Benefits of Foot Massage During Pregnancy: मां बनना दुनिया का सबसे सुखद अनुभव होता है, लेकिन मां बनने से पहले एक महिला को 9 महीनों तक गर्भ में बच्चे की देखरेख के साथ ही खुद का ख्याल रखना मुश्किल टॉस्क होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। इस दौरान गर्भ में पलने वाले बच्चे के शारीरिक विकास की वजह से महिलाओं के शरीर का वजन बढ़ता है। गर्भाशय के बढ़ने के कारण पैरों की नसों पर ज्यादा दवाब पड़ता है। इसकी वजह से पैरों में सूजन और दर्द होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान पैरों में होने वाली सूजन और दर्द से राहत पाने के लिए महिलाएं मालिश का सहारा लेती हैं, लेकिन कुछ मामलों में यह पैरों की मालिश करवाना जोखिम भरा हो सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान गलत तरीके से पैरों की मालिश की जाए तो यह दर्द को बढ़ा सकता है। यही वजह है कि आज इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं प्रेग्नेंसी के दौरान पैरों की मालिश करने का सही तरीका और इससे मिलने वाले फायदों के बारे में।
प्रेगनेंसी में मालिश (मसाज) करवाना कितना सुरक्षित है?
लखनऊ के झलकारी बाई अस्पताल की गाइनोक्लोजिस्ट डॉ दीपा शर्मा का कहना है कि प्रेग्नेंसी के दौरान मालिश करवाना बिल्कुल सुरक्षित है। प्रेग्नेंसी के दौरान मालिश करने से शरीर के दर्द, ऐंठन, स्ट्रेस और चिंता को कम करने में मदद मिलती है। हालांकि प्रेग्नेंसी के दौरान जिन महिलाओं के पेडू में दर्द या असामान्य भ्रूण की स्थिति रहती है, उन्हें किसी भी तरह की मालिश नहीं करने की सलाह दी जाती है।
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प्रेग्नेंसी में पैरों की मालिश करने से क्या फायदा होता है?
प्रेग्नेंसी के दौरान पैरों की मालिश करने से महिलाओं को कई तरह के फायदे मिलते हैं। जिनमें से 5 बारे में नीचे जानकारी दी गई है।
1. प्रेग्नेंसी में पैरों की मालिश करने से महिलाओं को दर्द से राहत मिलती है। पैरों की मालिश करने से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है। जब शरीर का ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है, तो दर्द से राहत मिलती है।
2. प्रेग्नेंसी के दौरान कई बार महिलाओं में मूड स्विंग जैसे गुस्सा आना, चिल्लाना, चिड़चिड़ापन की समस्या भी देखने को मिलती है। ऐसे में पैरों की मालिश करके दिमाग को रिलैक्स करके मूड स्विंग को कम किया जा सकता है। दरअसल, पैरों की मालिश करने से दिमाग रिलैक्स महसूस करता है और दोबारा से एक्टिव होकर आपको फ्रेश फील करवाता है।
3. प्रेग्नेंसी के दौरान जिन महिलाओं में डिप्रेशन और एंग्जायटी के लक्षण देखे जाते हैं, उनके लिए पैरों की मसाज रामबाण की तरह काम करती है। पैरों की मसाज करने से दिमाग शांत होता है। साथ ही, यह मूड को भी बेहतर बनाने में मदद करता है।
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4. कई बार देखा जाता है कि प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में महिलाओं को नींद कम (अनिद्रा) आती है। अनिद्रा की शिकायत को दूर करने में भी पैरों की मालिश काफी फायदेमंद साबित होती है। एक्सपर्ट का कहना है कि रात को पैरों की मालिश करने से दिनभर की थकान को दूर करने में मदद मिलती है, जिससे नींद अच्छी आती है।
5. हार्मोनल बदलावों की वजह से प्रेग्नेंसी के दौरान कई महिलाओं की स्किन डल और डैमेज नजर आती है। ऐसे में पैरों की मालिश करके स्किन की रौनक वापस लाई जा सकती है। पैरों की मालिश करने से पूरे शरीर का ब्लड फ्लो बेहतर हो जाता है, जिसकी वजह से स्किन की डलनेस खत्म करने में मदद मिलती है।
प्रेग्नेंसी में पैरों की मालिश करने का सही तरीका
प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में पैरों की मालिश की जाए, तो यह ज्यादा फायदेमंद साबित होती है। प्रेग्नेंसी के दौरान पैरों की मालिश के लिए सही तकनीक के बारे में जानना जरूरी है।
- प्रेग्नेंसी में पैरों की मालिश करने के लिए सबसे पहले एक कटोरी में सरसों का तेल हल्का गर्म कर लें। इस तेल में लहसुन की दो कलियां और 1 छोटा चम्मच राई डालें।
- तैयार किए गए तेल को पैरों में अच्छी तरह से लगाएं।
- इसके बाद पैरों की उंगलियों से शुरू करते हुए एड़ी तक प्रेशर देते हुए मालिश करें। पैरों के दर्द से राहत पाने के लिए इस प्रक्रिया को 5 से 6 बार दोहराएं।
- जब पैरों के तलवों की मालिश हो जाए, तब घुटनों से लेकर जांघों पर फोकस करें। इन हिस्सों पर तेल लगाकर हल्के हाथों से प्रेशर दें।
- मालिश करते हुए ध्यान दें कि जांघ वाला हिस्सा बड़ा होता है, इसलिए बेहतर होगा कि दोनों हाथों का उपयोग करते हुए मालिश करें।
- पैरों के दर्द और अन्य परेशानियों से राहत पाने के लिए रात को मालिश करना ज्यादा बेहतर है।
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