Nutritional Deficiencies In Pregnancy: यह तो हम सभी जानते हैं कि गर्भावस्था में हर महिला को हेल्दी डाइट लेनी चाहिए, ताकि गर्भ में पल रहे भ्रूण का विकास सही तरह से हो सके। डॉक्टर भी यह सलाह देते हैं कि हर गर्भावस्था में महिला को मौसमी सब्जियां, फल, दूध और दूध से बने अन्य प्रोडक्ट का सेवन जरूर करना चाहिए। लेकिन, प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में महिलाओं को उल्टी और मतली होने की दिक्कत बनी रहती है। ऐसे में कई महिलाएं अपने खानपान से समझौता कर बैठती हैं। प्रेग्नेंसी में ऐसा किया जाना सही नहीं होता है, क्योंकि इसकी वजह से महिला के शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जिसका नेगेटिव असर शिशु के स्वास्थ्य और उसके विकास पर पड़ता है। यहां हम नोएडा सेक्टर 71 स्थित कैलाश अस्पताल में Consultant - Dietetics वंदना राजपूत से यही जानेंगे कि गर्भावस्था में पर्याप्त पोषक तत्व न लेने पर क्या-क्या हो सकता है और शिशु का स्वास्थ्य किस तरह प्रभावित होता है।
गर्भावस्था में पोषक तत्व की कमी होने पर क्या होता है?- Effects Of Nutritional Deficiency During Pregnancy
बच्चे पर असर
गर्भावस्था में अगर महिला पर्याप्त पोषक तत्व नहीं लेती हैं, तो इसका उनके शिशु के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ सकता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की मानें, तो पोषक तत्वों की कमी के कारण शिशु को पर्याप्त पोषण नहीं मिलता है, जिससे जन्म के समय उनका वजन कम हो सकता है, समय पूर्व डिलीवरी हो सकती है। कुछ गंभीर मामलों में स्टिल बर्थ का जोखिम भी बढ़ जाता है। यही नहीं, अगर शिशु को फोलेट और विटामिन बी-12 जैसे पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, तो उनमें न्यूरोलॉजिकल डिस्ऑर्डर हो सकता है। इसमें ब्रेन फेलियर और स्पाइन का डेवेलपमेंट शामिल है।
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गर्भवती महिला पर असर
वंदना राजपूत कहती हैं, "सही पोषक तत्व नहीं लेने से महिलाओं में आयरन की कमी हो सकती है, जो कि एनीमिया का मुख्य कारण होता है। अगर महिला समय पर अपना ट्रीटमेंट नहीं लेती है, तो इसकी वजह से प्रसव के दौरान मृत्यु दर बढ़ सकती है। इसके अलावा, ओमेगा-3 फैटीड एसिड और कैल्शियम तत्व की कमी के कारण प्रेग्नेंसी में हाइपरटेंशन और प्रीक्लैम्पसिया होने के रिस्क फैक्टर्स बढ़ जाते हैं। वहीं, अगर गर्भावस्था के दौरान विटामिन-डी की कमी हो जाए, तो महिलाओं की हड्डियां कमजोर हो सकती हैं।"
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निष्कर्ष
गर्भवती महिलाओं को अपने शरीर में पोषक तत्वों की कमी नहीं होने देना चाहिए। पोषक तत्वों की वजह से शिशु का विकास बाधित होता है। यहां तक कि डिलीवरी के समय जटिलताएं भी बढ़ सकती हैं। इनकी आपूर्ति के लिए जरूरी है कि महिलाएं बैलेंस्ड डाइट लें, जरूरी हो तो डॉक्टर की सलाह पर सप्लीमेंट्स लें। इसमें फोलिक एसिड और आयरन मुख्य हैं।
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FAQ
गर्भ के पोषण के लिए क्या खाना चाहिए?
गर्भ के पोषण के लिए महिलाओं को संतुलित डाइट लिया जाना चाहिए। इसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और हेल्दी फैट खाना चाहिए। साथ ही, डाइट में ऐसी चीजें भी शामिल करें, जो आयरन, कैल्शियम युक्त हैं। डाइट में फोलिक एसिड भी शामिल होना चाहिए।पोषक तत्वों की कमी को कैसे पहचानें?
पोषक तत्वों की कमी होने पर कुछ लक्षण नजर आ सकते हैं, जैसे थकान और कमजोरी, बार-बार बीमार पड़ना, बालों का झड़ना, त्वचा का रूखापन, घावों का देर से भरना आदि।पेट में बच्चा कमजोर होने पर क्या करना चाहिए?
पेट में बच्चा कमजोर है या स्वस्थ, इसकी जानकारी डॉक्टर से लें। अगर किसी गंभीर समस्या के कारण भ्रूण का विकास धीमे हो रहा है, तो इसके प्रति लापरवाह न करें। डॉक्टर के बताए हुए टिप्स को जरूर फॉलो करें। इसके अलावा, डाइट में सभी हेल्दी चीजें शामिल करें।
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Sep 22, 2025 18:02 IST
Modified By : Meera TagoreSep 22, 2025 18:02 IST
Modified By : Meera TagoreSep 22, 2025 18:02 IST
Published By : Meera Tagore