Medically Reviewed by Dr Shobha Gupta

क्या मिसकैरेज के बाद ब्लीडिंग होना इंफेक्शन का संकेत है? मानें डॉक्टर की बात

Can Heavy Period Be A Sign Of Miscarriage: गर्भपात के बाद ब्लीडिंग हो सकती है और यह संक्रमण का भी एक लक्षण हो सकता है। इसके साथ-साथ अन्य लक्षणों पर भी गौर किया जाना जरूरी है।
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क्या मिसकैरेज के बाद ब्लीडिंग होना इंफेक्शन का संकेत है? मानें डॉक्टर की बात

Heavy Bleeding Miscarriage: मिसकैरेज एक भयावह घटना है। जिस भी महिला के साथ ऐसा होता है, वह मानसिक-शारीरिक रूप से पूरी तरह टूट जाती हैं। ऐसी महिलाओ को पार्टनर का इमोशनल सपोर्ट चाहिए होता है, ताकि वे इससे रिकवरी कर सकें। बहरहाल, हम इस बात से इंकार नहीं कर सकते हैं कि कई बार ऐसी परिस्थितियां हो जाती हैं, जैसे महिला को गंभीर स्वास्थ्य समस्या होना या एक्सीडेंट, तब मिसकैरेज जैसी दुर्घटना हो सकती है। मिसकैरेज होने पर वजाइनल ब्लीडिंग, पेट में दर्द, स्पॉटिंग जैसे लक्षण नजर आते हैं। इस स्थिति में महिलाओं को प्रॉपर ट्रीटमेंट की जरूरत होती है। डॉक्टर महिला की यूट्रसे को क्लीन करते हैं, ताकि उन्हें भविष्य में कंसीव करने में कोई दिक्कत न आए। खैर, आपने देखा होगा कि कई महिलाओं को मिसकैरेज के बाद हैवी ब्लीडिंग होने लगती है। ऐसे में यह जान लेना बहुत जरूरी है कि आखिर मिसकैरेज के बाद ब्लीडिंग क्यों होती है? कहीं यह इंफेक्शनका संकेत तो नहीं है? आइए, जानते हैं Mumma's Blessing IVF और वृंदावन स्थित Birthing Paradise की Medical Director and IVF Specialist डॉ. शोभा गुप्ता से।


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क्या मिसकैरेज के बाद ब्लीडिंग होना इंफेक्शन का संकेत है?- Is Heavy Bleeding A Sign Of Miscarriage

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अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्स एंड गाएनेकोलॉजिस्ट की मानें, तो मिसकैरेज के बाद ब्लीडिंग होना नॉमर्ल होता है। कुछ महिलाओं को तो 4 से 6 सप्ताह तक ब्लीडिंग हो सकती है। जैसे-जैसे बॉडी रिकवर हो जाती है, वैसे-वैसे ब्लीडिंग की समस्या कम हो जाती है। हां, अगर किसी महिला को मिसकैरेज होने के बाद हैवी ब्लीडिंग हो रही है, तो इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। क्योंकि यह इंफेक्शन का संकेत हो सकता है। हालांकि, आपको हैवी ब्लीडिंग के साथ-साथ शरीर में नजर आ रहे अन्य लक्षणों पर भी गौर करना चाहिए, जैसे बुखार, ठंड लगना, पेट के निचले हिस्से में तीव्र दर्द होना आदि। ये सभी संकेत बताते हैं कि ये इंफेक्शन का संकेत हैं।

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मिसकैरेज के बाद नजर आने वाले अन्य संकेत- Signs Of Infection After Miscarriage

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तेज बुखार

अगर किसी महिला को मिसकैरेज के बाद 100°F से ज्यादा है, तो इस संकेत तो हल्के में न लें। यह भी संक्रमण की ओर इशारा करता है। दरअसल, कई बार महिला को प्रभावित हिस्से में सूजन हो जाती है और घाव में दर्द बढ़ जाता है। इसी वजह से शरीर में इंफ्लेमेशन हो जाती है, जो कि बुखार की वजह बनता है।

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डिसचार्ज से गंध आना

जब महिला को मिसकैरेज के बाद इंफेक्शन होता है, तो ऐसे में उनके योनि स्राव से तीव्र गंध आती है। असल में ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि टिश्यूज यूट्रस में रह जाते हैं या बैक्टीरिया यूटराइन कैविटी में एंटर कर जाते हैं। दोनों ही स्थितियां सही नहीं है।

असहज महसूस करना

मिसकैरेज के बाद इंफेक्शन होने पर महिला का शरीर रिकवर नहीं कर पाता है। इसके बजाय, शरीर बहुत थकान और कमजोरी महसूस करता है। इसके अलावा, बुखार और असहजता भी बनी रहती है।

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मिसकैरेज के बाद इंफेक्शन होने पर क्या करें?

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मिसकैरेज के बाद इंफेक्शन होने का रिस्क है या आपको ऐसा महसूस हो रहा है, तो बेहतर है कि आप अपनी स्थिति को इग्नोर न करें। डॉक्टर के पास जाएं और अपना इलाज करवाएं। साथ ही, शरीर में नजर आ रहे हर लक्षण पर गौर करें और सबका जिक्र डॉक्टर से करें। यही नहीं, डॉक्टर आपको जो-जो सलाह दें, सबको फॉलो करें। इससे न रिकवरी में मदद मिलेगी।

निष्कर्ष

मिसकैरेज एक दुखद घटता है। इस तरह की घटना घटने के बाद जरूरी है कि आप अपनी सेहत का पूरा ध्यान रखें। समझने की कोशिश करें कि आपके शरीर में क्या-क्या हो रहा है और इसका ख्याल कैसे रखा जा सकता है? वैसे इस तरह की घटना न घटे, इसके लिए जरूरी है कि आप प्रेग्नेंसी को प्लान करें, डॉक्टर की सलाह लें और अपने सभी रेगुलर टेस्ट करवाएं। इससे हेल्दी प्रेग्नेंसी की संभावना बढ़ती है और इंफेक्शन का रिस्क कम होता है।

All Image Credit: Freepik

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FAQ

  • गर्भपात के बाद संक्रमण के क्या लक्षण हैं?

    गर्भपात के बाद संक्रमण होने पर महिला को कई तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं, जैसे निचले पेट या पेल्विक में दर्द होना, बुखार आना, ठंड लगना, बीमारी या बेचैनी महसूस होना, अक्सर सिरदर्द और भूख न लगना शामिल हैं। 
  • बच्चेदानी में घाव के क्या लक्षण हैं?

    बच्चेदानी में घाव के लक्षणों की बात करें, तो इसमें पेट के निचले हिस्से में दर्द, भारीपन महसूस होना, बदबूदार योनि स्राव, अनियमित या अत्यधिक मासिक धर्म आदि। इसके अलावा, पेशाब करते हुए जलन या दर्द महसूस होना भी बच्चेदानी में घाव के लक्षण हैं।
  • बच्चेदानी में इंफेक्शन हो जाए तो क्या होता है?

    बच्चेदानी में इंफेक्शन हो जाए, तो इसका इलाज किया जाना जरूरी है। अगर महिला समय पर ऐसा नहीं करती है, तो इसकी वजह से फर्टिलिटी पर असर पड़ता है, गर्भधारण में दिक्कत आती है। अगर संक्रमण फैल जाए, तो पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज जैसी कंडीशन हो सकती है, जिसका नेगेटिव असर फेलोपियन ट्यूब और ओवरी तक पहुंच सकता है।

 

 

 

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  • Nov 17, 2025 18:07 IST

    Published By : Meera Tagore

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