Unprotected Sex After Menopause In Hindi: मेनोपॉज का मतलब है कि 40 से 45 साल की उम्र के बाद महिलाओं के पीरियड्स पूरी तरह बंद हो जाना। दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि मेनोपॉज के बाद महिलाओं को पीरियड्स से जुड़ी सभी परेशानियां बंद हो जाती हैं। उन्हें पीरियड क्रैंप्स नहीं होते हैं और स्पॉटिंग जैसी परेशानियां होनी भी बंद हो जाती हैं। हालांकि, मेनोपॉज की वजह से महिलाएं कंसीव भी नहीं कर सकती हैं यानी इसके बाद गर्भधारण भी नहीं होता है। तो ऐसे अक्सर महिलाओं के मन में यह सवाल उठता है कि क्या मेनोपॉज के बाद असुरक्षित संबंध बनाया जा सकता है? आइए, जानते हैं डॉक्टर क्या कहते हैं। इस बारे में हमने मेडिकवर हॉस्पिटल के यूरोलॉजिस्ट और एंड्रोलॉजिस्ट डॉ. विजय दहिफले से बात की।
क्या मेनोपॉज के बाद असुरक्षित संबंध बनाया जा सकता है?- Is It Safe To Have Unprotected Sex After Menopause Know From Doctor In Hindi
यह बात हम सभी जानते हैं कि असुरक्षित सेक्स करना किसी के लिए सही नहीं है। असुरक्षित सेक्स न सिर्फ अनचाही प्रेग्नेंसी के रिस्क को बढ़ाता है, बल्कि सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज का जोखिम भी बढ़ता है। वैसे भी ध्यान रखें कि मेनोपॉज के बाद महिलाओं में अराउजल डिसऑर्डर , डिजायर डिसऑर्डर, ऑर्गैस्मिक डिसऑर्डर, पेन डिसऑर्डर और ड्राइनेस डिसऑर्डर जैसी कई समस्याएं शुरू हो जाती हैं, जो सेक्स के प्रति उनकी रुचि कम कर सकती है। बहरहाल, अगर हम मेनोपॉज होने के बाद सेक्स करने की बात करें, महिलाओं को सेक्स प्रक्रिया में भी सुरक्षा की ओर ध्यान देना चाहिए। विशेषज्ञ का कहना है कि मेनोपॉज के बाद असुरक्षित संबंध नहीं बनाया जाना चाहिए। यह सही नहीं है। भले ही मेनोपॉज के बाद कंसीव करने का जोखिम नहीं रहता है। इसके बावजूद अनप्रोटेक्टेड सेक्स करना सही नहीं है। ऐसा करने से यौन संचारित संक्रमण हो सकता है। आपको बता दें कि पोस्ट मेनोपॉज हो चुकी महिलाओं को एसटीआई का रिस्क अधिक होता है, क्योंकि उनकी वजाइनल टिश्यूज अधिक कमजोर हो जाती हैं।
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मेनोपॉज के बाद सुरक्षित संबंध बनाने के टिप्स
प्रोटेक्शन का उपयोग करें
मेनोपॉज होने के बावजूद महिलाओं को चाहिए कि प्रत्येक बार संबंध बनाते समय प्रोटेक्शन यानी कंडोम का इस्तेमाल जरूर करें। इससे एसटीआई या एसटीडी का रिस्क कम होता है।
नियमित चेकअप करवाएं
आमतौर पर मेनोपॉज होने के बाद महिलाएं सेक्सुअल एक्टिविटी में अधिक इन्वॉल्व नहीं होती हैं। वहीं, अगर आप मेनोपॉज के बाद भी महिलाएं इस संबंध में एक्टिव हैं, तो बेहतर है कि वह सालाना एसटीआई का टेस्ट करवाएं। यही नहीं, अपने पार्टनर को भी कहें कि वह निरंतर टेस्ट करवाते रहें।
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एसटीडी या एसटीआई के संकेतों को जानें
मेनोपॉज होने के बाद शारीरिक संबंध में सक्रिय रहने वाली महिलाओं के लिए जरूरी है कि वे एसटीआई के संकेतों के बारे में जानकारी रखें। ध्यान रखें, सही जानकारी की मदद से किसी बड़े समस्या को पहले ही संभाला जा सकता है।
सेक्सुअल कॉम्प्लीकेशन को कम कैसे करें
मेनोपॉज के बाद महिलाओं के लिए सेक्स का अनुभव बदल जाता है, क्योंकि हार्मोनल में परिवर्तन के कारण वजाइनल ड्राइनेस और मूड स्विंग जैसी कई समस्याएं होने लगती हैं। ऐसे में सेक्सुअल कॉम्प्लीकेशन बढ़ जाते हैं। जानें, इन्हें कम करने के तरीके-
- शारीरिक संबंध स्थापित करने से बचें नहीं, बल्कि एक्टिव रहें। इससे डिजायर बढ़ती है और ओवर ऑल हेल्थ पर भी अच्छा असर पड़ता है।
- वजाइनल ड्राइनसे दूर करने के लिए आप लुब्रिकंट का इस्तेमाल करें।
- अंतरंब संबंध सहज हों, इसके लिए आप वजाइनल मॉइस्चराइजर का भी उपयोग कर सकती हैं।
- अगर उक्त उपायों को अपनाने के बावजूद सेक्सुअल एक्टिविटी में सुधार नहीं हो रहा है, तो बेहतर होगा कि आप एक बार काउंसलर की मदद ले लें।
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