
Depression In Indian Women: आज के समय में कामकाज के बढ़ते प्रेशर, आर्थिक चुनौतियों और सामाजिक स्थितियों के कारण लोगों में तनाव के मामले बढ़ रहे हैं। कोरोना वायरस महामारी के बाद तनाव और मानसिक परेशानियों के मरीज तेजी से बढ़े हैं। इसकी वजह से महिलाओं को भी गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय महिलाओं में अन्य देशों की महिलाओं के तुलना में तनाव की समस्या ज्यादा है। डेलॉयट इंडिया द्वारा यह रिपोर्ट जारी की गयी है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में रहने वाली कामकाजी महिलाओं में तनाव की समस्या तेजी से बढ़ रही है। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं, भारतीय महिलाओं में तनाव के कारण और बचाव के उपाय।
भारतीय महिलाओं में बढ़ रहे तनाव के मामले- Depression In Indian Women in Hindi
डेलॉयट इंडिया की रिपोर्ट में यह कहा गया है कि 53 प्रतिशत भारतीय कामकाजी महिलाओं में साल 2022 की तुलना में 2023 में तनाव के मामले ज्यादा बढ़े हैं। यह रिपोर्ट 10 अन्य देशों की महिलाओं पर सर्वे करने के बाद जारी की गयी है। जानकारी के मुताबिक इस सर्वे में भारत समेत 10 अन्य देशों की 5000 महिलाएं शामिल थीं। महिलाओं में कामकाज के बढ़ते तनाव और गैर-समावेशी व्यवहार के कारण भी तनाव के मामले बढ़े हैं। नौकरीपेशा महिलाओं को वर्कप्लेस के बढ़ते प्रेशर और वर्कप्लेस की पॉलिटिक्स के कारण तनाव का सामना करना पड़ता है। इसकी वजह से महिलाओं में गुस्से के मामले बढ़ रहे हैं। इसके अलावा घरों में काम करने वाली महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक कारणों से भी भारतीय महिलाओं में तनाव के मामले बढ़ रहे हैं।
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भारतीय महिलाओं में तनाव के कारण- Causes Of Depression In Indian Women
भारतीय महिलाओं में डिप्रेशन या तनाव के कई कारण हो सकते हैं। महिलाओं में होने वाले शारीरिक और हार्मोनल बदलाव, आर्थिक स्थिति और वर्कप्लेस के नेगेटिव माहौल के कारण तनाव और डिप्रेशन बढ़ सकता है। कामकाजी महिलाओं में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। घर से ऑफिस या दफ्तर के लिए निकलने से लेकर घर वापस आने तक उन्हें कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसकी वजह से भी महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है।
तनाव से बचाव के टिप्स- Depression Prevention in Hindi
डिप्रेशन और नींद से जुड़ी बीमारी का शिकार होने से बचने के लिए आपको खानपान और जीवनशैली का विशेष ध्यान रखना चाहिए। खानपान और लाइफस्टाइल में गड़बड़ी का बड़ा असर आपकी नींद और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। नींद और डिप्रेशन से जुड़ी परेशानियों को कम करने के लिए रोजाना सुबह जल्दी उठकर एक्सरसाइज और योग का अभ्यास करें। इसके अलावा डाइट में हेल्दी फूड्स, ताजे फल और हरी सब्जियों को शामिल करें। अपने पसंदीदा काम में ज्यादा समय व्यतीत करें। इसके अलावा किसी भी तरह की परेशानी या समस्या होने पर मनोरोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।
(Image Courtesy: Freepik.com)
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