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प्रेग्नेंसी के दौरान बार-बार करता है कुछ खाने का मन? जानें प्रेग्नेंसी क्रेविंग क्या है और कैसे करें कंट्रोल

Pregnancy Craving: प्रेग्नेंसी के दौरान हार्मोनल बदलावों की वजह से महिलाओं का कई तरह की चीजें खाने का मन करता है।
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प्रेग्नेंसी के दौरान बार-बार करता है कुछ खाने का मन? जानें प्रेग्नेंसी क्रेविंग क्या है और कैसे करें कंट्रोल


What is Pregnancy Craving: प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। प्रेग्नेंसी में हार्मोन्स में चेंज होने की वजह से कई तरह की चीजें खाना का मन करता है। इस दौरान किसी महिला का मीठा खाने का मन करता है, तो कुछ महिलाओं को तीखा खाने की क्रेविंग होती है। वैसे तो हमारे देश में प्रेग्नेंट महिलाओं की खाने की क्रेविंग को लड़का और लड़की होने से जोड़ दिया गया है। कुछ लोगों का मानना होता है प्रेग्नेंसी के दौरान अगर खट्टा खाने का मन हो तो लड़की होगी और मीठा खाने का मन हो तो लड़का होगा। अब इस बात में कितनी सच्चाई है, इसके बारे में कहा नहीं जा सकता है, लेकिन प्रेग्नेंसी क्रेविंग क्या है और इसे कैसे कंट्रोल किया जा सकता है इसके बारे में जानना जरूरी है। 

क्या होती है प्रेगनेंसी क्रेविंग?- What is Pregnancy Craving?

गुरुग्राम स्थित मारेंगो एशिया अस्पताल की गायनोकॉलोजिस्ट डॉ. पल्लवी वासल के मुताबिक, "प्रेग्नेंसी के दौरान हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिसकी वजह से कई तरह के खाने की क्रेविंग होना स्वाभाविक है। कई बार देखा जाता है कि महिलाओं को जो चीजें पहले पसंद नहीं थीं वह प्रेग्नेंसी के दौरान अच्छी लगने लगती हैं। वहीं, जो फूड आइटम उन्हें पहले अच्छे लगते थे वो प्रेग्नेंसी के दौरान उन्हें बिल्कुल पसंद नहीं आते हैं।" एक्सपर्ट का कहना है कि प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले हार्मोनल बदलाव का असर महिलाओं की सूंघने की क्षमता और चखने पर भी पड़ता है।

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कब शुरू होती है प्रेग्नेंसी क्रेविंग?- When Do Pregnancy Cravings Start

एक्सपर्ट्स के अनुसार, प्रेग्नेंसी क्रेविंग की शुरुआत गर्भधारण करने के 7-8 सप्ताह यानी की लगभग डेढ़ महीने बाद शुरू होती है। प्रेग्नेंसी क्रेविंग का यह सिलसिला थर्ड ट्राइमेस्टर तक चलता रहता है। एक्सपर्ट का कहना है कि बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं को होने वाली इस तरह की क्रेविंग बिल्कुल खत्म हो जाती है।

क्या प्रेग्नेंसी क्रेविंग में डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए?

डॉ. पल्लवी वासल के मुताबिक, प्रेग्नेंसी के 3 महीने के बाद अगर फूड क्रेविंग रहती है और फिर अचानक गायब हो जाती है, तो इस स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके अलावा प्रेग्नेंट महिलाओं को पेंट, चॉक, दीवार का प्लास्टर खाने का मन करता है, तो यह शरीर में विटामिन और मिनरल्स की कमी को दर्शाता है। इस स्थिति में भी डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।

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प्रेग्नेंसी क्रेविंग में चुने हेल्दी ऑप्शन

हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा मसाले, फ्राइड और जंक फूड का सेवन करने से गर्भ में पलने वाले बच्चे के विकास पर असर पड़ सकता है। ऐसे में महिलाएं फूड क्रेविंग को खत्म करने के लिए कुछ हेल्दी ऑप्शन ट्राई कर सकती हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में।

भुने हुए चने

प्रेग्नेंसी में भूख को कंट्रोल करने के लिए आप भुने हुए चने का ऑप्शन ट्राई कर सकती हैं। भुने हुए चनों में प्रोटीन, फाइबर और फोलेट जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो महिला और बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद होते हैं।

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दही या योगर्ट

इस दौरान आइसक्रीम या किसी भी अन्य तरह के डेजर्ट खाने का मन करता है, तो इसकी जगह आप दही और फ्लेवर्ड योगर्ट ट्राई कर सकती हैं। दही और योगर्ट में कैल्शियम और कई तरह के विटामिन पाए जाते हैं। इनका सेवन करने से बच्चे की ग्रोथ अच्छी होती है।

ड्राई फ्रूट्स

प्रेग्नेंसी में पैकेट वाले चिप्स, नमकीन और पैकेट वाले फूड खाने का मन करता है, तो इसकी जगह आप ड्राई फ्रूट्स का ऑप्शन ट्राई कर सकते हैं। आप डाइट में बादाम, काजू, पिस्ता या अखरोट को डाइट में शामिल कर सकती हैं। इनमें पाया जाने वाला प्रोटीन, फाइबर, हेल्दी फैट मां और गर्भ में पलने वाले बच्चे के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

Pic Credit: Freepik.com

With Inputs: Dr. Pallavi Vasal, Unit Director-Obstetrics and Gynecology, Marengo Asia Hospitals, Gurugram (NCR)

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