
Vaginal Changes During Menopause In Hindi: मेनोपॉज एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। इससे हर महिला को गुजरना पड़ता है। आमतौर पर 40 साल की उम्र के बाद महिला को कभी भी मेनोपॉज हो सकता है। मेनोपॉज को टाला नहीं जा सकता है। हां, इस दौरान महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं। इस संबंध में उन्हें पर्याप्त जानकारी होनी चाहिए। वास्तव में मेनोपॉज की वजह से महिला को कई तरह की शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे हॉट फ्लैशेज, फेशियल हेयर ग्रो होना, ब्रेस्ट टेंडरनेस आदि। अगर पहले से ही इसकी जानकारी हो, तो इन लक्षणों के प्रभाव को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। बहरहाल, मेनोपॉज के दौरान महिलाओं की योनि में भी कुछ बदलाव होते हैं। आपको इनके बारे में भी जानकारी होनी चाहिए। चलिए, जानते हैं इन अहम बातों के बारे में।
मेनोपॉज के दौरान योनि में होने वाले बदलाव

मेनोपॉज के दौरान वॉल्वा का बदलना
आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि मेनोपॉज के दौरान वॉल्वा का लुक बदल सकता ह। आपको बता दें कि वॉल्व महिला जननांग के बाहरी हिस्से को कहते हैं। कई बार मेनोपॉज की वजह से वॉल्वा थिन और फ्लैट हो जाती है। हालांकि, ऐसा सब महिलाओं के साथ हो, यह जरूरी नहीं है। इसके बावजदू, इस संबंध में जानकारी आपको स्वस्थ रखने में मदद कर सकती है।
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मेनोपॉज में योनि की लेयर का थिन होना
यह बात तो हम सभी जानते हैं कि जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे हमारी त्वचा सिकुड़ती जाती है। मेनोपॉजी के बाद त्वचा के सिकुड़ने की प्रक्रिया गति पकड़ लेती है। ऐसे में मेनोपॉज के दौरान योनि के आसपास मौजूद लेयर थिन हो जाती है, जिस वजह से शारीरिक संबंध स्थापित करना मुश्किल हो जाता है।
मेनोपॉज के दौरान लुब्रिकेशन कम हो जाता है

यह बात आप जानती ही होंगी कि योनि एक सेल्फ क्लीनिंग ऑर्गन है। इस संबंध में एस्ट्रोजन हार्मोन का बहुत अहम योगदान होता है। यही नहीं, अगर हार्मोन का स्तर बैलेंस रहे, तो ऐसी कंडीशन में योनि की लुब्रिकेशन भी मेंटेन रहती है। वहीं, मेनेपॉज के दौरान हार्मोन के स्तर में अंसतुलन हो जाता है, जिससे लुब्रिकेशन प्रभावित होने लगती है। नतीजतन, योनि में ड्राईनेस होने लगती है।
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मेनोपॉज के दौरान योनि में जलन होना
मेनोपॉज की प्रक्रिया एक या दो दिन में खत्म नहीं होती है। कुछ महिलाओं के लिए यह साल भर चलता है, तो वहीं कुछ महिलाओं को इसकी वजह से इससे भी समय तक परेशान रहना पड़ता है। मेनोपॉज के दौरान पीरियड्स बहुत ज्यादा प्रभावित होते हैं। कभी पीरियड ज्यादा होते हैं, तो कभी बहुत कम। कभी पीरियड साइकिल 15-15 दिनों तकक चलता है, तो कभी दो-ढाई महीनों तक महिलाओं को पीरियड्स नहीं होते है। ऐसे में महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है। एस्ट्रोजन हार्मोन वजाइनल हेल्थ को बैलेंस करने में अहम भूमिका निभाता है। एस्ट्रोजन के स्तर में कमी आने के कारण कई बार योनि में जलन जैसा महसूस होता है।
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