गर्भवती महिलाओं में डिप्रेशन होने पर दिखते हैं ये 5 लक्षण, जानें इसका बच्चे पर कैसे पड़ता है असर

Depression Symptoms in pregnancy :  गर्भावस्था में डिप्रेशन होने पर महिलाओं में कई लक्षण देखने को मिलते हैं। जानें इन लक्षणों के बारे में- 
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गर्भवती महिलाओं में डिप्रेशन होने पर दिखते हैं ये 5 लक्षण, जानें इसका बच्चे पर कैसे पड़ता है असर


आजकल हर दूसरा व्यक्ति किसी न किसी वजह से डिप्रेशन या अवसाद (depression) से जूझ रहा है। डिप्रेशन एक मानसिक रोग है, जो हफ्तों, महीनों और सालों तक रह सकता है। कुछ लोग बिना दवाई के ही डिप्रेशन से ठीक होते हैं, तो कुछ लोगों को इसका पूरा इलाज करवाना जरूरी होता है। डिप्रेशन मानसिक के साथ ही शारीरिक रूप से भी प्रभावित करता है। यह पीड़ित व्यक्ति के पूरे दिनचर्या को प्रभावित करता है। यह स्थिति गर्भावस्था या प्रेगनेंसी में भी देखने को मिलती है (depression in pregnancy)। गर्भवती महिलाओं में डिप्रेशन बिना किसी कारण के या कारण के हो सकता है। इसमें महिलाएं उदास, निराश, चिंतिंत हो जाती है। महिलाओं में डिप्रेशन के कई लक्षण देखने को मिलते हैं। इनमें शामिल हैं-

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प्रेगनेंसी में डिप्रेशन के लक्षण (depression symptoms in pregnancy)

प्रेगनेंसी में डिप्रेशन के लक्षण सामान्य व्यक्ति से थोड़े अलग हो सकते हैं। प्रेगनेंसी में डिप्रेशन का असर महिलाओं के भविष्य पर भी पड़ सकता है। इतना ही नहीं इसका असर बच्चे पर भी पड़ता है। प्रेगनेंसी में महिलाओं में कई ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं, जिससे डिप्रेशन या अवसाद का पता चलता है। गर्भावस्था में डिप्रेशन के लक्षण हैं (depression symptoms in pregnant women)-

1. मन उदास रहना (depressed)

गर्भावस्था में अवसाद या डिप्रेशन होने पर महिलाएं मन से उदास रहती हैं। वे हमेशा अकेला रहना पसंद करती हैं और किसी भी चीज को एंज्वॉय नहीं करती हैं। इस स्थिति में महिलाएं दुखी, उदास और शांत रहती हैं। इस लक्षण से पता लगाया जा सकता है कि गर्भवती महिला डिप्रेशन में है। अगर आपके घर में कोई गर्भवती महिला अकेली रहती हैं या उदास रहती हैं, तो उसका साथ दें और उससे बातें करने की कोशिश करें।

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2. बहुत कम या अधिक भोजन खाना (Eating too little or too much food)

प्रेगनेंसी में महिलाओं को तरह-तरह के खाद्य पदार्थ खाने का मन करता है। लेकिन जो महिलाएं प्रेगनेंसी के वक्त डिप्रेशन में होती हैं, वे या तो बहुत अधिक खाना खाती हैं या फिर बहुत कम खाती हैं। इससे भी पता लगाया जा सकता है कि प्रेगनेंट महिला डिप्रेशन में है। इस स्थिति में वे सामान्य से अधिक या कम खाना खाती हैं।

3. थकान और कमजोरी महसूस होना (feeling tired and weak)

वैसे तो गर्भावस्था में महिलाओं को थकान और कमजोरी महसूस होना सामान्य होता है, लेकिन यह डिप्रेशन का भी लक्षण हो सकता है। प्रेगनेंसी में अवसाद होने पर महिलाएं बहुत थकी हुई और कमजोर लगती है। वे थोड़ा सा काम करके भी बहुत अधिक थक जाती है, उन्हें कमजोरी महसूस होती है।

4. सामान्य से अधिक सोना या अनिद्रा की समस्या (Sleeping morel or insomnia)

प्रेगनेंट महिलाओं का बहुत अधिक सोना या भी अनिद्रा की समस्या होना उनमें डिप्रेशन का संकेत होता है। कोई भी व्यक्ति 9-10 घंटे की नींद ले सकता है, इससे अधिक नींद लेना सामान्य नहीं होता है। गर्भावस्था में यह स्थिति डिप्रेशन की हो सकती है। वही अगर गर्भावस्था में आपको नींद न आने यानी अनिद्रा की समस्या हो रही है, तो यह भी डिप्रेशन का एक लक्षण हो सकता है। 

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5. बिना वजह रोना (Crying without reason)

गर्भावस्था में बिना वजह रोना भी डिप्रेशन का लक्षण होता है। कई बार महिलाएं मन से उदास और निराश रहती हैं और वे रोने लगती हैं। यह डिप्रेशन की स्थिति में हो सकता है। महिलाएं रोती हैं, लेकिन उसकी वजह नहीं बता पाती हैं तो इसका मतलब है कि वह डिप्रेशन में है।

प्रेगनेंसी में डिप्रेशन के कारण (causes of depression in pregnancy)

  • महिलाएं जो पहले डिप्रेशन या बाइपोलर डिसऑर्डर की मरीज रह चुकी हैं।
  • महिलाएं जो पिछली प्रेगनेंसी में भी अवसाद की शिकार रह चुकी हैं।
  • पारिवारिक मानसिक विकार का इतिहास
  • सोशल सपोर्ट की कमी
  • धूम्रपान या शराब का अधिक सेवन

डिप्रेशन का प्रेगनेंसी पर असर (effects of depression in pregnancy)

डिप्रेशन की वजह से प्रेगनेंसी पर भी असर पड़ता है। डिप्रेशन कई तरीकों से प्रेगनेंसी को प्रभावित कर सकता है। गर्भावस्था में डिप्रेशन की वजह से गर्भपात तक हो सकता है। इसके अलावा यह पोस्टपार्टम डिप्रेशन का भी कारण बन सकता है। डिप्रेशन महिलाओं में प्रसव के बाद भी रह सकता है। यह महिलाओं को कई तरह से प्रभावित करता है, जैसे बच्चे की देखभाल करने में सक्षम न होना, अत्याधिक चिंता, तनाव, निर्णय लेने में दिक्कत होना, हमेशा उदास और निराश रहना। इतना ही नहीं प्रेगनेंसी में डिप्रेशन की वजह से भविष्य में महिलाएं खुद पर भी नियंत्रण में नहीं रख पाती हैं। 

डिप्रेशन का बच्चे पर नुकसान

डिप्रेशन का बच्चे पर प्रभाव- प्रेगनेंसी में अवसाद या डिप्रेशन शिशु को भी कई तरीकों से प्रभावित कर सकता है। गर्भावस्था में महिलाओं में डिप्रेशन की वजह से प्रीटर्म बर्थ (preterm birth) यानी समय से पहले जन्म हो सकता है। इसके अलावा डिप्रेशन की वजह से लो बर्थ वेट (low birth weight) यानी कम वजन के साथ भी शिशु जन्म ले सकता है। इतना ही नहीं अगर गर्भावस्था में अवसाद (depression in pregnancy) का समय रहते इलाज नहीं किया गया, तो यह शिशु को प्रभावित कर सकता है। यह स्थिति मां-बच्चे के बीच भावनात्मक रूप से भी प्रभावित करता है। मां का यह डिप्रेशन बच्चे को लंबी उम्र तक प्रभावित कर सकता है। इसका असर बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों पर पड़ सकता है।

इतना ही नहीं इस स्थिति में बच्चा अपनी मां से खुलकर बात करने में भी हिचकिचाहट महसूस करता है। उसे अपनी ही मां के आसपास रहने में दिक्कत होने लगती है। वे अन्य बच्चों की तुलना में मानसिक रूप से कम स्वस्थ रहते हैं। इसके अलावा वे भी आगे चलकर भविष्य में अवसाद या डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं।

अगर आप गर्भवती हैं और डिप्रेशन में हैं, तो आपको इसके लक्षणों को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करने चाहिए। क्योंकि यह भविष्य में आपको और बच्चे दोनों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए इसके लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें और जरूरी सलाह लें। इसके अलावा परिवार के सदस्यों को भी गर्भावस्था में महिलाओं का पूरा साथ देना चाहिए और हर स्थिति में उनके साथ रहना चाहिए। इससे वे अपनी सारी समस्याएं, सुख-दुख आपके साथ शेयर कर सकती हैं और डिप्रेशन जैसे मानसिक रोग से अपना बचाव कर सकती हैं। डिप्रेशन गर्भवती महिलाओं के साथ ही उनके शिशु को भी प्रभावित कर सकता है, इसलिए अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है।

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