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इस तरह से ट्रैक करें ओवुलेशन पीरियड, गर्भधारण में मिलेगी मदद

Ways To Track Ovulation Period- कंसीव करने के लिए जरूरी है कि आपको ओवुलेशन पीरियड के बारे में जानकारी है। आइए जानते हैं ओवुलेशन को कैसे ट्रैक करें?
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इस तरह से ट्रैक करें ओवुलेशन पीरियड, गर्भधारण में मिलेगी मदद


How to Check Ovulation Period- जल्दी कंसीव करने के लिए जरूरी है कि आपको अपने ओवुलेशन पीरियड के बारे में सही जानकारी हो। ओवुलेशन के दौरान महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन बढ़ जाते हैं, जिसमें प्रेगनेंट होने के चांसेस ज्यादा होते हैं। हर महीने पीरियड्स के बाद ओवुलेशन होता है, जिसमें आपकी ओवरी फर्टिलाइजेशन के लिए एग रिलीज करती है। ऐसा में जो महिलाएं कंसीव करने की कोशिश कर रही होती है, वे ओव्यूलेशन (Ovulation Period) के दौरान पार्टनर के साथ शारीरिक संबंध बना सकते हैं। ऐसे में आइए राज होम्योपैथिक क्लिनिक (पुणे) की हार्मोन एवं फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट डॉ. जैनब ताजिर ( Dr. Zainab Tajir, Hormone and Fertility Specialist, Raj Homeopathic Clinic, Pune) से जानते हैं कि आप अपने ओवुलेशन पीरियड कैसे ट्रैक करें?

ओवुलेशन कैसे ट्रैक करें? - How To Track Ovulation Cycle in Hindi?

1. अपने साइकिल का चार्ट बनाए - Charting Your Ovulation Cycle

अपने शारीरिक तापमान, सर्वाइकल डिस्चार्ज और सर्वाइकल स्थिति पर नजर रखने से आपको अपने ओवुलेशन को समझने में मदद मिल सकती है। क्योंकि ओव्यूलेशन के बाद बेसल शरीर के तापमान में बढ़ोतरी होती है, जो एक संकेत है कि आपने साइकिल में अच्छी तरह से ओव्यूलेट किया है और ओव्यूलेशन के दौरान आपकी गर्भाशय ग्रीवा की मांसपेशियां ज्यादा खिंची हुई, फिसलन भरी और गीली हुई हैं। इसलिए इन्हें ट्रैक करने से आपको अपने फर्टाइल दिनों को समझने में मदद मिलती है।

2. ओव्यूलेशन प्रिडिक्टर किट - Ovulation Predictor Kits

मार्केट में कई तरह के ओव्यूलेशन प्रिडिक्टर किट मिलते हैं, जिसकी मदद से ओव्यूलेशन पीरियड ट्रैक करने में मदद मिलती है। ये किट यूरिन में एलएच हार्मोन का पता लगाता है जो ओव्यूलेशन से पहले बढ़ता है। इन किटों का इस्तेमाल ओव्यूलेशन के दिनों का पता लगाने और फर्टाइल दिनों का उपयोग करने में मदद करता है। 

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3. फॉलिक्युलर मॉनिटरिंग - Follicular Monitoring

फॉलिक्युलर मॉनिटरिंग महिलाओं में ओव्यूलेशन समझने का सबसे अच्छा और सही तरीका है क्योंकि कूप के आकार, टूटना और एंडोमेट्रियल मोटाई को समझने से आपको अपने ओव्यूलेशन को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिल सकती है।

 

 

 

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4. सीरम प्रोजेस्टेरोन टेस्ट - Serum Progesterone Test

सीरम प्रोजेस्टेरोन टेस्ट 21वें या 7वें दिन डीपीओ पर किया जाता है, जो ओव्यूलेशन का समय जानने में मदद करता है। यदि आपका पीरियड चक्र नियमित 28 से 30 दिन का है तो हम आमतौर पर पीरियड साइकिल के 21वें दिन के आसपास सीरम प्रोजेस्टेरोन टेस्ट करते हैं। सीरम प्रोजेस्टेरोन में बढ़ोत्तरी इस बात का संकेत है कि आपने चक्र में अच्छी तरह से ओव्यूलेट किया है।

Image Credit- Freepik 

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