पिछले कुछ सालों में सेक्सुअल इंफेक्शन के केसेज में काफी इजाफा हुआ है। सेक्सुअल इंफेक्शन की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है। यदि आप सेक्सुअली एक्टिव हैं, तो आपको सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (STIs) होने का खतरा अधिक हो सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार हर साल ह्यूमन पैपलियोमेवायरस इंफेक्शन(एचपीवी) 311000 से अधिक सर्वाइकल कैंसर से होने वाली मौतों से जुड़ा है। सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन और डिजीज आमतौर पर सेक्सुअल कॉन्टैक्ट में आने से बाद होते हैं।
क्लाउडनाइन हॉस्पिटल, गुड़गांव की सीनियर कंसलटेंट गाइनेकोलॉजी डॉक्टर रितु सेठी के अनुसार बैक्टीरिया व वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में सेक्सुअल कॉन्टैक्ट के दौरान ट्रांसफर हो सकते हैं। यदि व्यक्ति एचआईवी पॉजिटिव के साथ संबंध बनाता है और खुद वह व्यक्ति एचआईवी नेगेटिव है, तो hsv1, गोनोरिया, hsv2, ट्राइकोमोनिएसिस जैसी बीमारी का खतरा रहता है। इस तरह के इंफेक्शन का खतरा किशोरियों और टीनएज लड़कियों में अधिक होता है। इसके लिए जरूरी है किशोरों में सेक्स एजुकेशन संबंधी पूरी जानकारी साथ ही सुरक्षित संबंध के बारे में जागरूकता। बहुत बार एसटीआई के लक्षण शुरुआत में पता नहीं चलते, जो आगे जाकर बांझपन का कारण बन सकते हैं। इसलिए युवा हों या किशोर इस विषय में संपूर्ण जानकारी होना बेहद आवश्यक है।
क्या हैं एसटीआई के लक्षण?
डब्ल्यूएचओ के अनुसार दुनियाभर में हर दिन 1 मिलियन से अधिक मामले एसटीआई के होते हैं, जिसमें से अधिकांश बिना लक्षणों वाले होते हैं। लक्षण दिखाई नहीं देने का मतलब ये नहीं है कि इससे शरीर को नुकसान नहीं होता। एसटीआई चार प्रकार के होते हैं। इन सभी के लक्षण शुरुआत में दिखाई नहीं देते लेकिन लॉन्ग टर्म में इसका प्रभाव सेक्सुअल हेल्थ पर पड़ता है।
सिफलिश
जिन लोगों को सिफिलिश होता है, उसे किसी प्रकार के लक्षण दिखाई नहीं देते। सिफलिश एक ऐसी स्थिति है, जिससे शरीर को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता। एसटीआई के लिए नियमित रूप से जांच करवानी चाहिए, खासकर जब आप सेक्सुअल रूप से एक्टिव हों।
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गोनोरिया
अमेरिका में गोनोरिया दूसरा सबसे अधिक रिपोर्ट होने वाला बैक्टीरियल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन है। ये एक सेक्सुअली ट्रांसमिटेड बैक्टीरिया से होने वाला संक्रमण है, जो स्त्री और पुरुष दोनों को संक्रमित कर सकता है। आमतौर पर संक्रमण होने के दो से सात दिन बाद इसके लक्षण दिखाई देने शुरू होते हैं।
क्लैमाइडिया
क्लैमाइडिया एक एसटीआई है, जो क्लैमाइडिया ट्रैकोमैटिस नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। ये इंफेक्शन यौन संपर्क में आने के कारण एक से दूसरे के शरीर में पहुंच जाता है। इसके लक्षण 2 से 14 दिनों के अंदर दिखाई देते हैं। इसका इलाज समय रहते कराना बेहद जरूरी होता है।
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माइकोप्लाज्मा जेनिटेलियम
माइक्रोप्लाज्मा जेनिटेलियम एक प्रकार का बैक्टीरियल इंफेक्शन है, जिसकी वजह से एसटीडी भी हो सकता है। संक्रमण होने के एक से तीन हफ्ते बाद इसके लक्षण दिखते हैं। उचित उपचार से संक्रमण को नियंत्रित और ठीक किया जा सकता है। इनमें से किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना जरूरी है।
STI से कैसे बचें?
- सेक्सुअल कॉन्टैक्ट के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करें।
- सेक्सुअल अंगों की अच्छी तरह साफ-सफाई करें।
- गुप्तांगों पर किसी तरह की समस्या या कोई लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर से संपर्क करें।