How To Cure Hormonal Imbalance In Menstruation: महिलाओं में पीरियड्स शुरू होने से लेकर मेनोपॉज तक कई हार्मोनल बदलाव आते हैं। इस दौरान महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य के साथ शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में भी कई बदलाव आते हैं। लेकिन जो हार्मोन्स महिलाओं में सबसे ज्यादा जरूरी होते हैं, वो हैं एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन्स। एस्ट्रोजन हार्मोन महिलाओं में यौन विकास शुरू होने में मदद करता है। इस हार्मोन की अधिकता और कम मात्रा दोनों ही नुकसानदायक होती है। वहीं प्रोजेस्टेरोन भी महिलाओं में पाए जाने वाला एक सेक्स हार्मोन है, जो रिप्रोडक्टिव हेल्थ के लिए जिम्मेदार होता है। यह हार्मोन महिलाओं में पीरियड्स साइकिल को बैलेंस रखने, प्रजनन क्षमता और गर्भावस्था और स्तनों के विकास के लिए भी जरूरी होता है। इस हार्मोन की भी अधिकता और कम मात्रा दोनों ही महिलाओं के लिए नुकसानदायक है। जब शरीर में ये दोनों हार्मोन्स असंतुलित होने लगते हैं, तो शरीर में कुछ संकेत नजर आते हैं। आयुर्वेदिक डॉक्टर ईशा नेगी ने इन लक्षणों पर बात करते हुए इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर की है। आइए लेख में जानें इन संकेतों के बारे में।
एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन्स असंतुलित होने के संकेत- Signs of Imbalance of Estrogen and Progesterone Hormones
एक्सपर्ट के मुताबिक इन हार्मोन्स के इंबैलेंस होने पर पीरियड्स के दौरान कई समस्याएं देखने को मिलती है-
पीरियड्स में सिर दर्द होना
प्रोजेस्टेरोन हार्मोन इंबैलेंस होने पर पीरियड्स साइकिल पर असर पड़ता है। इस दौरान पीरियड्स में सिर दर्द की समस्या होनी शुरू हो जाती है। कई महिलाओं को पीएमएस के दौरान सिर दर्द की समस्या शुरू हो जाती है।
पीरियड्स में मूड स्विंग्स होना
पीरियड्स के दौरान कई लड़कियों को मूड स्विंग्स की समस्या रहती है। लेकिन अगर एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन इंबैलेंस हैं, तो पीरियड्स आने से पहले और खत्म होने के बाद भी मूड स्विंग्स हो सकते हैं।
मिड साइकिल स्पॉटिंग
अगर आपको पीरियड्स साइकिल के बीज स्पॉटिंग होती है, तो इसे नजरअंदाज न करें। यह महिलाओं में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की अधिकता का संकेत हो सकता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
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शॉर्ट साइकिल
अगर आपको भी पीरियड्स तीन दिन से कम होते हैं, तो यह नॉर्मल नहीं है। इसके अलावा, अगर आपकी पीरियड्स साइकिल शार्ट है और आपको डेट से पहले पीरियड्स आ जाते हैं, तो ये भी हार्मोन्स इंबैलेंस होने का संकेत है।
हैवी ब्लीडिंग होना
पीरियड्स में कम ब्लीडिंग या हैवी ब्लीडिंग होना दोनों ही गलत होता है। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन्स असंतुलित होने के कारण ब्लड फ्लो पर पड़ता है। इसलिए ऐसे में कई महिलाओं को हैवी ब्लीडिंग होती है।
नींद से जुड़ी समस्याएं होना
पीरियड्स के दौरान नींद से जुड़ी समस्याएं होना नॉर्मल नहीं है। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन्स असंतुलित होने से कई महिलाओं को पीरियड्स में नींद नहीं आती है। इसके अलावा, कुछ महिलाओं को अधूरी नींद का सामना भी करना पड़ता है।
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वाटर रिटेंशन की समस्या होना
वाटर रिटेंशन की समस्या में शरीर में पानी जमा होने लगता है। इसके कारण शरीर सूजा हुआ नजर आने लगता है। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन्स असंतुलित होने से कई महिलाओं को पीरियड्स में वाटर रिटेंशन हो जाती है।
पीरियड्स में एक्ने होना
पीसीओएस और पीसीओडी में एक्ने होना आम बात है। लेकिन अगर पीरियड्स के दौरान एक्ने निकल रहे हैं, तो यह हार्मोन्स असंतुलित होने का संकेत होता है। ऐसे में पीरियड्स की शुरुआत के साथ ही एक्ने होने लगते हैं।
अगर आपको भी इनमें से कोई भी संकेत नजर आता है, तो तुरंत किसी गायनेकोलॉजिस्ट से संपर्क करें।
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