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प्रेग्नेंसी से जुड़े 5 मिथक जिन पर लोग करते हैं भरोसा, डॉक्टर से जानिए इसकी सच्चाई

Pregnancy Myths and Facts: प्रेग्रेंट महिलाओं को लोग अलग-अलग तरह की सलाह देते हैं। इनमें कुछ काम की होती हैं, तो कुछ केवल पीढ़ियों से चले आ रहे मिथक होते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।  
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प्रेग्नेंसी से जुड़े 5 मिथक जिन पर लोग करते हैं भरोसा, डॉक्टर से जानिए इसकी सच्चाई

Pregnancy Myths and Facts: प्रेग्नेंसी हर महिला के लिए बेहद खास वक्त होता है। 9 महीने के इस सफर में एक महिला को अपने अंदर एक खूबसूरत एहसास हो पिरोती है। प्रेग्नेंसी में महिला सिर्फ बाहर से नहीं, बल्कि अंदर से भी बिल्कुल बदल जाती है। प्रेग्नेंसी के दौरान घर और पड़ोस के लोग महिलाओं को अलग-अलग तरह की सलाह देते हैं। प्रेग्नेंट महिलाओं को मिलने वाली कुछ सलाह तार्किक होती हैं, लेकिन कुछ सिर्फ मिथक होते हैं। यह मिथक सदियों से पीढ़ी दर पीढ़ी चलते ही जा रहे हैं। जो महिलाएं पहली बार मां बनने वाली होती हैं, वो इन मिथकों पर भरोसा कर लेती हैं और घबरा जाती हैं। इसलिए आज हम आपको प्रेग्नेंसी से जुड़े 5 मिथक और उनकी सच्चाई क्या है, इसके बारे में बताने जा रहे हैं।

Myth 1- प्रेग्नेंसी में दो लोगों का खाना खाना चाहिए

Fact - दिल्ली के शालीमार बाग स्थित मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की गायनाकोलॉजिस्ट डॉ. सीमा जैन का कहना है कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को 2 लोगों के बराबर खाना खाना चाहिए, इस दावे में कोई सच्चाई नहीं है। प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भ में पलने वाले भ्रूण का सही विकास हो, इसके लिए महिलाओं को प्रतिदिन 300 कैलोरी की जरूरत होती है। प्रेग्नेंसी के 9 महीने के सफर में महिलाओं को वजन लगभग 11 किलो से 15 किलो तक पहुंच जाता है। इससे कम और ज्यादा बढ़ने से महिलाओं को डिलीवरी के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली मां और बच्चा दोनों सेहतमंद रहे, इसके लिए उन्हें संतुलित आहार खाने की सलाह दी जाती है। डॉक्टर का कहना है कि प्रेग्नेंट महिलाओं को ऐसा भोजन करना चाहिए, जिसमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन्स और मिनरल्स का संतुलन हो।

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Myth 2- प्रेग्नेंसी में केसर खाने से बच्चे का रंग गोरा होता है

Fact- कई लोग प्रेग्नेंट महिलाओं से कहते हैं कि वह अगर रोजाना थोड़ी मात्रा में केसर का सेवन करें, तो इससे बच्चा गोरा होता है। हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि प्रेग्नेंसी के दौरान मां के केसर खाने से बच्चे का रंग गोरा होगा, इस दावे में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है। गर्भ में पलने वाले बच्चे का रंग, रूप और अन्य सभी चीजें माता-पिता के जीन्स पर आधारित होती हैं। जिन लोगों का रंग सांवला है, उनके बच्चे शायद ही गोरे पैदा होंगे। क्योंकि वह उन्हीं के जीन्स के द्वारा जन्म लेने वाला है।

Myth 3- प्रेग्नेंसी में पपीता खाने से गर्भपात हो जाता है

Fact- ऐसा कहा जाता है कि प्रेग्नेंट महिलाएं अगर पपीते का सेवन कर लें, तो इससे गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। सदियों से लोग इस बात पर भरोसा करते आ रहे हैं। इस बारे में गायनाकोलॉजिस्ट डॉ. सीमा जैन का कहना है कि प्रेग्नेंसी के दौरान कच्चे और अध पके पपीते को खाने की मनाही होती है। प्रेग्नेंट महिलाएं बिना किसी संकोच के पका हुआ पपीता खा सकती हैं। दरअसल, कच्चे और अध पके पपीते में लैटेक्स की मात्रा ज्यादा पाई जाती है। जिसकी वजह से लेबर वाले हार्मोन ऑक्सीटोसिन और प्रोस्टाग्लैडिंस होते हैं। वहीं, पके हुए पपीते में लैटेक्स की मात्रा लगभग शून्य के बराबर होती है। इसलिए प्रेग्नेंसी में पके हुए पपीते का सेवन करना बिल्कुल सुरक्षित है। डॉक्टर का कहना है कि प्रेग्नेंसी में पके हुए पपीते का सेवन करने से कब्ज और उल्टी जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।

Myth 4 - प्रेग्नेंसी में मॉर्निंग सिकनेस सिर्फ सुबह के वक्त होती है।

Fact- प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में अक्सर महिलाओं को सुबह उठते ही उल्टी होने लगती है। इस समस्या को मॉर्निंग सिकनेस कहा जाता है। ज्यादातर लोगों का मानना होता है, यह समस्या सिर्फ सुबह के समय ही महिलाओं को होती है। लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि हार्मोनल बदलावों की वजह से प्रेग्नेंसी में कभी भी उल्टी और जी मिचलाने की समस्या हो सकती है। शुरुआत के 3 महीनों में उल्टी होने की समस्या महिलाओं को सुबह होती है, लेकिन चौथे महीने के बाद यह प्रॉब्लम कभी भी हो सकती है। ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है।

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Myth 5- प्रेग्नेंसी में स्पाइसी फूड्स खाने से बच्चे की आंखें खराब होती हैं?

Fact- लगभग 1 साल पहले जब मैं प्रेग्नेंट थी, तब मेरे घरवाले मुझे तीखा और चटपटा खाना खाने की मना करते थे। दादी कहती थीं कि इससे होने वाले बच्चे की आंखों पर असर पड़ता है। इस दावे पर गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. अंजली कुमार का कहना है कि प्रेग्नेंसी के दौरान स्पाइसी फूड्स खाने से बच्चे की आंखों को नुकसान पहुंच सकता है, यह दावा बिल्कुल गलत है। आम लोगों के बीच फैली इस भ्रामक जानकारी के पीछे किसी भी तरह का वैज्ञानिक तर्क मौजूद नहीं है। डॉ. अंजली की मानें तो प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को हार्ट बर्न और पाचन से जुड़ी समस्याएं न हों, इसलिए उन्हें स्पाइसी और तीखा खाना कम खाने के लिए कहा जाता है।

नोट : प्रेगनेंसी हर महिला के लिए बहुत नाजुक दौर होता है इस दौरान अपनी डाइट में किसी तरह के फल, सब्जियां या नट्स को शामिल करते वक्त डॉक्टर की सलाह जरूर लें। 

All Image Credit: Freepik.com

 

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