Is It Possible To Have Successful Pregnancy With Low Progesterone: प्रेग्नेंसी की जर्नी पूरी तरह से सुरक्षित रहे और सफल हो, इसके पीछे कई सारे फैक्टर जिम्मेदर होते हैं। इसमें न सिर्फ प्रेग्नेंट महिला की डाइट और लाइफस्टाइल महत्व रखती है। इसके साथ ही, उनकी मेडिकल हिस्ट्री भी मायने रखती है। यही नहीं, प्रेग्नेंसी के दौरान महिला की बॉडी में हार्मोन, खासकर प्रोजेस्टेरोन का स्तर बैलेंस होना बहुत जरूरी होता है। यह हार्मोन महिला रिप्रोडक्टिव सिस्टम को सुचारू ढंग से चलाने में अहम भूमिका निभाता है। असल में, हार्मोन बॉडी में केमिकल मैसेंजर की तरह काम करते हैं, जो शरीर को यह बताते हैं कि उसे किस तरह काम करना है। महिलाओं में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की मदद से मेंस्ट्रुएशन को सपोर्ट मिलता है और यह गर्भाशय को प्रेग्नेंसी के लिए तैयार करता है। यदि किसी कारणवश प्रोजेस्टेरोन हार्मोन इंबैलेंस हो जाता है, तो प्रेग्नेंसी को मेंटेन करना मुश्किल हो जाता है। यहां तक कि प्रोजेस्टेरोन के स्तर में कमी के कारण ओवर ऑल हेल्थ पर भी बुरा असर पड़ सकता है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या प्रोजेस्टेरोन के स्तर में कमी के बावजूद प्रेग्नेंसी सफल (Kya Progesterone Kam Hone Par Pregnancy Me Dikkat Hoti Hai) हो सकती है? जानने के लिए लेख पूरा पढ़ें।
प्रेग्नेंसी में प्रोजेस्टेरोन की भूमिका- Progesterone's Role In Pregnancy
प्रोजेस्टेरोन, प्रेग्नेंसी को सपोर्ट करने के लिए बहुत ही जरूरी है। वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता कहती हैं, "प्रोजेस्टेरोन महिला के गर्भाशय की लाइनिंग (जिसे एंडोमेट्रियम कहा जाता है) को थिक करता है। एक थिक यूटराइन लाइनिंग निषेचित अंडे यानी फर्टिलाइज्ड एग को प्रत्यारोपित (Implanted) करने और बढ़ने में मदद करती है। प्रोजेस्टेरोन, अंडाशय द्वारा बनता है। यदि ओवूलेशन के समय अंडे को शुक्राणु द्वारा निषेचित किया जाता है, तो ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी) कॉर्पस ल्यूटियम (ओवरी में मौजूद Empty Follicle) को विकासशील भ्रूण को समर्थन देने के लिए अधिक प्रोजेस्टेरोन बनाने के लिए कहता है। आपको बता दें कि ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन को प्रेग्नेंसी हार्मोन के रूप में भी जाना जाता है। असल में, प्रेग्नेंसी के दौरान प्रोजेस्टेरोन का स्तर बढ़ता रहता है। यह गर्भाशय के संकुचन को भी दबाता है। इस तरह महिला समयपूर्व प्रसव से भी बची रहती हैं।"
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क्या प्रोजेस्टेरोन का स्तर कम होने पर भी प्रेग्नेंसी सफल हो सकती है- Is It Possible To Have Successful Pregnancy With Low Progesterone
डॉ. शोभा गुप्ता बताती हैं, "प्रोजेस्टेरोन का स्तर कम होने पर महिला की ओवर ऑल हेल्थ पर बुरा असर पड़ सकता है। इसके साथ, प्रोजेस्टेरोन का स्तर कम होने पर महिला की बॉडी थिक और Healthy Uterine बनाने की एबिलिटी खो देती है। Healthy Uterine फर्टिलाइज्ड एग जुड़ा हुआ होता है। जैसे-जैसे भ्रूण का विकास होता जाता है, वैसे-वैसे महिला को ज्यादा प्रोजेस्टेरोन की जरूरत पड़ती है। अगर प्रोजेस्टेरोन के स्तर में कमी आती है, तो महिला के लिए प्रेग्नेंसी को मेंटेन करना मुश्किल हो सकता है। आपको बता दें कि जब तक बच्चा डिलीवरी के लिए तैयार न हो जाए, तब तक महिला के लिए शरीर में प्रोजेस्टेरोन का स्तर ज्यादा रहना चाहिए। अगर किसी वजह से महिला के शरीर में प्रोजेस्टेरोन का स्तर कम हो जाता है, तो ऐसे में एक्टोपिक प्रेग्नेंसी, मिसकैरेज और प्री-टर्म लेबर की आशंका बढ़ जाती है।"
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प्रोजेस्टेरोन का स्तर कम होने के लक्षण- Signs Of Low Progesterone In Hindi
प्रोजेस्टेरोन का स्तर कम होने (Progesterone Kam Hone Ke Lakshan) पर महिला के शरीर में कई तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं, जैसे-
- अनियमित मासिक धर्म
- सिरदर्द
- कंसीव करने में दिक्कत होना
- मूड में बहुत ज्यादा बदलाव होना, एंग्जाइटी और डिप्रेशन होना
- नींद न आने की दिक्कत
- हॉट फ्लैशेज
- वजन बढ़ना
- ब्लोटिंग।
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