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क्या प्लेसेंटा से जुड़ी समस्याएं होने पर मिसकैरेज का जोखिम बढ़ता है? डॉक्टर से जानें

प्रेग्नेंसी में प्लेसेंटा से जुड़ी समस्याएं होने मां और बच्चे के लिए जोखिम का कारण बन सकती हैं। आगे जानते हैं इन समस्याओं के बारे में   
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क्या प्लेसेंटा से जुड़ी समस्याएं होने पर मिसकैरेज का जोखिम बढ़ता है? डॉक्टर से जानें


Pregnancy Complications: प्रेग्नेंसी में महिलाओं को कई तरह की समस्याओं से बचने की सलाह दी जाती है। दरअसल, इस दौरान महिला की किसी भी लापरवाही से बच्चे को जान का जोखिम उठाना पड़ सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भ में पल रहा बच्चा मां से ही खाना और ऑक्सीजन प्राप्त करता है। लेकिन, कई बार महिलाओं को किसी समस्या के चलते मिसकैरेज भी हो सकता है। इसमें आप प्लेसेंटा से जुड़ी समस्याओं को भी शामिल कर सकते हैं। प्रेग्नेंसी में प्लेसेंटा से जुड़ी समस्याओं से होने वाले मिसकैरेज को समझने से पहले आपको प्लेसेंटा से जुड़ी समस्याओं को जनाना बेहद जरूरी है। 

क्या प्लेसेंटा से जुड़ी समस्याएं होने पर मिसकैरेज का जोखिम बढ़ जाता है - Can Placenta Problems Cause Miscarriage In Hindi 

गर्भावस्था में प्लेसेंटा से जुड़ी समस्याओं में गर्भ में पल रहे भ्रूण को जान का जोखिम हो सकता है। मणिपाल अस्पताल गायनकोलोजी कंसल्टेंट डॉ. बिनीता दिवाकर से जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में प्लेसेंटा से जुड़ी समस्या में किस तरह से मिसकैरेज का जोखिम हो सकता है। 

प्लेसेंटा का ब्रेक होना

प्लेसेंटा बच्चे और गर्भाशय से जुड़ा होता है। कई बार प्लेसेंटा में रुकावट आ सकती है। इस स्थिति में बच्चे के जन्म से पहले गर्भनाल को गर्भाशय की दीवार से अलग हो सकती है। जब ऐसा होता है, तो बच्चे को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते, जिससे मिसकैरेज का खतरा बढ़ जाता है।

placenta problem in pregnancy

प्लेसेंटा प्रीविया

प्लेसेंटा प्रीविया, जिसे लो-लाइंग प्लेसेंटा भी कहा जाता है, यह तब होता है जब गर्भावस्था के दौरान प्लेसेंटा मां के गर्भाशय ग्रीवा को ढक लेता है। इससे बर्थ कैनाल में रुकावट आ सकती है। यह स्थिति गंभीर रक्तस्राव को ट्रिगर कर सकती है, जिससे मां और बच्चे दोनों को खतरा हो सकता है। यह स्थिति मिसकैरेज का जोखिम बढ़ा सकती है। 

प्लेसेंटल अपर्याप्तता (Placental Insufficiency)

प्लेसेंटा भ्रूण को पोषक तत्वों और ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति करता है। लेकिन, कुछ महिलाओं को प्लेसेंटल अपर्याप्तता की समस्या हो सकती है। इसमें प्लेसेंटा नॉर्मल तरह से कार्य नहीं कर पाता है। इसकी वजह से बच्चे को ऑक्सीजन और पोषण नहीं मिल पाता है। 

कोरियोएम्नियोनाइटिस (Chorioamnionitis) 

प्रेग्नेंसी में एमनियोटिक थैली बच्चे को ढक लेती है और उसे नुकसान से बचाती है। हालांकि, यदि बैक्टीरिया इसको तोड़ता है, तो इससे कोरियोएम्नियोनाइटिस हो सकता है, जो भ्रूण की झिल्लियों और एमनियोटिक द्रव का संक्रमण होता है। इसमें होने वाले सूजन प्लेसेंटा के कार्य को प्रभावित कर सकती है, इससे मिसकैरेज होने की संभावना बढ़ जाती है।  

प्लेसेंटल असामान्यताएं

कभी-कभी, प्लेसेंटा में ही असामान्यताएं विकसित हो सकती हैं, जैसे कि प्लेसेंटा एक्रेटा, इसमें प्लेसेंटा गर्भाशय की दीवार से गहराई से जुड़ जाता है, या कोरियोकार्सिनोमा जैसे प्लेसेंटल ट्यूमर। ये असामान्यताएं सामान्य प्रेग्नेंसी में   बाधा डाल सकती हैं, गर्भावस्था को खतरे में डाल सकती हैं और गर्भपात की संभावना बढ़ सकती है।

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इसके अलावा, प्रेग्नेंसी में हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, ऑटोइम्यून विकार और सही तरह से ब्लड सर्कुलेशन नहीं होता है, तो ऐसे में प्रेग्नेंसी के दौरान मां और बच्चे दोनों को खतरा हो सकता है। गर्भावस्था की किसी भी तिमाही में परेशानी होने पर आप इसे नजरअंदाज न करें। ऐसे में आप तुरंंत किसी स्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें और इलाज को शुरू कराएं। 

 

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