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उम्र बढ़ने के साथ-साथ महिलाओं के शरीर में कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलाव आते हैं। खासकर 30 की उम्र के बाद महिलाओं के शरीर में कई तरह के नेचुरल बदलाव होने लगते हैं। वहीं, कुछ बदलाव ऐसे होते हैं, जो उनकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। 30 की उम्र के बाद महिलाओं में अक्सर काम का तनाव, परिवार की जिम्मेदारी, नींद न आना, लाइफस्टाइल से जुड़ी समस्याएं और हार्मोनल बदलाव होना आम बात है। यह सभी चीजें मिलकर महिलाओं की सेहत पर बुरा प्रभाव डालती हैं, जिससे उन्हें स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए, महिलाओं को 30 की उम्र के बाद अपने शरीर में नजर आने वाले हार्मोनल बदलावों के संकेतों पर नजर रखना बहुत जरूरी है, ताकि समय पर उन्हें ठीक किया जा सके। ऐसे में आइए दिल्ली के आनंद निकेतन में स्थित गायनिका: एवरी वुमन मैटर क्लीनिक की सीनियर कंसल्टेंट, ऑब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. (कर्नल) गुंजन मल्होत्रा सरीन (Dr. (Col.) Gunjan Malhotra Sarin, Senior Consultant, Obstetrics and Gynaecologist, Gynecology: Every Woman Matters Clinic, Anand Niketan, Delhi) से जानते हैं कि 30 की उम्र के बाद महिलाओं के शरीर में हार्मोनल असंतुलन के क्या संकेत होते हैं?
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30 की उम्र के बाद महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के लक्षण
डॉ. (कर्नल) गुंजन मल्होत्रा सरीन के अनुसार, महिलाओं में एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन, थायराइड, कॉर्टिसोल और इंसुलिन हार्मोन शरीर के कई अंगों और कामों को कंट्रोल करने में अहम भूमिका निभाते हैं। लेकिन, इन हार्मोन में असंतुलन होने पर आपके शरीर में ये लक्षण नजर आ सकते हैं-
1. अनियमित पीरियड्स
हार्मोनल असंतुलन का सबसे बड़ा और पहला संकेत महिलाओं में पीरियड्स से जुड़ी गड़बड़ी होती है। 30 साल से ऊपर की कई महिलाओं में देखा जाता है कि उनके पीरियड साइकिल में कई तरह की समस्या आती है, जिसमें समय से पहले पीरियड्स आना, देर से आना, महीनों तक न आना, या बहुत ज्यादा और कम ब्लीडिंग होना। महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के असंतुलन के कारण यह समस्या आती है, जिसका कारण PCOD, तनााव, थायराइड या वजन बढ़ने और कम होना है।
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2. मूड स्विंग्स
30 साल से ज्यादा की कई महिलाओं में अचानक चिड़चिड़ापन, बेचैनी, तनाव, उदास रहना और मूड स्विंग जैसी समस्याएं देखने को मिलती है। महिलाओं में अचानक होने वाले इन मूड स्विंग्स का कारण एस्ट्रोजन का उतार-चढ़ाव, कॉर्टिसोल का बढ़ना, नींद में कमी, काम और पारिवारिक दबाव है। कभी-कभी छोटी सी बात पर गुस्सा आना, अचानक रोना या इमोशनल अस्थिरता भी हार्मोनल असंतुलन का संकेत हो सकता है।
3. स्किन से जुड़ी समस्याएं
हार्मोनल असंतुलन आपकी स्किन पर भी गहरा प्रभाव डालता है। 30 साल की उम्र के बाद हार्मोनल असंतुलन के कारण आपके चेहरे पर अचानक एक्ने, स्किन का बहुत ड्राई या ऑयली होना, झुर्रियां, पिग्मेंटेशन, डार्क सर्कल्स, बालों का झड़ना या पतला होना आदि समस्याएं देखने को मिलती हैं। 30 की उम्र के बाद एंड्रोजन हार्मोन का बढ़ना, एस्ट्रोजन की कमी और थायराइड की समस्या के कारण स्किन से जुड़ी ये समस्याएं होती हैं। कई महिलाओं को पीरियड्स से पहले या बाद में स्किन से जुड़ी समस्याएं ज्यादा बढ़ जाती है।
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4. वजन में बदलाव
हार्मोनल असंतुलन का सीधा असर महिलाओं के वजन पर पड़ता है। शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस के कारण अचानक वजन बढ़ सकता है या बहुत कम हो सकता है। पेट, कमर और जांघों में फैट जमा हो सकता है, वजन कम करने में मुश्किल होना आदि समस्याएं हो सकती हैं। 30 की उम्र के बाद महिलाओं के शरीर में कॉर्टिसोल हार्मोन बढ़ने से पेट पर फैट जमा होना आम बात है। जबकि थायराइड कम होने पर वजन तेजी से बढ़ता है और इंसुलिन असंतुलन के कारण वजन कंट्रोल करने में मुश्किल हो सकती है।
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5. नींद से जुड़ी समस्याएं
30 की उम्र के बाद कई महिलाओं को सोने में मुश्किल होना, बार-बार नींद टूटना, सुबह उठकर थकान महसूस होना या बहुत ज्यादा नींद आने जैसी समस्याएं महसूस होती हैं। महिलाओं के शरीर में प्रोजेस्टेरोन और मेलाटोनिन हार्मोन नींद को कंट्रोल करते हैं। जब शरीर में इनका असंतुलन होता है तो शरीर ठीक से आराम नहीं कर पाता है और नींद से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं। लंबे समय तक नींद खराब रहने से मानसिक और शारीरिक दोनों स्वास्थ्य प्रभावित होते हैं।
निष्कर्ष
30 साल की उम्र के बाद महिलाओं के शरीर में होने वाले बदलाव नेचुरल होते हैं, लेकिन अगर बार-बार अनियमित पीरियड्स, मूड स्विंग्स, स्किन से जुड़ी समस्याएं, नींद में कमी और वजन बढ़ने जैसी समस्याएं होती है तो यह उनके शरीर में होने वाले हार्मोनल असंतुलन का सकेंत हो सकता है। इसलिए, 30 की उम्र के बाद भी महिलाएं अपने स्वास्थ्य पर खास ध्यान दें, सही खानपान, एक्सरसाइज, तनाव कम लेना और नियमित शारीरिक जांच करवाना बहुत जरूरी है।
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FAQ
महिलाओं में हार्मोन असंतुलन को कैसे ठीक करें?
महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन को ठीक करने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव करें, संतुलित आहार लें, नियमित शारीरिक गतिविधियां करें और तनाव को मैनेज करने की कोशिश करें।मुझे कैसे पता चलेगा कि मुझे हार्मोनल असंतुलन है?
हार्मोनल असंतुलन के कारण आपको थकान, वजन में बदलाव और मूड स्विंग की समस्या हो सकती है। महिलाओं में अनियमित पीरियड्स, एक्ने, और बालों के झड़ने जैसे लक्षण भी नजर आ सकते हैं, जबकि पुरुषों में मांसपेशियों में कमी और कामेच्छी में कमी हो सकती है।हार्मोन बैलेंस करने के लिए क्या खाएं?
हार्मोन संतुलित करने के लिए आप अपनी डाइट में पोषक तत्वों से भरपूर फूड्स शामिल करें। इसके अलावा, पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, शुगर और प्रोसेस्ड कार्बोहाइड्रेट फूड्स का सेवन करने से बचें और नियमित रूप से शारीरिक गतिविधियां करें।
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Nov 17, 2025 13:48 IST
Published By : Katyayani Tiwari