Is It Safe To Do Crunches In Early Pregnancy In Hindi: इन दिनों लोग फिट और हेल्दी बॉडी पाने के लिए तरह-तरह के एक्सरसाइज करते हैं। इसमें स्क्वॉट और क्रंचेस जैसे एक्सरसाइज भी शामिल हैं। खासकर, क्रंचेस की बात करें, तो इसे पीठ के बल लेटकर किया जाता है। लेकिन, यह पेट के लिए फायदेमंद है। क्रंचेस करने से कोर मसल्स को मजबूती मिलती है, पोस्चर में सुधार होता है, बैलेंसिंग और स्टेबिलिटी भी आती है। इस तरह देखा जाए, तो मौजूदा समय में हर व्यक्ति को क्रंचेस एक्सरसाइज करनी चाहिए। विशेषकर, उन लोगों के लिए यह ज्यादा फायदेमंद है, जो अक्सर एक ही जगह पर बैठकर दिन भर काम करते हैं। तो क्या यह एक्सरसाइज गर्भवती महिलाओं के लिए भी लाभकारी है? आइए, जानते हैं इस बारे में।
प्रेग्नेंसी में क्रंचेस करना चाहिए या नहीं?- Is It Safe To Do Crunches In Early Pregnancy In Hindi
प्रेग्नेंसी के दौरान महिला किस तरह की एक्सरसाइज कर रही है, यह बात बहुत मायने रखती है। उन्हें ऐसी कोई एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए, जिससे उनके गर्भ में पल रहे शिशु पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। जैसे अगर हम क्रंचेस की बात करें, तो स्पष्ट रूप में यह कहा जा सकता है कि प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में क्रंचेस करना सुरक्षित हो सकता है। लेकिन, दूसरी और तीसरी तिमाही में क्रंचेस को नहीं करना चाहिए। पहली तिमाही में भी उन्हीं महिलाओं के लिए क्रंचेस करना फायदेमंद हो सकता है, जिन्हें डॉक्टर ने इस एक्सरसाइज को करने की इजाजत दी है। कुल मिलाकर, प्रेग्नेंसी के दौरान माइल्ड एक्सरसाइज जैसे वॉकिंग, जॉगिंग करना अच्छा होता है। लेकिन, क्रंचेस करने से पहले एक्सपर्ट की राय लेना जरूरी है।
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प्रेग्नेंसी में क्यों न करें क्रंचेस एक्सरसाइज
विशेषज्ञों के अनुसार, सिर्फ क्रंचेस ही नहीं, बल्कि पेट के बल किए जाने वाले कोई एक्सरसाइज प्रेग्नेंसी के दौरान नहीं किए जाने चाहिए। इस तरह की एक्सरसाइज में हाई इंटेसिटी की जरूरत होती है। इसकी वजह गर्भवती महिला का हार्ट रेट बढ़ सकता है, जिससे बच्चे तक ऑक्सीजन सप्लाई कम हो सकती है। इसके अलावा, एब्डोमिनल एक्सरसाइज करने से पेट पर जो दबाव बनता है, वह महिला के लिए असहजता खड़ी कर सकता है। हालांकि, क्रंचेस करने की वजह से बच्चे पर प्रभाव नहीं पड़ता है। लेकिन, पेट की एक्सरसाइज करने की वजह से महिला की सही पोजिशन में स्थिरता बनाए रखना मुश्किल होता है, जिससे पेट के अंदर अतिरिक्त दबाव बन सकता है, जो कि पेट के अंदर मौजूद मांसपेशियों को सेपेरेट यानी अलग कर सकता है। आपको बता दें कि कुछ महिलाओं में प्रेग्नेंसी के दौरान एब्डोमिनल वॉल सेपेरेशन की दिक्कत हो सकती है। इसलिए, प्रेग्नेंसी के दौरान क्रंचेस जैसी एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए।
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प्रेग्नेंसी में कब एक्सरसाइज करने से बचें
- अगर गर्भवती महिला को सर्वाइकल से जुड़ी परेशानी है, तो उन्हें एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए। इस तरह की कंडीशन में एक्सरसाइज करने से उनकी हेल्थ पर निगेटिव असर पड़ सकता ह।
- अगर किसी वजह से गर्भ में पल रहे शिशु की मूवमेंट कम हो, तो भी महिला को वर्कआउट या एक्सरसाइज नहीं करना चाहिए। यह स्थिति महिला के लि सही नहीं है।
- अगर प्रेग्नेंसी के दौरान महिला बहुत ज्यादा थकान, कमजोरी, चक्कर आना या मतली महसूस करती है, तो भी उन्हें एक्सरसाइज से दूरी बनाए रखनी चाहिए।
- जिन प्रेग्नेंट महिलाओं को हार्ट डिजीज है, हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, उन्हें किसी भी तरह के वर्कआउट को अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
- अगर किसी महिला को गर्भावस्था के दौरान ब्लीडिंग, स्पॉटिंग या एमनियोटिक फ्लूइड लीकेज की दिक्कत है, तो भी उन्हें एक्सरसाइज करने से बचना चाहिए।
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