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Uterine Prolapse: बच्चेदानी खिसकने की समस्या से बचने के लिए रोज करें कीगल एक्सरसाइज, जानें करने का तरीका

Kegel Exercise To Prevent Prolapse Uterus: कीगल एक्सरसाइज के जरिए पेल्विक एरिया को मजबूती मिलती है और बच्चेदानी के खिसकने का रिस्क कम हो सकता है।
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Uterine Prolapse: बच्चेदानी खिसकने की समस्या से बचने के लिए रोज करें कीगल एक्सरसाइज, जानें करने का तरीका


Kegel Exercise To Prevent Prolapse Uterus Know How To Do It In Hindi: बच्चेदानी खिसकना महिलाओं से जुड़ी समस्या है। बच्चादानी, वह रिप्रोडक्टिव ऑर्गन है, जहां भ्रूण का विकास होता है। अगर बच्चेदानी में जरा भी परेशानी हुई, तो वहां भ्रूण के लिए ठहरना और उसका सही तरह से विकास होना मुश्किल हो सकता है। बच्चेदानी खिसकने की समस्या खासकर उन महिलाओं में ज्यादा होती है, जो ओवर वेट होती हैं और जिनकी वजाइनल डिलीवरी या सी-सेक्शन डिलीवरी हुई होती है। असल में, बच्चेदानी खिसकने के रिस्क को कम नहीं किया जा सकता है। हां, लाइफस्टाइल में कुछ जरूरी बदलाव करके आप इसके जोखिम को कम जरूर कर सकते हैं। इसी तरह, कीगल एक्सरसाइज भी बच्चेदानी को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभा सकता है। यहां हम आपको बता रहे हैं कि कीगल एक्सरसाइज का बच्चेदानी पर क्या प्रभाव पड़ता है? इस बारे में हमने वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से बात की।

कीगल एक्सरसाइज करने का तरीका- How To Do  Kegel Exercise To Prevent Prolapse Uterus In Hindi

How To Do  Kegel Exercise To Prevent Prolapse Uterus In Hindi

  • सबसे पहले आप जमीन पर पीठ के बेल लेट जाएं।
  • घुटनों को इस तरह मोड़ें ताकि पैर के तलवे जमीन पर सटे हुए हों।
  • अपने पेट को रिलैक्स रखें। 
  • पीठ को हल्का सा ऊपर की ओर उठाएं।
  • हाथों को जमीन से सटाकर रखें।
  • इस दौरान मांसपेशियों को ढीला रखें।
  • तीन सेकेंड के लिए इसी अवस्था पर रहें फिर बॉडी को रिलैक्स करते हुए पुरानी अवस्था में लौट आएं।
  • इस प्रक्रिया को 6 माह तक 10 बार दोहराएं।

कीगल एक्सरसाइज का बच्चेदानी पर प्रभाव- Kegel Exercise To Prevent Prolapse Uterus In Hindi

Kegel Exercise To Prevent Prolapse Uterus In Hindi

Healthline वेबसाइट के अनुसार, "कीगल एक्सरसाइज मदद की मदद से पेल्विक एरिया मजबूत होता है और साथ मांसपेशियों पर भी अच्छा असर पड़ता है। इस तरह देखा जाए, तो जो मांसपेशियां बच्चेदानी को सपोर्ट करती हैं, उसे मजबूती मिलती है। इससे बच्चेदानी के खिसकने का रिस्क भी कम हो जाता है। यही नहीं, जो महिलाएं नियमित रूप से कीगल एक्सरसाइज करती हैं, उनमें यूरिन और गैस कंट्रोल करने की क्षमता बेहतर होती है। इसके अलावा, अगर प्रेग्नेंट महिला रोजाना इस एक्सराइज को करती है, तो इससे उनमें नॉर्मल डिलीवरी की संभावना भी बढ़ती है।"

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बच्चेदानी को खिसकने से रोकने के अन्य उपाय- Tips To Lower Risk Of Prolapse Uterus In Hindi

Hopkinsmedicine की मानें, यूं तो बच्चेदानी को खिसकने की समस्या से बचाव संभव नहीं है। लेकिन, जीवनशैली से जुड़े कुछ बदलावों की मदद से आप इसके जोखिम को कम कर सकते हैं, जैसे-

  • नियमित रूप से पेल्विक फ्लोर को मजबूत करने वाली एक्सरसाइज करें।
  • हैवी वेट लिफ्टिंग करने से बचें।
  • फाइबर युक्त आहार अपनी डाइट में शामिल करें। इससे कब्ज की समस्या से बचाव होगा। कब्ज भी बच्चेदानी के खिसकने का एक कारण हो सकता है।
  • अपने वजन को कम करने की कोशिश करें। ओवर वेट होना बच्चेदानी के खिसकने के साथ-साथ कई अन्य बीमारियों के जोखिम को बढ़ा देता है।

बच्चेदानी के खिसकने पर कौन-सी एक्सरसाइज न करें- Exercises To Avoid

अगर किसी महिला की बच्चेदानी खिसक गई है, तो उन्हें प्रॉपर मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत होती है। इसके अलावा, जब पूरी तरह रिकवरी हो जाए, तो इसके बाद कुछ खास किस्म की एक्सरसाइज करने से मना किया जा सकता है, जैसे-

  • बच्चेदानी खिसकने पर जंपिंग और स्किपिंग जैसी एक्सरसाइज न करें। इससे बच्चेदानी के खिसकने का रिस्क फिर से बढ़ जाता है। अगर किसी की बच्चेदानी की सर्जरी हुई है, तो रिकवरी का इंतजार करें।
  • बच्चेदानी खिसकने पर महिला को चाहिए कि वह कुछ दिनों के लिए एरोबिक्स भी न करे। यह उनकी हेल्थ पर नेगेटिव असर डाल सकता है।
  • बच्चेदानी खिसकने से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या होने पर भारी सामान उठाना, हैवी वेट लिफ्टिंग करना सही नही है। इसलिए, इस तरह की एक्टिविटी करने से बचें।

All Image Credit: Freepik

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