
Side Effects of Mutton Eating During Pregnancy : प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को अपने खान पान का बहुत ज्यादा ख्याल रखने की जरूरत पड़ती है। 9 महीने का यह सफर बहुत नाजुक होता है। इस दौरान थोड़ी सी भी लापरवाही मां और गर्भ में पलने वाले शिशु के लिए नुकसानदायक हो सकती है। इस दौरान मूड स्विंग, खाने की क्रेविंग, स्वाद में बदलाव होता रहता है। प्रेग्नेंसी में महिलाओं का कई बार मीठा खाने का मन करता है, तो कभी खट्टी सी इमली का स्वाद चखने को जी ललचाता है। इस दौरान जच्चा और बच्चा दोनों सही हैं या नहीं इसके लिए कई तरह के मेडिकल टेस्ट करवाए जाते हैं। इन टेस्ट की रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर कई बार महिलाओं को हाई प्रोटीन डाइट लेने की सलाह देते हैं। ऐसे में महिलाएं अंडा, चिकन और मटन जैसी चीजों को अपनी डाइट में शामिल करती हैं। इनमें से अंडा और चिकन तो आसानी से पच जाता है, लेकिन मटन को डाइजेस्ट करने में थोड़ी मुश्किल आती है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या प्रेग्नेंसी में मटन का सेवन करना सही है? इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमने दिल्ली की डाइटिशियन पूजा सिंह से बातचीत की।
क्या प्रेग्नेंसी में मटन खाना सही है?- Eating Meat During Pregnancy Is It Safe?
डाइटिशियन का कहना है कि प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में मटन का सेवन करना बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है। हालांकि तीसरी तिमाही में एक सीमित मात्रा में मटन खाया जा सकता है। एक्सपर्ट का कहना है कि मटन में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन के साथ-साथ विटामिन (Vitamins), एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidants) और मिनरल्स (Minerals) होता है, जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। हालांकि प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा मटन का सेवन किया जाए तो इससे बच्चे और मां दोनों को नुकसान हो सकता है।
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प्रेगनेंसी में मटन खाने के नुकसान - Side Effects of Mutton Eating During Pregnancy
एक्सपर्ट के मुताबिक प्रेग्नेंसी में मटन खाने से मां और होने वाले शिशु को कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में:
कब्ज और पेट दर्द का कारण
प्रेग्नेंसी में मटन का सेवन करने से पेट में दर्द, कब्ज और उल्टी जैसी पाचन समस्याएं हो सकती हैं। दरअसल, अंडे और चिकन के मुकाबले मटन और रेड मीट को पचाने के लिए शरीर को एक्स्ट्रा मेहनत करनी पड़ती है। प्रेग्नेंसी के दौरान वैसे भी महिलाओं का पाचन तंत्र धीरे काम करता है, ऐसे में उन्हें कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।
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फूड प्वाइजनिंग का खतरा
डाइटिशियन का कहना है कि अगर मटन को सही तरीके से साफ करके न पकाया जाए, तो यह फूड प्वाइजनिंग का खतरा बढ़ा सकता है। मटन में साल्मोनेला नामक बैक्टीरिया होता है, जो शरीर में विषाक्तता का कारण बन सकता है। इस बैक्टीरिया की वजह से फूड प्वाइजनिंग का खतरा बढ़ता है।

टोक्सोप्लाज्मोसिस का बढ़ता है खतरा
टोक्सोप्लाज्मोसिस एक परजीवी के कारण होने वाला संक्रमण है। एक्सपर्ट के मुताबिक यह संक्रमण अधपके या दूषित मांस के जरिए मानव शरीर को प्रभावित करता है। ऐसे में कोई प्रेग्नेंट महिला मटन का सेवन करत है, तो गर्भ में पलने वाले बच्चे में टोक्सोप्लाज्मोसिस का खतरा बढ़ सकता है।
डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है
एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट बताती है कि मटन का सेवन करने से शरीर का ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है, जिसकी वजह डायबिटीज का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। प्रेग्नेंसी के दौरान अगर महिलाएं मटन का सेवन करती हैं, तो उन्हें डायबिटीज होने का खतरा रहता है। उम्मीद करते हैं इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद प्रेग्नेंसी के दौरान मटन का सेवन करने से बचेंगी।
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