Tips To Take Care Of Vaginal Health For Moms After Menopause In Hindi: 12 मई को मदर्स डे यानी मातृ दिवस है। आपने अक्सर देखा होगा कि मांएं अपने परिवार और बच्चों का ध्यान रखने के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार रहती हैं। वे खुद से ज्यादा अपने बच्चों का ध्यान रखती है। बच्चों को ऑर्गनाइज रहना और अपनी हेल्थ को प्राथमिकता देना भी मांएं सिखाती हैं। जबकि, मांएं खुद का ख्याल रखना भूल जाती हैं। यही कारण है कि जब तक बीमारी बहुत गंभीर न हो जाए, तब तक मांएं अपनी सेहत की ओर ध्यान देती नहीं हैं। विशेषकर, मिड एज यानी मेनोपॉज के बाद, मांओं की खुद के प्रति रुचि भी खत्म हो जाती है। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। उन्हें न सिर्फ अपनी ओवर ऑल हेल्थ बल्कि वजाइनल हेल्थ पर भी ध्यान देना चाहिए। आज का हमारा यह लेख खास मेनोपॉज हो चुकी मदर्स के लिए है। यहां हम आपको बताएंगे कि मेनोपॉज के बाद मांएं अपनी वजाइनल हेल्थ का कैसे ध्यान रखें। इस बारे में हमने वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से बात की।
मेनोपॉज के बाद वजाइनल हेल्थ का ध्यान कैसे रखें- Tips To Take Care Of Vaginal Health For Moms After Menopause In Hindi
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मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल करें
मेनोपॉज होने के बाद महिलाओं को अक्सर इचिंग, रैशेज जैसी प्रॉब्लम रहती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इस उम्र के बाद वजाइनल ड्राइनेस बढ़ जाती है। मेनोपॉज होने के बाद मांओं को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। इसकी अनेदखी करना आपकी असहजता को बढ़ा सकता है। इचिंग और रैशेज की प्रॉब्लम से बचने के लिए आपको चाहिए कि आप नियमित रूप से योनि में मॉइस्चराइजर का उपयोग करें। इससे योनि में लुब्रिकेंट ना रहेगा।
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रेगुलर एक्सरसाइज करें
मेनोपॉज होने के बाद मांएं अक्सर अपनी हेल्थ को पूरी तरह इग्नोर कर देती हैं। उन्हें लगता है कि अब भला खुद पर क्या ध्यान देना। जबकि, हर उम्र में हेल्दी रहना चाहिए। आपको बता दें कि मेनोपॉज के बाद बीमारियों का रिस्क बढ़ जाता है। इसलिए, अपनी इम्यूनिटी को बूस्ट करने पर काम करें। सवालप है, ऐसा कैसे कर सकते हैं? इसके लिए आपको नियमित रूप एक्सरसाइज करनी चाहिए। वजाइनल हेल्थ के लिए भी एक्सरसाइज जरूरी है। दरअसल, मेनोपॉज के बाद कुछ महिलाओं का वजन बढ़ जाता है। इससे वजाइना में ब्लड सर्कुलेशन बाधित होता है। यह सही नहीं है। वहीं, अगर आप नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हैं, खासकर कीगल एक्सरसाइज तो आपका पेल्विक एरिया मजबूत होता है और ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा मिलता है, जिससे योनि की हेल्थ में सुधार होता है।
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एस्ट्रोजन सप्लीमेंट ले सकते हैं
अगर आपको योनि में ड्राइनेस, इचिंग और रैशेज की दिक्कत है, तो ऐसा एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी के कारण हो सकता है। एस्ट्रोजन के स्तर को मैनेज करने के लिए आपको चाहिए कि आप डॉक्टर की सलाह पर एस्ट्रोजन सप्लीमेंट लें। इससे वजाइनल हेल्थ में इंप्रूवमेंट होने के साथ-साथ मेनोपॉज के लक्षणों में भी कमी आएगी।
खुश्बूदार साबुन का यूज न करें
कई मांओं को यह जानकारी नहीं होती है कि योनि में साबुन का उपयोग नहीं करना चाहिए। वे अनजाने में इस तरह की चीजों का इस्तेमाल कर बैठती हैं, जिससे योनि में खुजली, दाने और रैशेज जैसी समस्या होने लगती है। कई बार समस्या गंभीर हो जाए, तो इंफेक्शन भी हो सकता है। ऐसा आपके साथ न हो, इसके लिए जरूरी है कि आप हमेशा सादे पानी से ही अपने गुप्तांग की सफाई करें। किसी भी तरह के फ्रेंगरेंट प्रोडक्ट का यूज योनि में न करें।
नियमित रूप से मसाज करें
मेनोपॉज के बाद महिलाओं में कई तरह के शारीरिक बदलाव होने लगते हैं। जैसे स्किन लटक जाती है, एनर्जी कम हो जाती है और कई बीमारियों का रिस्क भी बढ़ जाता है। ऐसा ही वजाइना के साथ भी होता है। योनि की कसावट ढीली हो जाती है। मेनोपॉज के बाद मांओं को इस तरह की समस्या से निपटने के लिए नियमित रूप से योनि की मसाज करने चाहिए। इससे ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है। ब्लड फ्लो बढ़ने से लुब्रिकेशन बना रहता है।
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