Can stress impact male fertility : आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में आगे रहने के चक्कर में लोगों के लिए तनाव रोजमर्रा की बात हो गई है। ऑफिस में काम का दबाव, रिश्तों को मैनेज करना, फाइनेंशियली आगे रहना और भविष्य को मजबूत बनाने के कारण लोगों में मानसिक तनाव बढ़ता ही जा रही है। लंबे समय तक मानसिक तनाव में रहने के कारण लोगों को कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं।
इतना ही नहीं, तनाव पुरुषों की प्रजनन क्षमता (fertility) को भी प्रभावित कर रहा है। इस लेख में नोएडा स्थित बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ सेंटर की स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. निधि त्रिपाठी से हम जानेंगे कि तनाव पुरुषों की फर्टिलिटी को कैसे प्रभावित करता (How Stress Impact Male Fertility) है, और इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए।
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तनाव और फर्टिलिटी के बीच क्या कनेक्शन है?- Connection Between Stress and Male Fertility
डॉ. निधि त्रिपाठी के अनुसार, पुरुषों में प्रजनन स्वास्थ्य कई कारकों से प्रभावित होता है जैसे कि उम्र, पोषण, शारीरिक व्यायाम, मोटापा, कैफीन, अंडकोष का तापमान, कपड़े, मोबाइल फोन और मानसिक तनाव। तनाव सीधे शुक्राणु (Sperm) मापदंडों को प्रभावित करता है, ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH) और टेस्टोस्टेरोन स्राव को कम करता है। जिसकी वजह से पुरुषों की प्रजनन क्षमता कम हो सकती है। आइए जानते हैं तनाव के कारण फर्टिलिटी कैसे कम हो सकती है।
टॉप स्टोरीज़
1. हार्मोन के स्राव को रोकता है - Inhibits the secretion of hormones
आईवीएफ विशेषज्ञ का कहना है कि पुरुषों में तनाव गोनाडोट्रोपिन हार्मोन के स्राव को रोकता है, जो गोनाड्स (महिलाओं में अंडाशय, पुरुषों में वृषण) को उत्तेजित करता है। जो पुरुष लंबे समय तक मानसिक तनाव में रहते हैं, उनमें गोनाडोट्रोपिन हार्मोन का स्तर कम होने लगता है, तो एक समय के बाद इनफर्टिलिटी का कारण बन सकता है।
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2. हार्मोनल असंतुलन- Hormonal Imbalance
काम के प्रेशर के कारण होने वाले मानसिक तनाव की वजह से पुरुषों में कॉर्टिसोल हार्मोन बढ़ता है, जिससे टेस्टोस्टेरोन (पुरुष सेक्स हार्मोन) का स्तर गिरता है। इस तरह के हार्मोन असंतुलन पुरुषों के स्पर्म की संख्या और गुणवत्ता दोनों को प्रभावित करते हैं।
3. हाइपोथायरायडिज्म- Hypothyroidism
डॉ. निधि त्रिपाठी का कहना है कि ग्लुकोकौरटिकौडस के तनाव को हाइपोथायरायडिज्म से भी जोड़ा गया है। हाइपोथायरायडिज्म LH में कमी का कारण बन सकता है, जिससे संभावित रूप से शुक्राणुओं की संख्या कम हो सकती है। साथ ही हाइपोथायरायडिज्म पुरुषों की शुक्राणुओं की गुणवत्ता की खराबी का कारण भी बनता है।
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4. यौन इच्छा में कमी - Low Libido
वर्क लाइफ और पर्सनल लाइफ में होने वाले तनाव के कारण पुरुषों की यौन संबंध बनाने की इच्छा कम होने लगती है। अगर यह लंबे समय तक बनी रहती है, तो गर्भधारण की संभावना घट जाती है। यौन इच्छा में लगातार कमी आना बांझपन का कारण भी बनता है।
5. नींद की कमी
लगातार तनाव में रहने के कारण पुरुषों की नींद में भी कमी आती है। नींद की कमी से शरीर के हार्मोनल संतुलन में गड़बड़ी आती है, जो फर्टिलिटी को प्रभावित कर सकता है। नियमित तौर पर नींद की कमी यौन संबंध बनाने की इच्छा में कमी का कारण बनता है।
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तनाव को कम करने के लिए क्या करें?
ओनलीमॉय हेल्थ के साथ खास बातचीत के दौरान डॉ. निधि त्रिपाठी ने इस बात की भी जानकारी दी कि तनाव के कारण होने वाली परेशानियों से कैसे बचा जा सकता है। आइए आगे जानते हैं इसके बारे में...
- प्रतिदिन 20 से 30 मिनट योग, मेडिटेशन या वॉक ऐसी कोई एक्टिविटी जरूर करें। इस तरह की एक्टिविटी तनाव को घटाने में सहायक होती है।
- खाने में विटामिन C, E, जिंक और एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें। यह शरीर में तनाव का स्तर कम करके शुक्राणुओं की गुणवत्ता को बेहतर बनाता है।
- तनाव को कम करने के लिए जंक और प्रोसेस्ड फूड का सेवन बिल्कुल भी न करें।
- हार्मोन का संतुलन बना रहें इसके लिए रोजाना कम से 8 से 9 घंटे की नींद जरूर लें।
कैफीन, शराब और धूम्रपान से दूरी बनाकर रखें, ये हार्मोनल सिस्टम को प्रभावित करते हैं।
निष्कर्ष
तनाव सिर्फ व्यक्ति पर मानसिक प्रभाव नहीं डालता है, बल्कि यह शारीरिक तौर पर कई नुकसान पहुंचाता है और लो फर्टिलिटी इसी का एक हिस्सा है। अगर आप किसी बात से लंबे समय से तनाव में हैं, तो इस विषय पर परिवार, दोस्त या डॉक्टर से जरूर बात करें।
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