Can Flu Cause Miscarriage In First Trimester In Hindi: प्रेग्नेंसी के दिनों में महिलाओं की इम्यूनिटी बहुत ज्यादा कमजोर हो जाती है। ऐसे में अगर महिलाएं पहले से ही अपना ध्यान न रखें, तो इसका बुरा प्रभाव उनके गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ सकता है। विशेषज्ञों की मानें, तो प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में महिलाओं को अपनी इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए हेल्दी चीजें खानी चाहिए, लाइफस्टाइल की अच्छी आदतों को अपनाना चाहिए, जरूरी विटामिन और मिनरल्स लेने चाहिए तथा अच्छी नींद भी इम्यूनिटी के लिए जरूरी होती है। इतना ध्यान रखने के बावजूद गर्भवती महिलाएं कई बार बीमार पड़ जाती हैं। सवाल है कि प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में बीमार पड़ने से गर्भ में पल रहे शिशु पर किस तरह का असर पड़ता है? कुछ लोगों का मानना है कि प्रेग्नेंसी में फ्लू के कारण मिसकैरेज भी हो सकता है? क्या वाकई ऐसा होता है? आइए, वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से जानते हैं सच्चाई।
क्या प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में फ्लू होने पर वाकई मिसकैरेज हो सकता है?- Can Flu Cause Miscarriage In First Trimester In Hindi
प्रेग्नेंसी के दौरान हर महिला को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए। खासकर, प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही हर महिला के लिए बहुत ही कॉम्प्लीकेटेड होती है। इस समयावधि में मिसकैरेज का रिस्क भी काफी ज्यादा होता है। यही कारण है कि पहली तिमाही में महिलाओं को दौड़-भाग न करने, हैवी या इंटेंस वर्कआउट न करने और अनहेल्दी आदतों से दूर रहने की सलाह दी जाती है। जहां तक सवाल इस बात का है कि क्या वाकई प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में फ्लू होने पर मिसकैरेज हो सकता है? इस संबंध में एक्सपर्ट का कहना है, "हां, यह सच है कि प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में फ्लू के कारण मिसकैरेज का रिस्क बढ़ सकता है। हालांकि, हमेशा ऐसा हो यह जरूरी नहीं है। लेकिन, अगर महिला बीमारी के दौरान अपना ध्यान नहीं रखती है, तो यह उनके गर्भ में पल रहे शिशु पर निगेटिव असर डाल सकता है।"
इसे भी पढ़ें: प्रेग्नेंसी में बुखार कहीं फ्लू के कारण तो नहीं? जानें इसके कारण, लक्षण और इलाज
प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में फ्लू होने के अन्य जोखिम
बच्चे का वजन कम होना
सीडीसी में प्रकाशित एक अध्ययन की रिपोर्ट से इस बात का खुलासा होता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान जिन महिलाओं फ्लू होता है, जन्म के समय उनके शिशु का वजन कम होता है। विशेषकर, जिन महिलाओं को प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में फ्लू होता है, उन्हें इस तरह की परेशानी हो सकती है। इसलिए, प्रेग्नेंसी के दौरान बहुत जरूरी है कि महिलाएं अपनी सेहत का ध्यान रखें और इम्यूनिटी को मजबूत बनाएं ताकि बीमार न पड़ें।
इसे भी पढ़ें: प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में गर्भपात का खतरा ज्यादा क्यों होता है? जानें डॉक्टर से
प्रीटर्म बर्थ होना
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की मानें, तो जिन महिलाओं को प्रेग्नेंसी में फ्लू या इंफ्लुएंजा इंफेक्शन होता है, उनमें प्रीटर्म बर्थ की समस्या हो सकती है। इस वेबसाइट में प्रकाशित एक अध्ययन से स्पष्ट होता है जिन महिलाओं को रेस्पीरेटरी से जुड़ी दिक्कत होती है, उन्हें इस तरह की परेशानी अधिक देखने को मिलती है। इंफ्लूएंजा या किसी तरह का संक्रमण हो, तो डॉक्टर के पास जरूर जाएं।
All Image Credit: Freepik