन संबंध स्थापित नहीं करना चाहिए। जब महिला पूरी तरह से रिकवर हो जाती है, इसके बाद भी डॉक्टर की सलाह पर भी सेक्सुअल एक्टिविटी में हिस्सा ले सकती हैं। यह सच है कि ज्यादातर महिलाएं इस बात को अमल में लाती हैं और सेहत में सुधार होने के बाद ही शारीरिक संबंध स्थापित करने के संबंध में कोई फैसला लेती है। मगर कई महिलाएं नॉर्मल डिलीवरी के बाद असुरक्षित यौन संबंध स्थापित करती हैं। सवाल ये उठता है कि क्या नॉर्मल डिलीवरी के बाद असुरक्षित यौन संबंध बनाने की वजह से प्रेग्नेंसी का खतरा बढ़ सकता है? आइए, जानते हैं इस बारे में फरीदाबाद स्थित Cloud Nine Hospital में Senior Consultant Gynecologist डॉ. शैली शर्मा क्या बताती हैं?
क्या नॉर्मल डिलीवरी के बाद असुरक्षित यौन संबंध से प्रेग्नेंसी का जोखिम बढ़ता है?
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इसमें कोई दो राय नहीं है कि जब भी महिलाएं असुरक्षित यौन संबंध स्थापित करती हैं, तो ऐसे में कंसीव करने का खतरा हमेशा बना रहता है। हालांकि, महिलाओं को ओव्यूलेशन पीरिड का ध्यान रखना चाहिए। इससे उन्हें प्रेग्नेंसी कंसीव करने की संभावना कब ज्यादा है, इसका पता चल सकता है। जहां तक सवाल इस बात का है कि क्या नॉर्मल डिलीवरी के बाद असुरक्षित यौन संबंध बनाने प्रेग्नेंसी का जोखिम बढ़ता है या नहीं? इस बारे में डॉ. शैली शर्मा बताती हैं, "निश्चित रूप से नॉर्मल डिलवरी के बाद असुरक्षित शारीरिक संबंध बनाने की वजह से प्रेग्नेंसी का रिस्क बढ़ जाता है।" अमेरिकन प्रेग्नेंसी एसोसिएशन में प्रकाशित लेख के अनुसार, "डिलीवरी करने के बाद ज्यादातर महिलाएं पोस्टपार्टम पीरियड से पहले किसी भी समय ओव्यूलेट कर सकती हैं। इसलिए, इस समयावधि में किसी भी समय असुरक्षित यौन संबंध बनाने पर कंसीव करने का रिस्क बढ़ जाता है।"
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नॉर्मल डिलीवरी के बाद असुरक्षित सेक्स करने से प्रेग्नेंसी का रिस्क क्यों बढ़ जाता है?
अर्ली ओव्यूलेशन: आमतौर पर डिलीवरी के बाद जो महिलाएं ब्रेस्टफीड करवाती हैं, उन्हें लंबे समय तक पहला पीरियड नहीं आता है, लेकिन इसका यह कभी भी आ सकता है। इसका मतलब है कि ओव्यूलेशन भी कभी भी हो सकता है। इसलिए, इस समयावधि में असुरक्षित यौन संबंध बनाना प्रेग्नेंसी के लिहाज से रिस्की हो सकता है।
कंसीव करने की संभावना में वृद्धिः विशेषज्ञों की मानें, तो डिलीवरी के तीन सप्ताह बाद भी अगर महिला असुरक्षित यौन संबंध बनाती है, तो ऐसे में कंसीव करने की संभावना दर काफी ज्यादा बढ़ जाती है। हालांकि, कई महिलाओं को लगता है कि ब्रेस्टफीडिंग एक तरह का प्राकृतिक सुरक्षा कवच है, जो कि कंसीव करने से रोकता है, लेकिन हर बार यह सही साबित हो, जरूरी नहीं है।
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नॉर्मल डिलीवरी के बाद शारीरिक संबंध बनाने से पहले रखें जरूरी बातों का ध्यान
- नॉर्मल डिलीवरी के बाद करीब 6 सप्ताह का गैप जरूर लें। इसके बाद यौन संबंध बनाने के बारे में विचार किया जा सकता है।
- सेक्सुअल एक्टिविटी जारी करने से पहले बेहतर होगा कि आप डॉक्टर की सलाह लेना न भूलें।
- हमेशा प्रोटेक्टेड सेक्स करना अच्छा होता है। खासकर, प्रेग्नेंसी से बचने के लिए कंडोम का उपयोग करना न भूलें। यह आपको कई तरह की बीमारी से भी बचा सकता है।
- फ्यूचर प्लान करना बहुत जरूरी है। डिलीवरी के बाद महिलाओं का शरीर कमजोर होता है और उन्हें अपने नवजात शिशु का भी ध्यान रखना होता है। ऐसे में दोबारा कंसीव करना महिला के लिए चुनौतिपूर्ण हो सकता है। इसलिए, पहले से ही भविष्य की प्लानिंग करते हुए यौन संबंध बनाना बेहतर होगा।
निष्कर्ष
नॉमर्ल डिलीवरी के बाद किसी भी महिला को यौन संबंध बनाने से पहले डॉक्टर की राय लेना जरूरी होता है। साथ ही, यह ध्यान रखना आवश्यक है कि फिलहाल आप एक बच्चे की केयर कर रहे हैं। ऐसे में असमय प्रेग्नेंसी आपको और आपके नवजाति शिशु के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। ऐसा आपके साथ न हो, इसके लिए जरूरी है कि आप 6 सप्ताह बाद जब भी यौन संबंध बनाना शुरू करें, प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करें और इससे पहले डॉक्टर की राय लेना न भूलें।
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Oct 24, 2025 16:31 IST
Modified By : Meera TagoreOct 24, 2025 16:31 IST
Published By : Meera Tagore